19. सेनाओं का यहोवा यों कहता है: चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएगें; इसलिये अब तुम सच्चाई और मेलमिलाप से प्रीति रखो।।
19. Thus sayth the Lord of hostes, The fast of the fourth moneth, and the fast of the fift, and the fast of the seuenth, and the fast of the tenth, shall be to the house of Iudah ioy and gladnes, and prosperous hie feasts: therefore loue the trueth and peace.