Proverbs - नीतिवचन 2 | View All

1. हे मेरे पुत्रा, यदि तू मेरे वचन ग्रहण करे, और मेरी आज्ञाओं को अपने हृदय में रख छोड़े,

1. বৎস, তুমি যদি আমার কথা সকল গ্রহণ কর, যদি আমার আজ্ঞা সকল তোমার কাছে সঞ্চয় কর,

2. और बुद्धि की बात ध्यान से सुने, और समझ की बात मन लगाकर सोचे;
इफिसियों 6:4

2. যদি প্রজ্ঞার দিকে কর্ণপাত কর, যদি বুদ্ধিতে মনোনিবেশ কর;

3. और प्रवीणता और समझ के लिये अति यत्न से पुकारे,
कुलुस्सियों 2:3, याकूब 1:5

3. হাঁ, যদি সুবিবেচনাকে আহ্বান কর, যদি বুদ্ধির জন্য উচ্চৈঃস্বর কর;

4. ओर उसको चान्दी की नाईं ढूंढ़े, और गुप्त धन के समान उसी खोज में लगा रहे;
मत्ती 13:44, कुलुस्सियों 2:3

4. যদি রৌপ্যের ন্যায় তাহার অন্বেষণ কর, গুপ্ত ধনের ন্যায় তাহার অনুসন্ধান কর;

5. तो तू यहोवा के भय को समझेगा, और परमेश्वर का ज्ञान तुझे प्राप्त होगा।

5. তবে সদাপ্রভুর ভয় বুঝিতে পারিবে, ঈশ্বরবিষয়ক জ্ঞান প্রাপ্ত হইবে।

6. क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है; ज्ञान और समझ की बातें उसी के मुंह से निकलती हैं।

6. কেননা সদাপ্রভুই প্রজ্ঞা দান করেন, তাঁহারই মুখ হইতে জ্ঞান ও বুদ্ধি নির্গত হয়।

7. वह सीधे लोगों के लिये खरी बुद्धि रख छोड़ता है; जो खराई से चलते हैं, उनके लिये वह ढाल ठहरता है।

7. তিনি সরলদিগের জন্য সূক্ষ্ম বুদ্ধি রাখেন, যাহারা সিদ্ধতায় চলে, তিনি তাহাদের ঢাল।

8. वह न्याय के पथों की देख भाल करता, और अपने भक्तों के मार्ग की रक्षा करता है।

8. তিনি বিচারের মার্গ সকল রক্ষা করেন, আপন সাধুদের পথ সংরক্ষণ করেন।

9. तब तू धर्म और न्याय, और सीधाई को, निदान सब भली- भली चाल समझ सकेगा;

9. অতএব তুমি ধার্ম্মিকতা ও বিচার বুঝিবে, ন্যায় ও সমস্ত উত্তম পথ বুঝিবে।

10. क्योंकि बुद्धि तो तेरे हृदय में प्रवेश करेगी, और ज्ञान तुझे मनभाऊ लगेगा;

10. কেননা প্রজ্ঞা তোমার হৃদয়ে প্রবেশ করিবে, জ্ঞান তোমার প্রাণের তুষ্টি জন্মাইবে,

11. विवेक तुझे सुरक्षित रखेगा; और समझ तेरी रक्षक होगी;

11. পরিণামদর্শিতা তোমার প্রহরী হইবে, বুদ্ধি তোমাকে রক্ষা করিবে;

12. ताकि तुझे बुराई के मार्ग से, और उलट फेर की बातों के कहने वालों से बचाए,

12. যেন তোমাকে উদ্ধার করে দুষ্টের পথ হইতে, সেই সকল লোক হইতে, যাহারা কুটিল বাক্য বলে,

13. जो सीधाई के मार्ग को छोड़ देते हैं, ताकि अन्धेरे मार्ग में चलें;

13. যাহারা সরলতার পথ ত্যাগ করে, অন্ধকার-মার্গে চলিবার নিমিত্ত;

14. जो बुराई करने से आनन्दित होते हैं, और दुष्ट जन की उलट फेर की बातों में मगन रहते हैं;

14. যাহারা কুক্রিয়াসাধনে আনন্দিত হয়, দুষ্টতার কুটিলতায় উল্লাসিত হয়;

15. जिनकी चालचलन टेढ़ी मेढ़ी और जिनके मार्ग बिगड़े हुए हैं।।

15. যাহারা বক্র পথের পথিক, আপন আপন আচরণে বিপথগামী।

16. तब तू पराई स्त्री से भी बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है,

16. সে তোমাকে উদ্ধার করিবে পরকীয়া স্ত্রী হইতে, সেই চাটুবাদিনী বিজাতীয়া হইতে,

17. और अपनी जवानी के साथी को छोड़ देती, और जो अपने परमेश्वर की वाचा को भूल जाती है।

17. সে যৌবনকালের মিত্রকে ত্যাগ করে, আপন ঈশ্বরের নিয়ম ভুলিয়া যায়;

18. उसका घर मृत्यु की ढलान पर है, और उसी डगरें मरे हुओं के बीच पहुंचाती हैं;

18. কেননা উহার বাটী মৃত্যুর দিকে অবনত, উহার পথ প্রেতলোকের দিকে অবনত;

19. जो उसके पास जाते हैं, उन में से कोई भी लौटकर नहीं आता; और न वे जीवन का मार्ग पाते हैं।।

19. যাহারা উহার কাছে যায়, তাহারা আর ফিরে না, তাহারা জীবনের পথ পায় না;

20. तू भले मनुष्यों के मार्ग में चल, और धर्मियों की बाट को पकड़े रह।

20. যেন তুমি সুশীলদের মার্গে চলিতে পার, যেন ধার্ম্মিকগণের পথ অবলম্বন কর;

21. क्योंकि धर्मी लोग देश में बसे रहेेंगे, और खरे लोग ही उस में बने रहेंगे।

21. কেননা সরলগণ দেশে বাস করিবে, সিদ্ধেরা তথায় অবশিষ্ট থাকিবে।

22. दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्वासघाती उस में से उखाड़े जाएंगे।।

22. কিন্তু দুষ্টগণ দেশ হইতে উচ্ছিন্ন হইবে, বিশ্বাসঘাতকেরা তথা হইতে উন্মূলিত হইবে।



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