26. कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्त्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करनेवाला यहोवा हूं।।
26. তুমি যদি আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর রবে মনোযোগ কর, তাঁহার দৃষ্টিতে যাহা ন্যায্য তাহাই কর, তাঁহার আজ্ঞাতে কর্ণ দেও, ও তাঁহার বিধি সকল পালন কর, তবে আমি মিস্রীয়দিগকে যে সকল রোগে আক্রান্ত করিলাম, সেই সকলেতে তোমাকে আক্রমণ করিতে দিব না; কেননা আমি সদাপ্রভু তোমার আরোগ্যকারী।