Leviticus - लैव्यव्यवस्था 22 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. And Yahweh spake unto Moses, saying:

2. हारून और उसके पुत्रों से कह, कि इस्त्राएलियों की पवित्रा की हुई वस्तुओं से जिनको वे मेरे लिये पवित्रा करते हैं न्यारे रहें, और मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा न करें, मैं यहोवा हूं।

2. Speak unto Aaron, and unto his sons, That they hold sacredly aloof from the holy things of the sons of Israel, so as not to profane my holy name, in the things which they are hallowing unto me I, am Yahweh.

3. और उन से कह, कि तुम्हारी पीढ़ी- पीढ़ी में तुम्हारे सारे वंश में से जो कोई अपनी अशुद्धता की दशा में उन पवित्रा की हुई वस्तुओं के पास जाए, जिन्हें इस्त्राएली यहोवा के लिये पवित्रा करते हैं, वह प्राणी मेरे साम्हने से नाश किया जाएगा; मैं यहोवा हूं।

3. Say unto them Unto your generations, as touching any man who cometh near from among any of your seed, unto the hallowed things which the sons of Israel may hallow unto Yahweh, while his uncleanness is upon him, then shall that person be cut off from before me I, am Yahweh.

4. हारून के वंश में से कोई क्यों न हो जो कोढ़ी हो, वा उसके प्रमेह हो, वह मनुष्य जब तक शुद्ध न हो जाए तब तक पवित्रा की हुई वस्तुओं में से कुछ न खाए। और जो लोथ के कारण अशुद्ध हुआ हो, वा वीरर्य स्खलित हुआ हो, ऐसे मनुष्य को जो कोई छूए,

4. No man soever of the seed of Aaron who is a leper, or hath a flux, shall eat of the holy things, until he be clean, And as for him who toucheth anything that is unclean by the dead, or a man whose seed goeth from him;

5. और जो कोई किसी ऐसे रेंगनेहारे जन्तु को छूए जिस से लोग अशुद्ध हो सकते हैं, वा किसी ऐसे मनुष्य को छूए जिस में किसी प्रकार की अशुद्धता हो जो उसको भी लग सकती है।

5. or a man who toucheth any creeping thing, which is unclean to him, or toucheth any human being who hath uncleanness, to the extent of any thing that maketh him unclean,

6. तो वह प्राणी जो इन में से किसी को छूए सांझ तक अशुद्ध ठहरा रहे, और जब तक जल से स्नान न कर ले तब तक पवित्रा वस्तुओं में से कुछ न खाए।

6. any person who toucheth any such, shall then be unclean until the evening, and shall not eat of the hallowed things, unless he bathe his flesh in water.

7. तब सूर्य अस्त होने पर वह शुद्ध ठहरेगा; और तब वह पवित्रा वस्तुओं में से खा सकेगा, क्योंकि उसका भोजन वही है।

7. When the sun tooth in, then is he clean, and thereafter, he may eat of the hallowed things, for, his food, it is.

8. जो जानवर आप से मरा हो वा पशु से फाड़ा गया हो उसे खाकर वह अपने आप को अशुद्ध न करे; मैं यहोवा हूं।

8. That which dieth of itself or is torn in pieces, shall he not eat to make himself unclean thereby, I, am Yahweh.

9. इसलिये याजक लोग मेरी सौपी हुई वस्तुओं की रक्षा करें, ऐसा न हो कि वे उनको अपवित्रा करके पाप का भार उठाएं, और इसके कारण मर भी जाएं; मैं उनका पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।

9. Therefore shall they keep my charge, and shall not bear, for it, sin, and die therein, when they profane it, I Yahweh, am hallowing them.

10. पराए कुल का जन किसी पवित्रा वस्तु को न खाने पाए, चाहे वह याजक का पाहुन हो वा मजदूर हो, तौभी वह कोई पवित्रा वस्तु न खाए।

10. And, no stranger, shall eat what is hallowed, neither, one who dwelleth with a priest nor a hireling shall eat what is hallowed.

11. यदि याजक किसी प्राणी को रूपया देकर मोल ले, तो वह प्राणी उस में से खा सकता है; और जो याजक के घर में उत्पन्न हुए हों वे भी उसके भोजन में से खाएं।

11. But when, a priest, buyeth any person, as the purchase of his silver, he may eat thereof, and, the children of his household, they, may eat of his food.

12. और यदि याजक की बेटी पराए कुल के किसी पुरूष से ब्याही गई हो, तो वह भेंट की हुई पवित्रा वस्तुओं में से न खाए।

12. And, when, a priest's daughter, belongeth to a husband, who is a stranger, she, of the heave-offering of the hallowed things, may not eat.

13. यदि याजक की बेटी विधवा वा त्यागी हुई हो, और उसकी सन्तान न हो, और वह अपनी बाल्यावस्था की रीति के अनुसार अपने पिता के घर में रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खाए; पर पराए कुल का कोई उस में से न खाने पाए।

13. But, when a priest's daughter, cometh to be a widow or divorced and hath no seed, and so she returneth unto the house of her father, as in her youth, of the food of her father, she may eat, but no stranger, shall eat thereof.

14. और यदि कोई मनुष्य किसी पवित्रा वस्तु में से कुछ भूल से खा जाए, तो वह उसका पांचवां भाग बढ़ाकर उसे याजक को भर दे।

14. And, when, any man, eateth what is hallowed, by mistake, then shall he add the fifth part of it thereunto, and give unto the priest the hallowed thing:

15. और वे इस्त्राएलियों की पवित्रा की हुई वस्तुओं को, जिन्हें वे यहोवा के लिये चढ़ाएं, अपवित्रा न करें।

15. So shall they not profane the hallowed things of the sons of Israel, which they heave up unto Yahweh;

16. वे उनको अपनी पवित्रा वस्तुओं में से खिलाकर उन से अपराध का दोष न उठवाएं; मैं उनका पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।।

16. nor cause them to bear guilty iniquity, when they eat their hallowed things, For, I Yahweh, am hallowing them.

17. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

17. And Yahweh spake unto Moses, saying:

18. हारून और उसके पुत्रों से और इस्त्राएल के घराने वा इस्त्राएलियों में रहनेवाले परदेशियों में से कोई क्यों न हो जो मन्नत वा स्वेच्छाबलि करने के लिये यहोवा को कोई होमबलि चढ़ाए,

18. Speak unto Aaron, and unto his sons, and unto all the sons of Israel, and thou shalt say unto them What man, soever, of the house of Israel, or of the sojourners in Israel, may bring near his oblation, as regardeth any of their vows, or any of their freewill offerings which they may bring near unto Yahweh, as an ascending-sacrifice,

19. तो अपने निमित्त ग्रहणयोग्य ठहरने के लिये बैलों वा भेड़ों वा बकरियों में से निर्दोष नर चढ़ाया जाए।

19. that ye may be accepted, it must be a male without defect, of the beeves, or of the sheep, or of the goats:

20. जिस में कोई भी दोष हो उसे न चढ़ाना; क्योंकि वह तुम्हारे निमित्त ग्रहणयोग्य न ठहरेगा।

20. whatsoever hath in it a blemish, shall ye not bring near, for it shall not he accepted for you.

21. और जो कोई बैलों वा भेड़- बकरियों में से विशेष वस्तु संकल्प करने के लिये वा स्वेच्छाबलि के लिये यहोवा को मेलबलि चढ़ाए, तो ग्रहण होने के लिये अवश्य है कि वह निर्दोष हो, उस में कोई भी दोष न हो।

21. And, whosoever would bring near a peace-offering unto Yahweh, to consecrate a vow or as a freewill-offering with a bullock or a sheep, without defect, shall it be, to be accepted, no, blemish, shall be therein.

22. जो अन्धा वा अंग का टूटा वा लूला हो, वा उस में रसौली वा खौरा वा खुजली हो, ऐसों को यहोवा के लिये न चढ़ाना, उनको वेदी पर यहोवा के लिये हव्य न चढ़ाना।

22. Blind, or broken, or rent, or having a running sore, or scurvy, or scab, ye shall not bring these near unto Yahweh, and no, altar-flame, shall ye present therefrom upon the altar, unto Yahweh.

23. जिस किसी बैल वा भेड़ वा बकरे का कोई अंग अधिक वा कम हो उसको स्वेच्छाबलि कि लिये चढ़ा सकते हो, परन्तु मन्नत पूरी करने के लिये वह ग्रहण न होगा।

23. Whether an ox or a lamb long or short limb, as a free-will offering, thou mayest offer it, but, for a vow, it shall not he accepted.

24. जिसके अंड दबे वा कुचले वा टूटे वा कट गए हों उसको यहोवा के लिये न चढ़ाना, और अपने देश में भी ऐसा काम न करना।

24. But that which is bruised in the stones or broken therein, or torn or cut, shall ye neither bring ear unto Yahweh, nor on your own land, shall ye offer.

25. फिर इन में से किसी को तुम अपने परमेश्वर का भोजन जानकर किसी परदेशी से लेकर न चढ़ाओ; क्योंकि उन में उनका बिगाड़ वर्तमान है, उन में दोष है, इसलिये वे तुम्हारे निमित्त ग्रहण न होंगे।।

25. Even at the hand of the son of a stranger, shall ye not bring near the food of your God of any of these, for, their damage is in them, a blemish, is in them, they shall not be accepted for you.

26. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

26. And Yahweh spake unto Moses, saying:

27. जब बछड़ा वा भेड़ वा बकरी का बच्चा उत्पन्न हो, तो वह सात दिन तक अपनी मां के साथ रहे; फिर आठवें दिन से आगे को वह यहोवा के हव्यवाह चढ़ावे के लिये ग्रहणयोग्य ठहरेगा।

27. When, a beeve or a sheep or a goat, is brought forth, then shall it be seven days under its dam, and, from the eighth day and onwards, it shall be accepted as an oblation of an altar-flame unto Yahweh,

28. चाहे गाय, चाहे भेड़ी वा बकरी हो, उसको और उसके बच्चे को एक ही दिन में बलि न करना।

28. Whether cow or ewe it and its young, shall ye not slaughter on one day.

29. और जब तुम यहोवा के लिये धन्यवाद का मेलबलि चढ़ाओ, तो उसे इसी प्रकार से करना जिस से वह ग्रहणयोग्य ठहरे।।

29. And when ye would offer a sacrifice of thanksgiving unto Yahweh, for your acceptance, shall ye offer it.

30. वह उसी दिन खाया जाए, उस में से कुछ भी बिहान तक रहने न पाए; मैं यहोवा हूं।

30. On the same day, shall it be eaten, ye shall not leave thereof until morning, I, am Yahweh.

31. और तुम मेरी आज्ञाओं को मानना और उनका पालन करना; मैं यहोवा हूं।

31. So then ye shall observe my commandments, and do them, I, am Yahweh.

32. और मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा न ठहराना, क्योंकि मैं इस्त्राएलियों के बीच अवश्य ही पवित्रा माना जाऊंगा; मैं तुम्हारा पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।

32. So shall ye not profane my holy name, So shall I be hallowed in the midst of the sons of Israel, I, am Yahweh, who am hallowing you;

33. जो तुम को मि देश से निकाल लाया हूं जिस से तुम्हारा परमेश्वर बना रहूं; मैं यहोवा हूं।।

33. Who brought you forth out of the land of Egypt, that I might become your God, I, am Yahweh.



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