19. और उसकी प्रार्थना और वह कैसे सुनी गई, और उसका सारा पाप और विश्वासघात और उस ने दीन होने से पहिले कहां कहां ऊंचे स्थान बनवाए, और अशेरा नाम और खुदी हुई मूर्त्तियां खड़ी कराई, यह सब होशे के वचनों में जिखा है।
19. His prayer also, and how God was entreated of him, and all his sins, and his trespass, and the places wherein he built high places, and set up groves and graven images, before he was humbled: behold, they are written among the sayings of the seers.