Psalms - भजन संहिता 119 | View All

1. क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!

1. [Aleph.] O the happiness of those perfect in the way, They are walking in the law of Jehovah,

2. क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!

2. O the happiness of those keeping His testimonies, With the whole heart they seek Him.

3. फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।

3. Yea, they have not done iniquity, In His ways they have walked.

4. तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं।

4. Thou hast commanded us Thy precepts to keep diligently,

5. भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए!

5. O that my ways were prepared to keep Thy statutes,

6. तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।

6. Then I am not ashamed In my looking unto all Thy commands.

7. जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूंगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूंगा।

7. I confess Thee with uprightness of heart, In my learning the judgments of Thy righteousness.

8. मैं तेरी विधियों को मानूंगा: मुझे पूरी रीति से न तज!

8. Thy statutes I keep, leave me not utterly!

9. जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।

9. [Beth.] With what doth a young man purify his path? To observe -- according to Thy word.

10. मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!

10. With all my heart I have sought Thee, Let me not err from Thy commands.

11. मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं।

11. In my heart I have hid Thy saying, That I sin not before Thee.

12. हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!

12. Blessed [art] Thou, O Jehovah, teach me Thy statutes.

13. तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।

13. With my lips I have recounted All the judgments of Thy mouth.

14. मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।

14. In the way of Thy testimonies I have joyed, As over all wealth.

15. मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।

15. In Thy precepts I meditate, And I behold attentively Thy paths.

16. मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।।

16. In Thy statutes I delight myself, I do not forget Thy word.

17. अपने दास का उपकार कर, कि मैं जीवित रहूं, और तेरे वचन पर चलता रहूं।

17. [Gimel.] Confer benefits on Thy servant, I live, and I keep Thy word.

18. मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं।

18. Uncover mine eyes, and I behold wonders out of Thy law.

19. मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूं; अपनी आज्ञाओं को मुझ से छिपाए न रख!

19. A sojourner I [am] on earth, Hide not from me Thy commands.

20. मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।

20. Broken hath my soul for desire Unto Thy judgments at all times.

21. तू ने अभिमानियों को, जो शापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटके हुए हैं।

21. Thou hast rebuked the cursed proud, Who are erring from Thy commands.

22. मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूं।

22. Remove from me reproach and contempt, For Thy testimonies I have kept.

23. हाकिम भी बैठे हुए आपास में मेरे विरूद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।

23. Princes also sat -- against me they spoke, Thy servant doth meditate in Thy statutes,

24. तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं।।

24. Thy testimonies also [are] my delight, The men of my counsel!

25. मैं धूल में पड़ा हूं; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!

25. [Daleth.] Cleaved to the dust hath my soul, Quicken me according to Thy word.

26. मैं ने अपनी चालचलन का तुझ से वर्णन किया है और तू ने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियां सिखा!

26. My ways I have recounted, And Thou answerest me, teach me Thy statutes,

27. अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आश्यर्चकर्मों पर ध्यान करूंगा।

27. The way of Thy precepts cause me to understand, And I meditate in Thy wonders.

28. मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भल!

28. My soul hath dropped from affliction, Establish me according to Thy word.

29. मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और करूणा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।

29. The way of falsehood turn aside from me And with Thy law favour me.

30. मैं ने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूं।

30. The way of faithfulness I have chosen, Thy judgments I have compared,

31. मैं तेरी चितौनियों में लवलीन हूं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!

31. I have adhered to Thy testimonies, O Jehovah, put me not to shame.

32. जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओ के मार्ग में दौडूंगा।।
2 कुरिन्थियों 6:11

32. The way of Thy commands I run, For Thou dost enlarge my heart!

33. हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा।

33. [He.] Show me, O Jehovah, the way of Thy statutes, And I keep it -- [to] the end.

34. मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा।

34. Cause me to understand, and I keep Thy law, And observe it with the whole heart.

35. अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूं।

35. Cause me to tread in the path of Thy commands, For in it I have delighted.

36. मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।

36. Incline my heart unto Thy testimonies, And not unto dishonest gain.

37. मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।

37. Remove mine eyes from seeing vanity, In Thy way quicken Thou me.

38. तेरा वचन जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।

38. Establish to Thy servant Thy saying, That [is] concerning Thy fear.

39. जिस नामधराई से मैं डरता हूं, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।

39. Remove my reproach that I have feared, For Thy judgments [are] good.

40. देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूं; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।

40. Lo, I have longed for Thy precepts, In Thy righteousness quicken Thou me,

41. हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;

41. [Waw.] And meet me doth Thy kindness, O Jehovah, Thy salvation according to Thy saying.

42. तब मैं अपनी नामधराई करनेवालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।

42. And I answer him who is reproaching me a word, For I have trusted in Thy word.

43. मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।

43. And Thou takest not utterly away From my mouth the word of truth, Because for Thy judgment I have hoped.

44. तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;

44. And I keep Thy law continually, To the age and for ever.

45. और मैं चोड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।

45. And I walk habitually in a broad place, For Thy precepts I have sought.

46. और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
रोमियों 1:16

46. And I speak of Thy testimonies before kings, And I am not ashamed.

47. क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।

47. And I delight myself in Thy commands, That I have loved,

48. मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।।

48. And I lift up my hands unto Thy commands, That I have loved, And I do meditate on Thy statutes!

49. जो वचन तू ने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तू ने मुझे आशा दी है।

49. [Zain.] Remember the word to Thy servant, On which Thou hast caused me to hope.

50. मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है।

50. This [is] my comfort in mine affliction, That Thy saying hath quickened me.

51. अभिमानियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।

51. The proud have utterly scorned me, From Thy law I have not turned aside.

52. हे यहोवा, मैं ने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।

52. I remembered Thy judgments of old, O Jehovah, And I comfort myself.

53. जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं सन्ताप से जलता हूं।

53. Horror hath seized me, Because of the wicked forsaking Thy law.

54. जहां मैं परदेशी होकर रहता हूं, वहां तेरी विधियां, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।

54. Songs have been to me Thy statutes, In the house of my sojournings.

55. हे यहोवा, मैं ने रात को तेरा नाम स्मरण किया और तेरी व्यवस्था पर चला हूं।

55. I have remembered in the night Thy name, O Jehovah, And I do keep Thy law.

56. यह मुझ से इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था।।

56. This hath been to me, That Thy precepts I have kept!

57. यहोवा मेरा भाग है; मैं ने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।

57. [Cheth.] My portion [is] Jehovah; I have said -- to keep Thy words,

58. मैं ने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिये अपने वचन के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर।

58. I appeased Thy face with the whole heart, Favour me according to Thy saying.

59. मैं ने अपनी चालचलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।

59. I have reckoned my ways, And turn back my feet unto Thy testimonies.

60. मैं ने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।

60. I have made haste, And delayed not, to keep Thy commands.

61. मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूं, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।

61. Cords of the wicked have surrounded me, Thy law I have not forgotten.

62. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।

62. At midnight I rise to give thanks to Thee, For the judgments of Thy righteousness.

63. जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूं।

63. A companion I [am] to all who fear Thee, And to those keeping Thy precepts.

64. हे यहोवा, तेरी करूणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियां सिखा!

64. Of Thy kindness, O Jehovah, the earth is full, Thy statutes teach Thou me!

65. हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।

65. [Teth.] Good Thou didst with Thy servant, O Jehovah, According to Thy word.

66. मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।

66. The goodness of reason and knowledge teach me, For in Thy commands I have believed.

67. उस से पहिले कि मैं दु:खित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं।

67. Before I am afflicted, I -- I am erring, And now Thy saying I have kept.

68. तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा।

68. Good Thou [art], and doing good, Teach me Thy statutes.

69. अभिमानियों ने तो मेरे विरूद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा।

69. Forged against me falsehood have the proud, I with the whole heart keep Thy precepts.

70. उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं।

70. Insensate as fat hath been their heart, I -- in Thy law I have delighted.

71. मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं।

71. Good for me that I have been afflicted, That I might learn Thy statutes.

72. तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है।।

72. Better to me [is] the law of Thy mouth Than thousands of gold and silver!

73. तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं।

73. [Yod.] Thy hands made me and establish me, Cause me to understand, and I learn Thy commands.

74. तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैं ने तेरे वचन पर आशा लगाई है।

74. Those fearing Thee see me and rejoice, Because for Thy word I have hoped.

75. हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है।

75. I have known, O Jehovah, That righteous [are] Thy judgments, And [in] faithfulness Thou hast afflicted me.

76. मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है।

76. Let, I pray Thee, Thy kindness be to comfort me, According to Thy saying to Thy servant.

77. तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूंगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।

77. Meet me do Thy mercies, and I live, For Thy law [is] my delight.

78. अभिमानियों की आशा टूटे, क्योंकि उन्हों ने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा।

78. Ashamed are the proud, For [with] falsehood they dealt perversely with me. I meditate in Thy precepts.

79. जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।

79. Those fearing Thee turn back to me, And those knowing Thy testimonies.

80. मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े।।

80. My heart is perfect in Thy statutes, So that I am not ashamed.

81. मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।

81. [Kaph.] Consumed for Thy salvation hath been my soul, For Thy word I have hoped.

82. मेरी आंखें तेरे वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गईं है; और मैं कहता हूं कि तू मुझे कब शान्ति देगा?

82. Consumed have been mine eyes for Thy word, Saying, 'When doth it comfort me?'

83. क्योंकि मैं धूएं में की कुप्पी के समान हो गया हूं, तौभी तेरी विधियों को नहीं भूला।

83. For I have been as a bottle in smoke, Thy statutes I have not forgotten.

84. तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?

84. How many [are] the days of Thy servant? When dost Thou execute Against my pursuers judgment?

85. अभिमानी जो तरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्हों ने मेरे लिये गड़हे खोदे हैं।

85. The proud have digged for me pits, That [are] not according to Thy law.

86. तेरी सब आज्ञाएं विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!

86. All Thy commands [are] faithfulness, [With] falsehood they have pursued me, Help Thou me.

87. वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैं ने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।

87. Almost consumed me on earth have they, And I -- I have not forsaken Thy precepts.

88. अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूंगा।।

88. According to Thy kindness quicken Thou me, And I keep the testimony of Thy mouth!

89. हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।

89. [Lamed.] To the age, O Jehovah, Thy word is set up in the heavens.

90. तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।

90. To all generations Thy faithfulness, Thou didst establish earth, and it standeth.

91. वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।

91. According to Thine ordinances They have stood this day, for the whole [are] Thy servants.

92. यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।

92. Unless Thy law [were] my delights, Then had I perished in mine affliction.

93. मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।

93. To the age I forget not Thy precepts, For by them Thou hast quickened me.

94. मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।

94. I [am] Thine, save Thou me, For Thy precepts I have sought.

95. दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।

95. Thy wicked waited for me to destroy me, Thy testimonies I understand.

96. जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।।

96. Of all perfection I have seen an end, Broad [is] Thy command -- exceedingly!

97. अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।

97. [Mem.] O how I have loved Thy law! All the day it [is] my meditation.

98. तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।

98. Than mine enemies Thy command maketh me wiser, For it [is] before me to the age.

99. मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।

99. Above all my teachers I have acted wisely. For Thy testimonies [are] my meditation.

100. मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।

100. Above elders I understand more, For Thy precepts I have kept.

101. मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।

101. From every evil path I restrained my feet, So that I keep Thy word.

102. मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।

102. From Thy judgments I turned not aside, For Thou -- Thou hast directed me.

103. तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!

103. How sweet to my palate hath been Thy saying, Above honey to my mouth.

104. तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।

104. From Thy precepts I have understanding, Therefore I have hated every false path!

105. तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।

105. [Nun.] A lamp to my foot [is] Thy word, And a light to my path.

106. मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्मपय नियमों के अनुसार चलूंगा।

106. I have sworn, and I confirm [it], To keep the judgments of Thy righteousness.

107. मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।

107. I have been afflicted very much, O Jehovah, quicken me, according to Thy word.

108. हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जानकर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।

108. Free-will-offerings of my mouth, Accept, I pray Thee, O Jehovah, And Thy judgments teach Thou me.

109. मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।

109. My soul [is] in my hand continually, And Thy law I have not forgotten.

110. दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।

110. The wicked have laid a snare for me, And from thy precepts I wandered not.

111. मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण है।

111. I have inherited Thy testimonies to the age, For the joy of my heart [are] they.

112. मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

112. I have inclined my heart To do Thy statutes, to the age -- [to] the end!

113. मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।

113. [Samech.] Doubting ones I have hated, And Thy law I have loved.

114. तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।

114. My hiding place and my shield [art] Thou, For Thy word I have hoped.

115. हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।

115. Turn aside from me, ye evil-doers, And I keep the commands of my God.

116. हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!

116. Sustain me according to Thy saying, And I live, and Thou puttest me not to shame Because of my hope.

117. मुझे थांभ रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!

117. Support Thou me, and I am saved, And I look on Thy statutes continually.

118. जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।

118. Thou hast trodden down All going astray from Thy statutes, For falsehood [is] their deceit.

119. तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों में प्रीति रखता हूं।

119. Dross! Thou hast caused to cease All the wicked of the earth; Therefore I have loved Thy testimonies.

120. तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं।।

120. Trembled from Thy fear hath my flesh, And from Thy judgments I have been afraid!

121. मैं ने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अन्धेर करनेवालों के हाथ में न छोड़।

121. [Ain.] I have done judgment and righteousness, Leave me not to mine oppressors.

122. अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अभिमानी मुझ पर अन्धेर न करने पांए।

122. Make sure Thy servant for good, Let not the proud oppress me.

123. मेरी आंखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई हैं।

123. Mine eyes have been consumed for Thy salvation. And for the saying of Thy righteousness.

124. अपने दास के संग अपनी करूणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियां मुझे सिखा।

124. Do with Thy servant according to Thy kindness. And Thy statutes teach Thou me.

125. मैं तेरा दास हूं, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूं।

125. Thy servant [am] I -- cause me to understand, And I know Thy testimonies.

126. वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।

126. Time for Jehovah to work! they have made void Thy law.

127. इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूं।

127. Therefore I have loved Thy commands Above gold -- even fine gold.

128. इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।

128. Therefore all my appointments I have declared wholly right, Every path of falsehood I have hated!

129. तेरी चितौनियां अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूं।

129. [Pe.] Wonderful [are] Thy testimonies, Therefore hath my soul kept them.

130. तेरी बातों के खुलने से प्राकाश होता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।

130. The opening of Thy words enlighteneth, Instructing the simple.

131. मैं मुंह खोलकर हांफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।

131. My mouth I have opened, yea, I pant, For, for Thy commands I have longed.

132. जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर।

132. Look unto me, and favour me, As customary to those loving Thy name.

133. मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।

133. My steps establish by Thy saying, And any iniquity doth not rule over me.

134. मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा।

134. Ransom me from the oppression of man, And I observe Thy precepts,

135. अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियां मुझे सिखा।

135. Thy face cause to shine on Thy servant, And teach me Thy statutes.

136. मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते।।

136. Rivulets of waters have come down mine eyes, Because they have not kept Thy law!

137. हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।
प्रकाशितवाक्य 16:5-7, प्रकाशितवाक्य 19:2

137. [Tzade.] Righteous [art] Thou, O Jehovah, And upright [are] Thy judgments.

138. तू ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।

138. Thou hast appointed Thy testimonies, Righteous and exceeding faithful,

139. मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।

139. Cut me off hath my zeal, For mine adversaries forgot Thy words.

140. तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है।

140. Tried [is] thy saying exceedingly, And Thy servant hath loved it.

141. मैं छोटा और तुच्छ हूं, तौभी मैं तेरे उपदेशों को नही भूलता।

141. Small I [am], and despised, Thy precepts I have not forgotten.

142. तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।

142. Thy righteousness [is] righteousness to the age, And Thy law [is] truth.

143. मैं संकट और सकेती में फंसा हूं, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूं।

143. Adversity and distress have found me, Thy commands [are] my delights.

144. तेरी चितौनियां सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूं।।

144. The righteousness of Thy testimonies [is] to Cause me to understand, and I live!

145. मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूंगा।

145. [Koph.] I have called with the whole heart, Answer me, O Jehovah, Thy statutes I keep,

146. मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूंगा।

146. I have called Thee, save Thou me, And I do keep Thy testimonies.

147. मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।

147. I have gone forward in the dawn, and I cry, For Thy word I have hoped.

148. मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं।

148. Mine eyes have gone before the watches, To meditate in Thy saying.

149. अपनी करूणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीति के अनुसार मुझे जीवित कर।

149. My voice hear, according to Thy kindness, Jehovah, according to Thy judgment quicken me.

150. जो दुष्टता में धुन लगाते हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।

150. Near have been my wicked pursuers, From Thy law they have been far off.

151. हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं।

151. Near [art] Thou, O Jehovah, And all Thy commands [are] truth.

152. बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूं, कि तू ने उनकी नेव सदा के लिये डाली है।।

152. Of old I have known Thy testimonies, That to the age Thou hast founded them!

153. मेरे दु:ख को देखकर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।

153. [Resh.] See my affliction, and deliver Thou me, For Thy law I have not forgotten.

154. मेरा मुक मा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला।

154. Plead my plea, and redeem me, According to Thy saying quicken me.

155. दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।

155. Far from the wicked [is] salvation, For Thy statutes they have not sought.

156. हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिये अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।

156. Thy mercies [are] many, O Jehovah, According to Thy judgments quicken me.

157. मेरा पीछा करनेवाले और मेरे सतानेवाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।

157. Many [are] my pursuers, and adversaries, From Thy testimonies I have not turned aside.

158. मैं विश्वासघातियों को देखकर उदास हुआ, क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।

158. I have seen treacherous ones, And grieve myself, Because Thy saying they have not kept.

159. देख, मैं तेरे नियमों से कैसी प्रीति रखता हूं! हे यहोवा, अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला।

159. See, for thy precepts I have loved, Jehovah, According to Thy kindness quicken me.

160. तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक एक धर्ममय नियम सदा काल तक अटल है।।

160. The sum of Thy word [is] truth, And to the age [is] every judgment of Thy righteousness!

161. हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।
यूहन्ना 15:25

161. [Shin.] Princes have pursued me without cause, And because of Thy words was my heart afraid.

162. जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं।

162. I do rejoice concerning Thy saying, As one finding abundant spoil.

163. झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।

163. Falsehood I have hated, yea I abominate [it], Thy law I have loved.

164. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बेर तेरी स्तुति करता हूं।

164. Seven [times] in a day I have praised Thee, Because of the judgments of Thy righteousness.

165. तेरी व्यवस्था से प्रीति रखनेवालों को बड़ी शान्ति होती है; और उनको कुछ ठोकर नहीं लगती।
1 यूहन्ना 2:10

165. Abundant peace have those loving Thy law, And they have no stumbling-block.

166. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूं; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूं।

166. I have waited for Thy salvation, O Jehovah, And Thy commands I have done.

167. मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूं, और उन से बहुत प्रीति रखता आया हूं।

167. Kept hath my soul Thy testimonies, And I do love them exceedingly.

168. मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूं, क्योंकि मेरी सारी चालचलन तेरे सम्मुख प्रगट है।।

168. I have kept Thy precepts and Thy testimonies, For all my ways are before Thee!

169. हे यहोवा, मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!

169. [Taw.] My loud cry cometh near before Thee, O Jehovah; According to Thy word cause me to understand.

170. मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।

170. My supplication cometh in before Thee, According to Thy saying deliver Thou me.

171. मेरे मुंह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियां सिखाता है।

171. My lips do utter praise, For Thou dost teach me Thy statutes.

172. मैं तेरे वचन का गीत गाऊंगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएं धर्ममय हैं।

172. My tongue doth sing of Thy saying, For all Thy commands [are] righteous.

173. तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों को अपनाया है।

173. Thy hand is for a help to me, For Thy commands I have chosen.

174. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूं, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।

174. I have longed for Thy salvation, O Jehovah, And Thy law [is] my delight.

175. मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूंगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।

175. My soul liveth, and it doth praise Thee, And Thy judgments do help me.

176. मैं खोई हुई भेड़ की नाईं भटका हूं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया।।

176. I wandered as a lost sheep, seek Thy servant, For Thy precepts I have not forgotten!



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