14. उसकी पत्नी जेरेश और उसके सब मित्रों ने उस से कहा, पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक खम्भा, बनाया जाए, और बिहान को राजा से कहना, कि उस पर मोर्दकै लटका दिया जाए; तब राजा के संग आनन्द से जेवनार में जाना। इस बात से प्रसन्न होकर हामान ने बैसा ही फांसी का एक खम्भा बनवाया।
14. তখন তাহার স্ত্রী সেরশ ও সমস্ত বন্ধু তাহাকে কহিল, তুমি পঞ্চাশ হস্ত উচ্চ এক ফাঁশিকাষ্ঠ প্রস্তুত করাও; আর মর্দখয়কে তাহার উপরে ফাঁশি দিবার জন্য কল্য প্রাতঃকালে রাজার কাছে নিবেদন কর; পরে হৃষ্ট হইয়া রাজার সহিত ভোজে যাও। তখন হামন এই কথায় তুষ্ট হইয়া সেই ফাঁশিকাষ্ঠ প্রস্তুত করাইল।