Psalms - भजन संहिता 119 | View All

1. क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!

1. Happy are those whose lives are faultless, who live according to the law of the LORD.

2. क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!

2. Happy are those who follow his commands, who obey him with all their heart.

3. फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।

3. They never do wrong; they walk in the LORD's ways.

4. तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं।

4. LORD, you have given us your laws and told us to obey them faithfully.

5. भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए!

5. How I hope that I shall be faithful in keeping your instructions!

6. तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।

6. If I pay attention to all your commands, then I will not be put to shame.

7. जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूंगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूंगा।

7. As I learn your righteous judgments, I will praise you with a pure heart.

8. मैं तेरी विधियों को मानूंगा: मुझे पूरी रीति से न तज!

8. I will obey your laws; never abandon me!

9. जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।

9. How can young people keep their lives pure? By obeying your commands.

10. मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!

10. With all my heart I try to serve you; keep me from disobeying your commandments.

11. मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं।

11. I keep your law in my heart, so that I will not sin against you.

12. हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!

12. I praise you, O LORD; teach me your ways.

13. तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।

13. I will repeat aloud all the laws you have given.

14. मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।

14. I delight in following your commands more than in having great wealth.

15. मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।

15. I study your instructions; I examine your teachings.

16. मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।।

16. I take pleasure in your laws; your commands I will not forget.

17. अपने दास का उपकार कर, कि मैं जीवित रहूं, और तेरे वचन पर चलता रहूं।

17. Be good to me, your servant, so that I may live and obey your teachings.

18. मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं।

18. Open my eyes, so that I may see the wonderful truths in your law.

19. मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूं; अपनी आज्ञाओं को मुझ से छिपाए न रख!

19. I am here on earth for just a little while; do not hide your commands from me.

20. मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।

20. My heart aches with longing; I want to know your judgments at all times.

21. तू ने अभिमानियों को, जो शापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटके हुए हैं।

21. You reprimand the proud; cursed are those who disobey your commands.

22. मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूं।

22. Free me from their insults and scorn, because I have kept your laws.

23. हाकिम भी बैठे हुए आपास में मेरे विरूद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।

23. The rulers meet and plot against me, but I will study your teachings.

24. तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं।।

24. Your instructions give me pleasure; they are my advisers.

25. मैं धूल में पड़ा हूं; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!

25. I lie defeated in the dust; revive me, as you have promised.

26. मैं ने अपनी चालचलन का तुझ से वर्णन किया है और तू ने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियां सिखा!

26. I confessed all I have done, and you answered me; teach me your ways.

27. अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आश्यर्चकर्मों पर ध्यान करूंगा।

27. Help me to understand your laws, and I will meditate on your wonderful teachings.

28. मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भल!

28. I am overcome by sorrow; strengthen me, as you have promised.

29. मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और करूणा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।

29. Keep me from going the wrong way, and in your goodness teach me your law.

30. मैं ने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूं।

30. I have chosen to be obedient; I have paid attention to your judgments.

31. मैं तेरी चितौनियों में लवलीन हूं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!

31. I have followed your instructions, LORD; don't let me be put to shame.

32. जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओ के मार्ग में दौडूंगा।।
2 कुरिन्थियों 6:11

32. I will eagerly obey your commands, because you will give me more understanding.

33. हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा।

33. Teach me, LORD, the meaning of your laws, and I will obey them at all times.

34. मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा।

34. Explain your law to me, and I will obey it; I will keep it with all my heart.

35. अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूं।

35. Keep me obedient to your commandments, because in them I find happiness.

36. मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।

36. Give me the desire to obey your laws rather than to get rich.

37. मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।

37. Keep me from paying attention to what is worthless; be good to me, as you have promised.

38. तेरा वचन जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।

38. Keep your promise to me, your servant--- the promise you make to those who obey you.

39. जिस नामधराई से मैं डरता हूं, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।

39. Save me from the insults I fear; how wonderful are your judgments!

40. देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूं; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।

40. I want to obey your commands; give me new life, for you are righteous.

41. हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;

41. Show me how much you love me, LORD, and save me according to your promise.

42. तब मैं अपनी नामधराई करनेवालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।

42. Then I can answer those who insult me because I trust in your word.

43. मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।

43. Enable me to speak the truth at all times, because my hope is in your judgments.

44. तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;

44. I will always obey your law, forever and ever.

45. और मैं चोड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।

45. I will live in perfect freedom, because I try to obey your teachings.

46. और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
रोमियों 1:16

46. I will announce your commands to kings and I will not be ashamed.

47. क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।

47. I find pleasure in obeying your commands, because I love them.

48. मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।।

48. I respect and love your commandments; I will meditate on your instructions.

49. जो वचन तू ने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तू ने मुझे आशा दी है।

49. Remember your promise to me, your servant; it has given me hope.

50. मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है।

50. Even in my suffering I was comforted because your promise gave me life.

51. अभिमानियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।

51. The proud are always scornful of me, but I have not departed from your law.

52. हे यहोवा, मैं ने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।

52. I remember your judgments of long ago, and they bring me comfort, O LORD.

53. जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं सन्ताप से जलता हूं।

53. When I see the wicked breaking your law, I am filled with anger.

54. जहां मैं परदेशी होकर रहता हूं, वहां तेरी विधियां, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।

54. During my brief earthly life I compose songs about your commands.

55. हे यहोवा, मैं ने रात को तेरा नाम स्मरण किया और तेरी व्यवस्था पर चला हूं।

55. In the night I remember you, LORD, and I think about your law.

56. यह मुझ से इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था।।

56. I find my happiness in obeying your commands.

57. यहोवा मेरा भाग है; मैं ने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।

57. You are all I want, O LORD; I promise to obey your laws.

58. मैं ने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिये अपने वचन के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर।

58. I ask you with all my heart to have mercy on me, as you have promised!

59. मैं ने अपनी चालचलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।

59. I have considered my conduct, and I promise to follow your instructions.

60. मैं ने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।

60. Without delay I hurry to obey your commands.

61. मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूं, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।

61. The wicked have laid a trap for me, but I do not forget your law.

62. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।

62. In the middle of the night I wake up to praise you for your righteous judgments.

63. जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूं।

63. I am a friend of all who serve you, of all who obey your laws.

64. हे यहोवा, तेरी करूणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियां सिखा!

64. LORD, the earth is full of your constant love; teach me your commandments.

65. हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।

65. You have kept your promise, LORD, and you are good to me, your servant.

66. मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।

66. Give me wisdom and knowledge, because I trust in your commands.

67. उस से पहिले कि मैं दु:खित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं।

67. Before you punished me, I used to go wrong, but now I obey your word.

68. तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा।

68. How good you are---how kind! Teach me your commands.

69. अभिमानियों ने तो मेरे विरूद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा।

69. The proud have told lies about me, but with all my heart I obey your instructions.

70. उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं।

70. They have no understanding, but I find pleasure in your law.

71. मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं।

71. My punishment was good for me, because it made me learn your commands.

72. तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है।।

72. The law that you gave means more to me than all the money in the world.

73. तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं।

73. You created me, and you keep me safe; give me understanding, so that I may learn your laws.

74. तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैं ने तेरे वचन पर आशा लगाई है।

74. Those who honor you will be glad when they see me, because I trust in your promise.

75. हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है।

75. I know that your judgments are righteous, LORD, and that you punished me because you are faithful.

76. मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है।

76. Let your constant love comfort me, as you have promised me, your servant.

77. तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूंगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।

77. Have mercy on me, and I will live because I take pleasure in your law.

78. अभिमानियों की आशा टूटे, क्योंकि उन्हों ने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा।

78. May the proud be ashamed for falsely accusing me; as for me, I will meditate on your instructions.

79. जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।

79. May those who honor you come to me--- all those who know your commands.

80. मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े।।

80. May I perfectly obey your commandments and be spared the shame of defeat.

81. मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।

81. I am worn out, LORD, waiting for you to save me; I place my trust in your word.

82. मेरी आंखें तेरे वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गईं है; और मैं कहता हूं कि तू मुझे कब शान्ति देगा?

82. My eyes are tired from watching for what you promised, while I ask, 'When will you help me?'

83. क्योंकि मैं धूएं में की कुप्पी के समान हो गया हूं, तौभी तेरी विधियों को नहीं भूला।

83. I am as useless as a discarded wineskin; yet I have not forgotten your commands.

84. तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?

84. How much longer must I wait? When will you punish those who persecute me?

85. अभिमानी जो तरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्हों ने मेरे लिये गड़हे खोदे हैं।

85. The proud, who do not obey your law, have dug pits to trap me.

86. तेरी सब आज्ञाएं विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!

86. Your commandments are all trustworthy; people persecute me with lies---help me!

87. वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैं ने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।

87. They have almost succeeded in killing me, but I have not neglected your commands.

88. अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूंगा।।

88. Because of your constant love be good to me, so that I may obey your laws.

89. हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।

89. Your word, O LORD, will last forever; it is eternal in heaven.

90. तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।

90. Your faithfulness endures through all the ages; you have set the earth in place, and it remains.

91. वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।

91. All things remain to this day because of your command, because they are all your servants.

92. यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।

92. If your law had not been the source of my joy, I would have died from my sufferings.

93. मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।

93. I will never neglect your instructions, because by them you have kept me alive.

94. मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।

94. I am yours---save me! I have tried to obey your commands.

95. दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।

95. The wicked are waiting to kill me, but I will meditate on your laws.

96. जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।।

96. I have learned that everything has limits; but your commandment is perfect.

97. अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।

97. How I love your law! I think about it all day long.

98. तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।

98. Your commandment is with me all the time and makes me wiser than my enemies.

99. मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।

99. I understand more than all my teachers, because I meditate on your instructions.

100. मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।

100. I have greater wisdom than those who are old, because I obey your commands.

101. मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।

101. I have avoided all evil conduct, because I want to obey your word.

102. मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।

102. I have not neglected your instructions, because you yourself are my teacher.

103. तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!

103. How sweet is the taste of your instructions--- sweeter even than honey!

104. तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।

104. I gain wisdom from your laws, and so I hate all bad conduct.

105. तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।

105. Your word is a lamp to guide me and a light for my path.

106. मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्मपय नियमों के अनुसार चलूंगा।

106. I will keep my solemn promise to obey your just instructions.

107. मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।

107. My sufferings, LORD, are terrible indeed; keep me alive, as you have promised.

108. हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जानकर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।

108. Accept my prayer of thanks, O LORD, and teach me your commands.

109. मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।

109. I am always ready to risk my life; I have not forgotten your law.

110. दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।

110. The wicked lay a trap for me, but I have not disobeyed your commands.

111. मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण है।

111. Your commandments are my eternal possession; they are the joy of my heart.

112. मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

112. I have decided to obey your laws until the day I die.

113. मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।

113. I hate those who are not completely loyal to you, but I love your law.

114. तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।

114. You are my defender and protector; I put my hope in your promise.

115. हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।

115. Go away from me, you sinful people. I will obey the commands of my God.

116. हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!

116. Give me strength, as you promised, and I shall live; don't let me be disappointed in my hope!

117. मुझे थांभ रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!

117. Hold me, and I will be safe, and I will always pay attention to your commands.

118. जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।

118. You reject everyone who disobeys your laws; their deceitful schemes are useless.

119. तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों में प्रीति रखता हूं।

119. You treat all the wicked like rubbish, and so I love your instructions.

120. तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं।।

120. Because of you I am afraid; I am filled with fear because of your judgments.

121. मैं ने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अन्धेर करनेवालों के हाथ में न छोड़।

121. I have done what is right and good; don't abandon me to my enemies!

122. अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अभिमानी मुझ पर अन्धेर न करने पांए।

122. Promise that you will help your servant; don't let the arrogant oppress me!

123. मेरी आंखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई हैं।

123. My eyes are tired from watching for your saving help, for the deliverance you promised.

124. अपने दास के संग अपनी करूणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियां मुझे सिखा।

124. Treat me according to your constant love, and teach me your commands.

125. मैं तेरा दास हूं, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूं।

125. I am your servant; give me understanding, so that I may know your teachings.

126. वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।

126. LORD, it is time for you to act, because people are disobeying your law.

127. इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूं।

127. I love your commands more than gold, more than the finest gold.

128. इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।

128. And so I follow all your instructions; I hate all wrong ways.

129. तेरी चितौनियां अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूं।

129. Your teachings are wonderful; I obey them with all my heart.

130. तेरी बातों के खुलने से प्राकाश होता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।

130. The explanation of your teachings gives light and brings wisdom to the ignorant.

131. मैं मुंह खोलकर हांफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।

131. In my desire for your commands I pant with open mouth.

132. जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर।

132. Turn to me and have mercy on me as you do on all those who love you.

133. मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।

133. As you have promised, keep me from falling; don't let me be overcome by evil.

134. मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा।

134. Save me from those who oppress me, so that I may obey your commands.

135. अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियां मुझे सिखा।

135. Bless me with your presence and teach me your laws.

136. मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते।।

136. My tears pour down like a river, because people do not obey your law.

137. हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।
प्रकाशितवाक्य 16:5-7, प्रकाशितवाक्य 19:2

137. You are righteous, LORD, and your laws are just.

138. तू ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।

138. The rules that you have given are completely fair and right.

139. मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।

139. My anger burns in me like a fire, because my enemies disregard your commands.

140. तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है।

140. How certain your promise is! How I love it!

141. मैं छोटा और तुच्छ हूं, तौभी मैं तेरे उपदेशों को नही भूलता।

141. I am unimportant and despised, but I do not neglect your teachings.

142. तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।

142. Your righteousness will last forever, and your law is always true.

143. मैं संकट और सकेती में फंसा हूं, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूं।

143. I am filled with trouble and anxiety, but your commandments bring me joy.

144. तेरी चितौनियां सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूं।।

144. Your instructions are always just; give me understanding, and I shall live.

145. मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूंगा।

145. With all my heart I call to you; answer me, LORD, and I will obey your commands!

146. मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूंगा।

146. I call to you; save me, and I will keep your laws.

147. मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।

147. Before sunrise I call to you for help; I place my hope in your promise.

148. मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं।

148. All night long I lie awake, to meditate on your instructions.

149. अपनी करूणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीति के अनुसार मुझे जीवित कर।

149. Because your love is constant, hear me, O LORD; show your mercy, and preserve my life!

150. जो दुष्टता में धुन लगाते हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।

150. My cruel persecutors are coming closer, people who never keep your law.

151. हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं।

151. But you are near to me, LORD, and all your commands are permanent.

152. बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूं, कि तू ने उनकी नेव सदा के लिये डाली है।।

152. Long ago I learned about your instructions; you made them to last forever.

153. मेरे दु:ख को देखकर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।

153. Look at my suffering, and save me, because I have not neglected your law.

154. मेरा मुक मा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला।

154. Defend my cause, and set me free; save me, as you have promised.

155. दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।

155. The wicked will not be saved, for they do not obey your laws.

156. हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिये अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।

156. But your compassion, LORD, is great; show your mercy and save me!

157. मेरा पीछा करनेवाले और मेरे सतानेवाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।

157. I have many enemies and oppressors, but I do not fail to obey your laws.

158. मैं विश्वासघातियों को देखकर उदास हुआ, क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।

158. When I look at those traitors, I am filled with disgust, because they do not keep your commands.

159. देख, मैं तेरे नियमों से कैसी प्रीति रखता हूं! हे यहोवा, अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला।

159. See how I love your instructions, LORD. Your love never changes, so save me!

160. तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक एक धर्ममय नियम सदा काल तक अटल है।।

160. The heart of your law is truth, and all your righteous judgments are eternal.

161. हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।
यूहन्ना 15:25

161. Powerful people attack me unjustly, but I respect your law.

162. जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं।

162. How happy I am because of your promises--- as happy as someone who finds rich treasure.

163. झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।

163. I hate and detest all lies, but I love your law.

164. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बेर तेरी स्तुति करता हूं।

164. Seven times each day I thank you for your righteous judgments.

165. तेरी व्यवस्था से प्रीति रखनेवालों को बड़ी शान्ति होती है; और उनको कुछ ठोकर नहीं लगती।
1 यूहन्ना 2:10

165. Those who love your law have perfect security, and there is nothing that can make them fall.

166. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूं; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूं।

166. I wait for you to save me, LORD, and I do what you command.

167. मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूं, और उन से बहुत प्रीति रखता आया हूं।

167. I obey your teachings; I love them with all my heart.

168. मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूं, क्योंकि मेरी सारी चालचलन तेरे सम्मुख प्रगट है।।

168. I obey your commands and your instructions; you see everything I do.

169. हे यहोवा, मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!

169. Let my cry for help reach you, LORD! Give me understanding, as you have promised.

170. मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।

170. Listen to my prayer, and save me according to your promise!

171. मेरे मुंह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियां सिखाता है।

171. I will always praise you, because you teach me your laws.

172. मैं तेरे वचन का गीत गाऊंगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएं धर्ममय हैं।

172. I will sing about your law, because your commands are just.

173. तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों को अपनाया है।

173. Always be ready to help me, because I follow your commands.

174. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूं, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।

174. How I long for your saving help, O LORD! I find happiness in your law.

175. मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूंगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।

175. Give me life, so that I may praise you; may your instructions help me.

176. मैं खोई हुई भेड़ की नाईं भटका हूं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया।।

176. I wander about like a lost sheep; so come and look for me, your servant, because I have not neglected your laws.



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