Exodus - निर्गमन 3 | View All

1. मूसा अपने ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़- बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया।
प्रेरितों के काम 7:30

1. Now Moses was shepherding the flock of his father-in-law Jethro, the priest of Midian, and he led the flock to the far side of the desert and came to the mountain of God, to Horeb.

2. और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उस ने दृष्टि उठाकर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती।
मरकुस 12:26, लूका 20:37, प्रेरितों के काम 7:35, प्रेरितों के काम 7:30-31

2. The angel of the LORD appeared to him in a flame of fire from within a bush. He looked and the bush was ablaze with fire, but it was not being consumed!

3. तब मूसा ने सोचा, कि मैं उधर फिरके इस बड़े अचम्भे को देखूंगा, कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।
प्रेरितों के काम 7:30-31

3. So Moses thought, 'I will turn aside to see this amazing sight. Why does the bush not burn up?'

4. जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, कि हे मूसा, हे मूसा। मूसा ने कहा, क्या आज्ञा।

4. When the LORD saw that he had turned aside to look, God called to him from within the bush and said, 'Moses, Moses!' And Moses said, 'Here I am.'

5. उस ने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्रा भूमि है।
प्रेरितों के काम 7:33

5. God said, 'Do not approach any closer! Take your sandals off your feet, for the place where you are standing is holy ground.'

6. फिर उस ने कहा, मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं। तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर निहारने से डरता था अपना मुंह ढ़ाप लिया।
मत्ती 22:32, मरकुस 12:26, लूका 20:37, Acts,3,13,-732, इब्रानियों 11:16

6. He added, 'I am the God of your father, the God of Abraham, the God of Isaac, and the God of Jacob.' Then Moses hid his face, because he was afraid to look at God.

7. फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मि में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;
प्रेरितों के काम 7:34

7. The LORD said, 'I have surely seen the affliction of my people who are in Egypt. I have heard their cry because of their taskmasters, for I know their sorrows.

8. इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्त्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं।

8. I have come down to deliver them from the hand of the Egyptians and to bring them up from that land to a land that is both good and spacious, to a land flowing with milk and honey, to the region of the Canaanites, Hittites, Amorites, Perizzites, Hivites, and Jebusites.

9. सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्त्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है,

9. And now indeed the cry of the Israelites has come to me, and I have also seen how severely the Egyptians oppress them.

10. इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मि से निकाल ले आए।

10. So now go, and I will send you to Pharaoh to bring my people, the Israelites, out of Egypt.'

11. तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मै कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मि से निकाल ले आऊं ?

11. Moses said to God, 'Who am I, that I should go to Pharaoh, or that I should bring the Israelites out of Egypt?'

12. उस ने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजनेवाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मि से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे।
प्रेरितों के काम 7:7

12. He replied, 'Surely I will be with you, and this will be the sign to you that I have sent you: When you bring the people out of Egypt, you and they will serve God on this mountain.'

13. मूसा ने परमेश्वर से कहा, जब मैं इस्राएलियों के पास जाकर उन से यह कहूं, कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, तब यदि वे मुझ से पूछें, कि उसका क्या नाम है? तब मैं उनको क्या बताऊं?

13. Moses said to God, 'If I go to the Israelites and tell them, 'The God of your fathers has sent me to you,' and they ask me, 'What is his name?' what should I say to them?'

14. परमेश्वर ने मूसा से कहा, मैं जो हूं सो हूं। फिर उस ने कहा, तू इस्राएलियों से यह कहना, कि जिसका नाम मैं हूं है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।
प्रकाशितवाक्य 1:4-8, प्रकाशितवाक्य 4:8, प्रकाशितवाक्य 11:17, प्रकाशितवाक्य 16:5

14. God said to Moses, 'I AM that I AM.' And he said, 'You must say this to the Israelites, 'I AM has sent me to you.''

15. फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, कि तू इस्राएलियों से यह कहना, कि तुम्हारे पितरों का परमेश्वर, अर्थात् इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर, यहोवा उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।
मरकुस 22:32, लूका 12:26, प्रेरितों के काम 20:37, इब्रानियों 11:16

15. God also said to Moses, 'You must say this to the Israelites, 'The LORD the God of your fathers, the God of Abraham, the God of Isaac, and the God of Jacob has sent me to you. This is my name forever, and this is my memorial from generation to generation.'

16. इसलिये अब जाकर इस्राएली पुरनियों को इकट्ठा कर, और उन से कह, कि तुम्हारे पितर इब्राहीम, इसहाक, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने मुझे दर्शन देकर यह कहा है, कि मैं ने तुम पर और तुम से जो बर्ताव मि में किया जाता है उस पर भी चित लगाया है;
मत्ती 22:32, मरकुस 12:26

16. 'Go and bring together the elders of Israel and tell them, 'The LORD, the God of your fathers, appeared to me the God of Abraham, Isaac, and Jacob saying, 'I have attended carefully to you and to what has been done to you in Egypt,

17. और मैं ने ठान लिया है कि तुम को मि के दुखों में से निकालकर कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में ले चलूंगा, जो ऐसा देश है कि जिस में दूध और मधु की धारा बहती है।

17. and I have promised that I will bring you up out of the affliction of Egypt to the land of the Canaanites, Hittites, Amorites, Perizzites, Hivites, and Jebusites, to a land flowing with milk and honey.''

18. तब वे तेरी मानेंगे; और तू इस्राएली पुरनियों को संग लेकर मि के राजा के पास जाकर उस से यों कहना, कि इब्रियों के परमेश्वर, यहोवा से हम लोगों की भेंट हुई है; इसलिये अब हम को तीन दिन के मार्ग पर जंगल में जाने दे, कि अपने परमेश्वर यहोवा को बलिदान चढ़ाएं।

18. 'The elders will listen to you, and then you and the elders of Israel must go to the king of Egypt and tell him, 'The LORD, the God of the Hebrews, has met with us. So now, let us go three days' journey into the wilderness, so that we may sacrifice to the LORD our God.'

19. मैं जानता हूं कि मि का राजा तुम को जाने न देगा वरन बड़े बल से दबाए जाने पर भी जाने न देगा।

19. But I know that the king of Egypt will not let you go, not even under force.

20. इसलिये मैं हाथ बढ़ाकर उन सब आश्चर्यकर्मों से जो मि के बीच करूंगा उस देश को मारूंगा; और उसके पश्चात् वह तुम को जाने देगा।

20. So I will extend my hand and strike Egypt with all my wonders that I will do among them, and after that he will release you.

21. तब मैं मिस्त्रियों से अपनी इस प्रजा पर अनुग्रह करवाऊंगा; और जब तुम निकलोगे तब छूछे हाथ न निकलोगे।

21. 'I will grant this people favor with the Egyptians, so that when you depart you will not leave empty-handed.

22. वरन तुम्हारी एक एक स्त्री अपनी अपनी पड़ोसिन, और अपने अपने घर की पाहुनी से सोने चांदी के गहने, और वस्त्रा मांग लेगी, और तुम उन्हें अपने बेटों और बेटियों को पहिराना; इस प्रकार तुम मिस्त्रियों को लूटोगे।।

22. Every woman will ask her neighbor and the one who happens to be staying in her house for items of silver and gold and for clothing. You will put these articles on your sons and daughters thus you will plunder Egypt!'



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