Numbers - गिनती 8 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. And Jehovah spoke to Moses, saying:

2. हारून को समझाकर यह कह, कि जब जब तू दीपकों को बारे तब तब सातों दीपक का प्रकाश दीवट के साम्हने हो।

2. Speak to Aaron, and say to him, When you set up the lamps, the seven lamps shall give light in front of the lampstand.

3. निदान हारून ने वैसा ही किया, अर्थात् जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार उस ने दीपकों को बारा, कि वे दीवट के साम्हने उजियाला दे।

3. And Aaron did so; he set up the lamps to face toward the front of the lampstand, as Jehovah had commanded Moses.

4. और दीवट की बनावट यह थी, अर्थात् यह पाए से लेकर फूलों तक गढ़े हुए सोने का बनाया गया था; जो नमूना यहोवा ने मूसा को दिखलाया था उसी के अनुसार उस ने दीवट को बनाया।।

4. And the workmanship of the lampstand was hammered gold; from its shaft to its flowers it was hammered work. According to the pattern which Jehovah had shown Moses, so he had made the lampstand.

5. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

5. And Jehovah spoke to Moses, saying:

6. इस्त्राएलियों के मध्य में से लेवियों को अलग लेकर शुद्ध कर।

6. Take the Levites from among the sons of Israel and cleanse them.

7. उन्हें शुद्ध करने के लिये तू ऐसा कर, कि पावन करने वाला जल उन पर छिड़क दे, फिर वे सर्वांग मुण्डन कराएं, और वस्त्रा धोएं, और वे अपने को स्वचछ करें।

7. Thus you shall do to them to cleanse them: Sprinkle water of sin offering on them, and they shall pass a razor over all their flesh and wash their clothes, and thus purify themselves.

8. तब वे तेल से सने हुए मैदे के अन्नबलि समेत एक बछड़ा ले लें, और तू पापबलि के लिये एक दूसरा बछड़ा लेना।

8. And let them take a young bull with its grain offering of fine flour mixed with oil, and you shall take another young bull as a sin offering.

9. और तू लेवियों को मिलापवाले तम्बू के साम्हने समीप पहुंचाना, और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली को इकट्ठा करना।

9. And you shall bring the Levites before the tent of meeting, and you shall gather together the whole congregation of the children of Israel.

10. तब तू लेवियों को यहोवा के आगे समीप ले आना, और इस्त्राएली अपने अपने हाथ उन पर रखें,

10. And you shall bring the Levites before Jehovah, and the sons of Israel shall lay their hands on the Levites;

11. तब हारून लेवियों को यहोवा के साम्हने इस्त्राएलियों की ओर से हिलाई हुई भेंट करके अर्पण करे, कि वे यहोवा की सेवा करनेवाले ठहरें।

11. and Aaron shall wave the Levites before Jehovah, as a wave offering from the sons of Israel, to serve in the service of Jehovah.

12. और लेवीय अपने अपने हाथ उन बछड़ों के सिरों पर रखें; तब तू लेवियों के लिये प्रायश्चित्त करने को एक बछड़ा पापबलि और दूसरा होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाना।

12. And the Levites shall lay their hands on the heads of the young bulls, and you shall offer one as a sin offering and the other as a burnt offering unto Jehovah, to make atonement for the Levites.

13. और लेवियों को हारून और उसके पुत्रों के सम्मुख खड़ा करना, और उनको हिलाने की भेंट के लिये यहोवा को अपर्ण करना।

13. And you shall have the Levites stand before Aaron and his sons, and offer them as a wave offering unto Jehovah.

14. और उन्हें इस्त्राएलियों में से अलग करना, सो वे मेरे ही ठहरेंगे।

14. Thus you shall separate the Levites from among the sons of Israel, and the Levites shall be Mine.

15. और जब तू लेवियों को शुद्ध करके हिलाई हुई भेंट के लिये अर्पण कर चुके, उसके बाद वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी सेवा टहल करने के लिये अन्दर आया करें।

15. Afterward the Levites shall go in to serve the tent of meeting. Thus you shall cleanse them and wave them, a wave offering.

16. क्योंकि वे इस्त्राएलियों मे से मुझे पूरी रीति से अर्पण किए हुए हैं; मै ने उनको सब इस्त्राएलियों में से एक एक स्त्री के पहिलौठे की सन्ती अपना कर लिया है।

16. For they are wholly given to Me from among the sons of Israel; I have taken them for Myself instead of all who open the womb, the firstborn of all the sons of Israel.

17. इस्त्राएलियों के पहिलौठे, चाहे मनुष्य के हों चाहे पशु के, सब मेरे हैं; क्योंकि मैं ने उन्हें उस समय अपने लिये पवित्रा ठहराया जब मैं ने मि देश के सब पहिलौठों को मार डाला।

17. For every firstborn among the sons of Israel is Mine, both man and beast; on the day that I struck all the firstborn in the land of Egypt I consecrated them to Myself.

18. और मैं ने इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों के बदले लेवियों को लिया है।

18. I have taken the Levites instead of all the firstborn of the sons of Israel.

19. उन्हे लेकर मै ने हारून और उसके पुत्रों को इस्त्राएलियों में से दान करके दे दिया है, कि वे मिलापवाले तम्बू में इस्त्राएलियों के निमित्त सेवकाई और प्रायश्चित्त किया करें, कहीं ऐसा न हो कि जब इस्त्राएली पवित्रास्थान के समीप आएं तब उन पर कोई महाविपत्ति आ पड़े।

19. And I have given the Levites as a gift to Aaron and his sons from among the sons of Israel, to serve in the service of the children of Israel in the tent of meeting, and to make atonement for the children of Israel, that there be no plague among the children of Israel by the children of Israel coming near the sanctuary.

20. लेवियों के विषय यहोवा की यह आज्ञा पाकर मूसा और हारून और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली ने उनके साथ ठीक वैसा ही किया।

20. Thus Moses and Aaron and all the congregation of the sons of Israel did to the Levites; according to all that Jehovah had commanded Moses concerning the Levites, thus the sons of Israel did to them.

21. लेवियों ने तो अपने को पाप से पावन किया, और अपने वस्त्रों को धो डाला; और हारून ने उन्हें यहोवा के साम्हने हिलाई हुई भेंट के निमित्त अर्पण किया, और उन्हें शुद्ध करने को उनके लिये प्राशिचाय्त्त भी किया।

21. And the Levites were purified and washed their clothes; and Aaron waved them as a wave offering before Jehovah, and Aaron made atonement for them to cleanse them.

22. और उसके बाद लेवीय हारून और उसके पुत्रों के साम्हने मिलापवाले तम्बू में अपनी अपनी सेवकाई करने को गए; और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को लेवियों के विषय में दी थी उसी के अनुसार वे उन से व्यवहार करने लगे।।

22. Afterward the Levites went in to do their service in the tent of meeting before Aaron and his sons; as Jehovah had commanded Moses concerning the Levites, thus they did to them.

23. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

23. And Jehovah spoke to Moses, saying,

24. जो लेवियों को करना है वह यह है, कि पच्चाीस वर्ष की अवस्था से लेकर उस से अधिक आयु में वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी काम करने के लिये भीतर उपस्थित हुआ करें;

24. This is what applies to the Levites: From twenty-five years old and above one shall enter to go forth to serve in the service of the tent of meeting;

25. और जब पचास वर्ष के हों तो फिर उस सेवा के लिये न आए और न काम करें;

25. and at the age of fifty years they shall return from going forth to this service, and shall serve no more.

26. परन्तु वे अपने भाई बन्धुओं के साथ मिलापवाले तम्बू के पास रक्षा का काम किया करें, और किसी प्रकार की सेवकाई न करें। लेवियों को जो जो काम सौंपे जाएं उनके विषय तू उन से ऐसा ही करना।।

26. They shall minister with their brethren in the tent of meeting, to keep the charge, but they shall not serve in any service. Thus you shall do to the Levites concerning their charge.



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