Isaiah - यशायाह 22 | View All

1. दर्शन की तराई के विषय में भारी वचन। तुम्हें क्या हुआ कि तुम सब के सब छतों पर चढ़ गए हो,

1. The oracle concerning the valley of vision. What do you mean that you have gone up, all of you, to the housetops,

2. हे कोलाहल और ऊधम से भरी प्रसन्न नगरी? तुझ में जो मारे गए हैं वे न तो तलवार से और न लड़ाई में मारे गए हैं।

2. you that are full of shoutings, tumultuous city, exultant town? Your slain are not slain by the sword, nor are they dead in battle.

3. तेरे सब न्यायी एक संग भाग गए और धनुर्धारियों से बान्धे गए हैं। और तेरे जितने शेष पाए गए वे एक संग बान्धे गए, वे दूर भागे थे।

3. Your rulers have all fled together; they were captured without the use of a bow. All of you who were found were captured, though they had fled far away.

4. इस कारण मैं ने कहा, मेरी ओर से मुंह फेर लो कि मैं बिलक बिलककर रोऊं; मेरे नगर सत्यनाश होने के शोक में मुझे शान्ति देने का यत्न मत करो।।

4. Therefore I said: Look away from me, let me weep bitter tears; do not try to comfort me for the destruction of my beloved people.

5. क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा का ठहराया हुआ दिन होगा, जब दर्शन की तराई में कोलाहल और रौंदा जाना और बेचैनी होगी; शहरपनाह में सुरंग लगाई जाएगी और दोहाई का शब्द पहाड़ों तक पहुंचेगा।

5. For the Lord GOD of hosts has a day of tumult and trampling and confusion in the valley of vision, a battering down of walls and a cry for help to the mountains.

6. और एलाम पैदलों के दल और सवारों समेत तर्कश बान्धे हुए है, और कीर ढाल खोले हुए है।

6. Elam bore the quiver with chariots and cavalry, and Kir uncovered the shield.

7. तेरी उत्तम उत्तम तराइयां रथों से भरी हुई होंगी और सवार फाटक के साम्हने पांति बान्धेंगे। उस ने यहूदा का घूंघट खोल दिया है।

7. Your choicest valleys were full of chariots, and the cavalry took their stand at the gates.

8. उस दिन तू ने वन नाम भवन के अस्त्रा- शस्त्रा का स्मरण किया,

8. He has taken away the covering of Judah. On that day you looked to the weapons of the House of the Forest,

9. और तू ने दाऊदपुर की शहरपनाह की दरारों को देखा कि वे बहुत हैं, और तू ने निचले पोखरे के जल को इकट्ठा किया।

9. and you saw that there were many breaches in the city of David, and you collected the waters of the lower pool.

10. और यरूशलेम के घरों को गिनकर शहरपनाह के दृढ़ करने के लिये घरों को ढा दिया।

10. You counted the houses of Jerusalem, and you broke down the houses to fortify the wall.

11. तू ने दोनों भीतों के बीच पुराने पोखरे के जल के लिये एक कुंड खोदा। परन्तु तू ने उसके कर्ता को स्मरण नहीं किया, जिस ने प्राचीनकाल से उसको ठहरा रखा था, और न उसकी ओर तू ने दृष्टि की।।

11. You made a reservoir between the two walls for the water of the old pool. But you did not look to him who did it, or have regard for him who planned it long ago.

12. उस समय सेनाओं के प्रभु यहोवा ने रोने- पीटने, सिर मुंडाने और टाट पहिनने के लिये कहा था;

12. In that day the Lord GOD of hosts called to weeping and mourning, to baldness and putting on sackcloth;

13. परन्तु क्या देखा कि हर्ष और आनन्द मनाया जा रहा है, गाय- बैल का घात और भेड़- बकरी का वध किया जा रहा है, मांस खाया और दाखमधु पीया जा रहा है। और कहते हैं, आओ खाएं- पीएं, क्योंकि कल तो हमें मरना है।
1 कुरिन्थियों 15:32

13. but instead there was joy and festivity, killing oxen and slaughtering sheep, eating meat and drinking wine. Let us eat and drink, for tomorrow we die.

14. सेनाओं के यहोवा ने मेरे कान में कहा और अपने मन की बात प्रगट की, निश्चय तुम लोगों के इस अधर्म का कुछ भी प्रायश्चित्त तुम्हारी मृत्यु तक न हो सकेगा, सेनाओं के प्रभु यहोवा का यही कहना है।

14. The LORD of hosts has revealed himself in my ears: Surely this iniquity will not be forgiven you until you die, says the Lord GOD of hosts.

15. सेनाओं का प्रभु यहोवा यों कहता है, शेबना नाम उस भण्डारी के पास जो राजघराने के काम पर नियुक्त है जाकर कह, यहां तू क्या करता है?

15. Thus says the Lord GOD of hosts: Come, go to this steward, to Shebna, who is master of the household, and say to him:

16. और यहां तेरा कौन है कि तू ने अपनी कबर यहां खुदवाई है? तू अपनी कबर ऊंचे स्थान में खुदवाता और अपने रहने का स्थान चट्टान में खुदवाता है?

16. What right do you have here? Who are your relatives here, that you have cut out a tomb here for yourself, cutting a tomb on the height, and carving a habitation for yourself in the rock?

17. देख, यहोवा तुझ को बड़ी शक्ति से पकड़कर बहुत दूर फेंक देगा।

17. The LORD is about to hurl you away violently, my fellow. He will seize firm hold on you,

18. वह तुझे मरोड़कर गेन्द की नाई लम्बे चौड़े देश में फेंक देगा; हे अपने स्वामी के घराने को लज्जित करनेवाले वहां तू मरेगा और तेरे विभव के रथ वहीं रह जाएंगे।

18. whirl you round and round, and throw you like a ball into a wide land; there you shall die, and there your splendid chariots shall lie, O you disgrace to your master's house!

19. मैं तुझ को तेरे स्थान पर से ढकेल दूंगा, और तू अपने पद से उतार दिया जायेगा।

19. I will thrust you from your office, and you will be pulled down from your post.

20. उस समय मैं हिल्कियाह के पुत्रा अपने दास एल्याकीम को बुलाकर, उसे तेरा अंगरखा पहनाऊंगा,

20. On that day I will call my servant Eliakim son of Hilkiah,

21. और उसकी कमर में तेरी पेटी कसकर बान्धूंगा, और तेरी प्रभुता उसके हाथ में दूंगा। और वह यरूशलेम के रहनेवालों और यहूदा के घराने का पिता ठहरेगा।

21. and will clothe him with your robe and bind your sash on him. I will commit your authority to his hand, and he shall be a father to the inhabitants of Jerusalem and to the house of Judah.

22. और मैं दाऊद के घराने की कुंजी उसके कंधे पर रखूंगा, और वह खोलेगा और कोई बन्द न कर सकेगा; वह बन्द करेगा और कोई खोल न सकेगा।
प्रकाशितवाक्य 3:7

22. I will place on his shoulder the key of the house of David; he shall open, and no one shall shut; he shall shut, and no one shall open.

23. और मैं उसको दृढ़ स्थान में खूंटी की नाईं गाडूंगा, और वह अपने पिता के घराने के लिये विभव का कारण होगा।

23. I will fasten him like a peg in a secure place, and he will become a throne of honor to his ancestral house.

24. और उसके पिता से घराने का सारा विभव, वंश और सन्तान, सब छोटे- छोटे पात्रा, क्या कटोरे क्या सुराहियां, सब उस पर टांगी जाएंगी।

24. And they will hang on him the whole weight of his ancestral house, the offspring and issue, every small vessel, from the cups to all the flagons.

25. सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है कि उस समय वह खूंटी जो दृढ़ स्थान में गाड़ी गई थी, वह ढीली हो जाएगी, और काटकर गिराई जाएगी; और उस का बोझ गिर जाएगा, क्योंकि यहोवा ने यह कहा है।

25. On that day, says the LORD of hosts, the peg that was fastened in a secure place will give way; it will be cut down and fall, and the load that was on it will perish, for the LORD has spoken.



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