43. और वह देश उन से रहित होकर सूना पड़ा रहेगा, और उनके बिना सूना रहकर भी अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा; और वे लोग अपने अधर्म के दण्ड को अंगीकार करेगें, इसी कारण से कि उन्हों ने मेरी आज्ञाओं का उलंघन किया था, और उनकी आत्माओं को मेरी विधियों से घृणा थी।
43. 'And -- the land is left of them, and doth enjoy its sabbaths, in the desolation without them, and they accept the punishment of their iniquity, because, even because, against My judgments they have kicked, and My statutes hath their soul loathed,