Leviticus - लैव्यव्यवस्था 20 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. আর সদাপ্রভু মোশিকে কহিলেন,

2. इस्त्राएलियों से कह, कि इस्त्राएलियों में से, वा इस्त्राएलियों के बीच रहनेवाले परदेशियों में से, कोई क्यों न हो जो अपनी कोई सन्तान मोलेक को बलिदान करे वह निश्चय मार डाला जाए; और जनता उसको पत्थरवाह करे।

2. তুমি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে আরও বল, ইস্রায়েল-সন্তানগণের কোন ব্যক্তি কিম্বা ইস্রায়েলের মধ্যে প্রবাসকারী কোন বিদেশী লোক যদি আপন বংশের কাহাকেও মোলক দেবের উদ্দেশে উৎসর্গ করে, তবে তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে, দেশের লোকেরা তাহাকে প্রস্তরাঘাতে বধ করিবে।

3. और मैं भी उस मनुष्य के विरूद्ध होकर उसको उसके लोगों में से इस कारण नाश करूंगा, कि उस ने अपनी सन्तान मोलेक को देकर मेरे पवित्रास्थान को अशुद्ध किया, और मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा ठहराया।

3. আর আমিও সেই ব্যক্তির প্রতি বিমুখ হইয়া তাহার লোকদের মধ্য হইতে তাহাকে উচ্ছিন্ন করিব; কেননা মোলক দেবের উদ্দেশে আপন বংশজাতকে দেওয়াতে সে আমার ধর্ম্মধাম অশুচি করে, ও আমার পবিত্র নাম অপবিত্র করে।

4. और यदि कोई अपनी सन्तान मोलेक को बलिदान करे, और जनता उसके विषय में आनाकानी करे, और उसको मार न डाले,

4. আর যে সময়ে সেই ব্যক্তি আপন বংশের কাহাকেও মোলক দেবের উদ্দেশে উৎসর্গ করে, তৎকালে যদি দেশীয় লোকেরা চক্ষু মুদ্রিত করে,

5. तब तो मैं स्वयं उस मनुष्य और उसके घराने के विरूद्ध होकर उसको और जितने उसके पीछे होकर मोलेक के साथ व्यभिचार करें उन सभों को भी उनके लोगों के बीच में से नाश करूंगा।

5. তাহাকে বধ না করে, তবে আমি সেই ব্যক্তির প্রতি ও তাহার গোষ্ঠীর প্রতি বিমুখ হইয়া তাহাকে ও মোলক দেবের সহিত ব্যভিচার করণার্থে তাহার অনুগামী ব্যভিচারী সকলকে তাহাদের লোকদের মধ্য হইতে উচ্ছিন্ন করিব।

6. फिर जो प्राणी ओझाओं वा भूतसाधनेवालों की ओर फिरके, और उनके पीछे होकर व्यभिचारी बने, तब मैं उस प्राणी के विरूद्ध होकर उसको उसके लोगों के बीच में से नाश कर दूंगा।

6. আর যে কোন প্রাণী ভূতড়িয়া কিম্বা গুণীদের অনুগমনে ব্যভিচার করিবার জন্য তাহাদের অভিমুখ হয়, আমি সেই প্রাণীর প্রতি বিমুখ হইয়া তাহার লোকদের মধ্য হইতে তাহাকে উচ্ছিন্ন করিব।

7. इसलिये तुम अपने आप को पवित्रा करो; और पवित्रा बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
1 पतरस 1:16

7. তোমরা আপনাদিগকে পবিত্র কর, পবিত্র হও; কেননা আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর।

8. और तुम मेरी विधियों को मानना, और उनका पालन भी करना; क्योंकि मैं तुम्हारा पवित्रा करनेवाला यहोवा हूं।

8. আর তোমরা আমার বিধি মান্য করিও, পালন করিও; আমি সদাপ্রভু তোমাদের পবিত্রকারী।

9. कोई क्यों न हो जो अपने पिता वा माता को शाप दे वह निश्चय मार डाला जाए; उस ने अपने पिता वा माता को शाप दिया है, इस कारण उसका खून उसी के सिर पर पड़ेगा।
मत्ती 15:4, मरकुस 7:10

9. যে কেহ আপন পিতাকে কিম্বা মাতাকে শাপ দেয়, তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; পিতামাতাকে শাপ দেওয়াতে তাহার রক্ত তাহারই উপরে বর্ত্তিবে।

10. फिर यदि कोई पराई स्त्री के साथ व्यभिचार करे, तो जिस ने किसी दूसरे की स्त्री के साथ व्यभिचार किया हो तो वह व्यभिचारी और वह व्यभिचारिणी दोनों निश्चय मार डाले जाएं।
यूहन्ना 8:5

10. আর যে ব্যক্তি পরের ভার্য্যার সহিত ব্যভিচার করে, যে ব্যক্তি প্রতিবাসীর ভার্য্যার সহিত ব্যভিচার করে, সেই ব্যভিচারী ও সেই ব্যভিচারিণী, উভয়ের প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে।

11. और यदि कोई अपनी सौतेली माता के साथ सोए, वह जो अपने पिता ही का तन उघाड़नेवाला ठहरेगा; सो इसलिये वे दोनों निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।

11. আর যে ব্যক্তি আপন পিতৃভার্য্যার সহিত শয়ন করে, সে আপন পিতার আবরণীয় অনাবৃত করে; তাহাদের দুই জনেরই প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে, তাহাদের রক্ত তাহাদের উপরে বর্ত্তিবে।

12. और यदि कोई अपनी पतोहू के साथ सोए, तो वे दोनों निश्चय मार डाले जाएं; क्योंकि वे उलटा काम करनेवाले ठहरेंगे, और उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।

12. এবং যদি কেহ নিজ পুত্রবধূর সহিত শয়ন করে, তবে তাহাদের দুই জনের প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; তাহারা বিপরীত কর্ম্ম করিয়াছে; তাহাদের রক্ত তাহাদের উপরে বর্ত্তিবে।

13. और यदि कोई जिस रीति स्त्री से उसी रीति पुरूष से प्रसंग करे, तो वे दोनों घिनौना काम करनेवाले ठहरेंगे; इस कारण वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।
रोमियों 1:27

13. আর যেমন স্ত্রীর সহিত, তেমনি পুরুষ যদি পুরুষের সহিত শয়ন করে, তবে তাহারা দুই জন ঘৃণার্হ ক্রিয়া করে; তাহাদের প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; তাহাদের রক্ত তাহাদের উপরে বর্ত্তিবে।

14. और यदि कोई अपनी पत्नी और अपनी सांस दोनों को रखे, तो यह महापाप है; इसलिये वह पुरूष और वे स्त्रियां तीनों के तीनों आग में जलाए जाएं, जिस से तुम्हारे बीच महापाप न हो।

14. আর যদি কেহ কোন স্ত্রীকে ও তাহার মাতাকে রাখে, তবে তাহা কুকর্ম্ম; তাহাদিগকে অগ্নিতে পোড়াইয়া দিতে হইবে, তাহাকে ও তাহাদের উভয়কে দিতে হইবে; যেন তোমাদের মধ্যে কুকার্য্য না হয়।

15. फिर यदि कोई पुरूष पशुगामी हो, तो पुरूष और पशु दोनों निश्चय मार डाले जाएं।

15. আর যে কেহ কোন পশুর সহিত শয়ন করে, তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; এবং তোমরা সেই পশুকেও বধ করিবে।

16. और यदि कोई स्त्री पशु के पास जाकर उसके संग कुकर्म करे, तो तू उस स्त्री और पशु दोनों को घात करना; वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।

16. আর কোন স্ত্রী যদি পশুর কাছে গিয়া তাহার সহিত শয়ন করে, তবে তুমি সেই স্ত্রীকে ও সেই পশুকে বধ করিবে; তাহাদের প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে, তাহাদের রক্ত তাহাদের উপরে বর্ত্তিবে।

17. और यदि कोई अपनी बहिन का, चाहे उसकी संगी बहिन हो चाहे सौतेली, उसका नग्न तन देखे, तो वह निन्दित बात है, वे दोनों अपने जाति भाइयों की आंखों के साम्हने नाश किए जाएं; क्योंकि जो अपनी बहिन का तन उघाड़नेवाला ठहरेगा उसे अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा।

17. আর যদি কেহ আপন ভগিনীকে, পিতৃকন্যাকে কিম্বা মাতৃকন্যাকে, গ্রহণ করে, ও উভয়ে উভয়ের আবরণীয় দেখে, তবে তাহা লজ্জাকর বিষয়; তাহারা আপন জাতির সন্তানদের সাক্ষাতে উচ্ছিন্ন হইবে; আপন ভগিনীর আবরণীয় অনাবৃত করাতে সে আপন অপরাধ বহন করিবে।

18. फिर यदि कोई पुरूष किसी ऋतुमती स्त्री के संग सोकर उसका तन उघाड़े, तो वह पुरूष उसके रूधिर के सोते का उघाड़नेवाला ठहरेगा, और वह स्त्री अपने रूधिर के सोते की उघाड़नेवाली ठहरेगी; इस कारण दोनों अपने लोगों के बीच से नाश किए जाएं।

18. আর যদি কেহ রজস্বলা স্ত্রীর সহিত শয়ন করে ও তাহার আবরণীয় অনাবৃত করে, তবে সেই পুরুষ তাহার রক্তাকর প্রকাশ করাতে, ও সেই স্ত্রী আপন রক্তাকর অনাবৃত করাতে তাহারা উভয়ে আপন লোকদের মধ্য হইতে উচ্ছিন্ন হইবে।

19. और अपनी मौसी वा फूफी का तन न उघाड़ना, क्योंकि जो उसे उघाड़े वह अपनी निकट कुटुम्बिन को नंगा करता है; इसलिये इन दोनों को अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।

19. আর তুমি আপন মাসীর কিম্বা পিসির আবরণীয় অনাবৃত করিও না; তাহা করিলে আপনার নিকটবর্ত্তী কুটুম্বের আবরণীয় অনাবৃত করা হয়, তাহারা উভয়েই আপন আপন অপরাধ বহন করিবে।

20. और यदि कोई अपनी चाची के संग सोए, तो वह अपने चाचा का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा; इसलिये वे दोनों अपने पाप का भार को उठाए हुए निर्वंश मर जाएंगे।

20. আর যদি কেহ আপন পিতৃব্যার সহিত শয়ন করে, তবে আপন পিতৃব্যের আবরণীয় অনাবৃত করে; তাহারা আপন আপন পাপ বহন করিবে, নিঃসন্তান হইয়া মরিবে।

21. और यदि कोई भौजी वा भयाहू को अपनी पत्नी बनाए, तो इसे घिनौना काम जानना; और वह अपने भाई का तन उघाड़नेवाला ठहरेगा, इस कारण वे दोनों निर्वंश रहेंगे।
मत्ती 14:3-4

21. আর যদি কেহ আপন ভ্রাতৃপত্নীকে গ্রহণ করে, তাহা অশুচি কর্ম্ম; আপন ভ্রাতৃপত্নীর আবরণীয় অনাবৃত করাতে তাহারা নিঃসন্তান থাকিবে।

22. तुम मेरी सब विधियों और मेरे सब नियमों को समझ के साथ मानना; जिससे यह न हो कि जिस देश में मैं तुम्हें लिये जा रहा हूं वह तुम को उगल देवे।

22. তোমরা আমার সমস্ত বিধি ও আমার সমস্ত শাসন মান্য করিও, পালন করিও; যেন আমি তোমাদের বাসার্থে তোমাদিগকে যে দেশে লইয়া যাইতেছি, সেই দেশ তোমাদিগকে উদগীরণ না করে।

23. और जिस जाति के लोगों को मैं तुम्हारे आगे से निकालता हूं उनकी रीति रस्म पर न चलना; क्योंकि उन लोगों ने जो ये सब कुकर्म किए हैं, इसी कारण मुझे उन से घृणा हो गई है।

23. আর আমি তোমাদের সম্মুখ হইতে যে জাতিকে দূর করিতে উদ্যত, তাহার আচারানুযায়ী আচরণ করিও না; কেননা তাহারা ঐ সকল ক্রিয়া করিত, এই জন্য আমি তাহাদিগকে ঘৃণা করিলাম।

24. और मैं तुम लोगों से कहता हूं, कि तुम तो उनकी भूमि के अधिकारी होगे, और मैं इस देश को जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम्हारे अधिकार में कर दूंगा; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जिस ने तुम को देशों के लोगों से अलग किया है।

24. কিন্তু আমি তোমাদিগকে বলিয়াছি, তোমরাই তাহাদের দেশ অধিকার করিবে, আমি তোমাদিগকে অধিকারার্থে সেই দুগ্ধমধুপ্রবাহী দেশ দিব; আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর; আমি অন্য জাতি সকল হইতে তোমাদিগকে পৃথক্‌ করিয়াছি।

25. इस कारण तुम शुद्ध और अशुद्ध पशुओं में, और शुद्ध और अशुद्ध पक्षियों में भेद करना; और कोई पशु वा पक्षी वा किसी प्रकार का भूमि पर रेंगनेवाला जीवजन्तु क्यों न हो, जिसको मैं ने तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहराकर वर्जित किया है, उस से अपने आप को अशुद्ध न करना।

25. অতএব তোমরা শুচি অশুচি পশুর ও শুচি অশুচি পক্ষীর প্রভেদ করিবে; আমি যে যে পশু, পক্ষী ও ভূচর কীটাদি জন্তুকে অশুচি বলিয়া তোমাদের হইতে পৃথক্‌ করিলাম, সে সকলের দ্বারা তোমরা আপনাদের প্রাণকে ঘৃণার্হ করিও না।

26. और तुम मेरे लिये पवित्रा बने रहना; क्योंकि मैं यहोवा स्वयं पवित्रा हूं, और मैं ने तुम को और देशों के लोगों से इसलिये अलग किया है कि तुम निरन्तर मेरे ही बने रहो।।

26. আর তোমরা আমার উদ্দেশে পবিত্র হও, কেননা আমি সদাপ্রভু পবিত্র, এবং আমি তোমাদিগকে জাতিগণ হইতে পৃথক্ করিয়াছি, যেন তোমরা আমারই হও।

27. यदि कोई पुरूष वा स्त्री ओझाई वा भूत की साधना करे, तो वह निश्चय मार डाला जाए; ऐसों का पत्थरवाह किया जाए, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।।

27. আর পুরুষের কিম্বা স্ত্রীর মধ্যে যে কেহ ভূতড়িয়া কিম্বা গুণী হয়, তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; লোকে তাহাদিগকে প্রস্তরাঘাতে বধ করিবে; তাহাদের রক্ত তাহাদের প্রতি বর্ত্তিবে।



Shortcut Links
लैव्यव्यवस्था - Leviticus : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |