2 Samuel - 2 शमूएल 17 | View All

1. फिर अहीतोपेल ने अबशालोम से कहा, मुझे बारह हजार पुरूष छांटने दे, और मैं उठकर आज ही रात को दाऊद का पीछा करूंगा।

1. And Ahithophel said unto Absalom, 'Let me choose, I pray thee, twelve thousand men, and I arise and pursue after David to-night,

2. और जब वह थकित और निर्बल होगा, तब मैं उसे पकड़ूंगा, और डराऊंगा; और जितने लोग उसके साथ हैं सब भागेंगे। और मैं राजा ही को मारूंगा,

2. and come upon him, and he weary and feeble-handed, and I have caused him to tremble, and all the people have fled who [are] with him, and I have smitten the king by himself,

3. और मैं सब लोगों को तेरे पास लौटा लाऊंगा; जिस मनुष्य का तू खोजी है उसके मिलने मे समस्त प्रजा का मिलना हो जाएगा, और समस्त प्रजा कुशल क्षेम से रहेगी।

3. and I bring back all the people unto thee -- as the turning back of the whole [is] the man whom thou art seeking -- all the people are peace.

4. यह बात अबशालोम और सब इस्राएली पुरनियों को उचित मालूम पड़ी।

4. And the thing is right in the eyes of Absalom, and in the eyes of all the elders of Israel.

5. फिर अबशालोम ने कहा, एरेकी हूशै को भी बुला ला, और जो वह कहेगा हम उसे भी सुनें।

5. And Absalom saith, 'Call, I pray thee, also for Hushai the Archite, and we hear what [is] in his mouth -- even he.'

6. जब हूशै अबशालोम के पास आया, तब अबशालोम ने उस से कहा, अहीतोपेल ने तो इस प्रकार की बात कही है; क्या हम उसकी बात मानें कि नही? सदि नही, तो तू कह दे।

6. And Hushai cometh in unto Absalom, and Absalom speaketh unto him, saying, 'According to this word hath Ahithophel spoken; do we do his word? if not, thou -- speak thou.'

7. हूशै ने अबशालोम से कहा, जो सम्मति अहीतोपेल ने इस बार दी वह अच्छी नहीं।

7. And Hushai saith unto Absalom, 'Not good [is] the counsel that Ahithophel hath counselled at this time.'

8. फिर हूशै ने कहा, तू तो अपने पिता और उसके जनों को जानता है कि वे शूरवीर हैं, और बच्चा छीनी हुई रीछनी के समान फ्रोधित होंगे। और तेरा पिता योठ्ठा है; और और लोगो के साथ रात नहीं बिताता।

8. And Hushai saith, 'Thou hast known thy father and his men, that they [are] heroes, and they are bitter in soul as a bereaved bear in a field, and thy father [is] a man of war, and doth not lodge with the people;

9. इस समय तो वह किसी गढ़हे, वा किसी दूसरे स्थान में छिपा होगा। जब इन में से पहिले पहिले कोई कोई मारे जाएं, तब इसके सब सुननेवाले कहने लगेंगे, कि अबशालोम के पक्षवाले हार गए।

9. lo, now, he is hidden in one of the pits, or in one of the places, and it hath been, at the falling among them at the commencement, that the hearer hath heard, and said, There hath been a slaughter among the people who [are] after Absalom;

10. तब वीर का हृदय, जो सिंह का सा होता है, उसका भी हियाव छूट जाएगा, समस्त इस्राएल तो जानता है कि तेरा पिता वीर है, और उसके संगी बड़े योठ्ठा हैं।

10. and he also, the son of valour, whose heart [is] as the heart of the lion, doth utterly melt, for all Israel doth know that thy father is a hero, and sons of valour [are] those with him.

11. इसलिये मेरी सम्मति यह है कि दान से लेकर बेर्शेबा तक रहनेवाले समस्त इस्राएली तेरे पास समुद्रतीर की बालू के किनकों के समान अकट्ठे किए जाए, और तू आप ही युठ्ठ को जाए।

11. 'So that I have counselled: Let all Israel be diligently gathered unto thee, from Dan even unto Beer-Sheba, as the sand that [is] by the sea for multitude, and thou thyself art going in the midst;

12. और जब हम उसको किसी न किसी स्थान में जहां वह मिले जा पकड़ेंगे, तब जैसे ओस भूमि पर गिरती है वैसे ही हम उस पर टूट पड़ेंगे; तब न तो वह बचेगा, और न उसके संगियों में से कोई बचेगा।

12. and we have come in unto him in one of the places where he is found, and we [are] upon him as the dew falleth on the ground, and there hath not been left of him and of all the men who [are] with him even one.

13. और यदि वह किसी नगर में घुसा हो, तो सब इस्राएली उस नगर के पास रस्सियां ले आएंगे, और हम उसे नाले में खींचेंगे, यहां तक कि उसका एक छोटा सा पत्थर भी न रह जाएगा।

13. And if unto a city he is gathered, then they have caused all Israel to bear unto that city ropes, and we have drawn it unto the brook till that there hath not been found there even a stone.'

14. तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरूषों ने कहा, एरेकी हूशै की बम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उम्तम है। सहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने के लिये ठाना था, कि यह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।

14. And Absalom saith -- and all the men of Israel -- 'Better [is] the counsel of Hushai the Archite than the counsel of Ahithophel;' and Jehovah willed to make void the good counsel of Ahithophel for the sake of Jehovah's bringing unto Absalom the evil.

15. तब हूशै ने सादोक और एब्यातार याजकों से कहा, अहीतोपेल ने तो अबशालोम और इस्राएली पुरनियों को इस इस प्रकार की सम्मति दी; और मैं ने इस इस प्रकार की सम्मति दी है।

15. And Hushai saith unto Zadok and unto Abiathar the priests, 'Thus and thus hath Ahithophel counselled Absalom and the elders of Israel, and thus and thus I have counselled;

16. इसलिये अब फुत कर दाऊद के पास कहला भेजो, कि आज रात जंगली घाट के पास न ठहरना, अवश्य पार ही हो जाना; ऐसा न हो कि राजा और जितने लोग उसके संग हों, सब नाश हो जाएं।

16. and now, send hastily, and declare to David, saying, Lodge not to-night in the plains of the wilderness, and also, certainly pass over, lest there be a swallowing up of the king and of all the people who are with him.'

17. योनातन और अहीमाय एनरोगेल के पास ठहरे रहे; और एक लौंडी जाकर उन्हें सन्देशा दे आती थी, और वे जाकर राजा दाऊद को सन्देशा देते थे; क्योंकि वे किसी के देखते नगर में नही जा सकते थे।

17. And Jonathan and Ahimaaz are standing at En-Rogel, and the maid-servant hath gone and declared to them -- and they go and have declared [it] to king David -- for they are not able to be seen to go in to the city.

18. एक छोकरे ने तो उन्हें देखकर अबशालोम को बताया; परन्तु वे दोनों फुत से चले गए, और एक बहरीमवासी मनुष्य के घर पहुंचकर जिसके आंगन में कुंआ था उस में उतर गए।

18. And a youth seeth them, and declareth to Absalom; and they go on both of them hastily, and come in unto the house of a man in Bahurim, and he hath a well in his court, and they go down there,

19. तब उसकी स्त्री ने कपड़ा लेकर कुंए के मुंह पर बिछाया, और उसके ऊपर दलर हुआ अन्न फैला दिया; इसलिये कुछ मालूम न पड़ा।

19. and the woman taketh and spreadeth the covering over the face of the well, and spreadeth on it the ground corn, and the thing hath not been known.

20. तब अबशालोम के सेवक उस घर में उस स्त्री के पास जाकर कहने लगे, अहीमास और योनातन कहां हैं? स्त्री ने उन से कहा, वे तो उस छोटी नदी के पार गए। तब उन्हों ने उन्हें ढूंढा, और न पाकर यरूशलेम को लौटे।

20. And the servants of Absalom come in unto the woman to the house, and say, 'Where [are] Ahimaaz and Jonathan?' and the woman saith to them, 'They passed over the brook of water;' and they seek, and have not found, and turn back to Jerusalem.

21. जब वे चले गए, तब ये कुंए में से निकले, और जाकर दाऊद राजा को समाचार दिया; और दाऊद से कहा, तुम लोग चलो, फुत करके नदी के पार हो जाओ; क्योंकि अहीतोपेल ने तुम्हारी हानि की ऐसी ऐसी सम्मति दी है।

21. And it cometh to pass, after their going on, that they come up out of the well, and go and declare to king David, and say unto David, 'Rise ye, and pass over hastily the waters, for thus hath Ahithophel counselled against you.'

22. तब दाऊद अपने सब संगियों समेत उठकर यरदन पार हो गया; और पह फटने तक उन में से एक भी न रह गया जो यरदन के पार न हो गया हो।

22. And David riseth, and all the people who [are] with him, and they pass over the Jordan, till the light of the morning, till one hath not been lacking who hath not passed over the Jordan.

23. जब अहीतोपेल ने देखा कि मेरी सम्मति के अनुसार काम नहीं हुआ, तब उस ने अपने गदहे पर काठी कसी, और अपने नगर में जाकर अपने घर में गया। और अपने घराने के विषय जो जो आज्ञा देनी थी वह देकर अपने को फांसी लगा ली; और वह मर गया, और उसके पिता के कब्रिस्तान में उसे मिट्टी दे दी गई।

23. And Ahithophel hath seen that his counsel was not done, and he saddleth the ass, and riseth and goeth unto his house, unto his city, and giveth charge unto his household, and strangleth himself, and dieth, and he is buried in the burying-place of his father.

24. दाऊद तो महनैम में पहुंचा। और अबशालोम सब इस्राएली पुरूषों समेत यरदन के पार गया।

24. And David came to Mahanaim, and Absalom passed over the Jordan, he and all the men of Israel with him;

25. और अबशालोम ने अमासा को योआब के स्थान पर प्रधान सेनापति ठहराया। यह अमासा एक पुरूष का पुत्रा था जिसका नाम इस्राएली यित्रो था, और वह योआब की माता, सरूयाह की बहिन, अबीगल नाम नाहाश की बेटी के संग सोया था।

25. and Amasa hath Absalom set instead of Joab over the host, and Amasa [is] a man's son whose name is Ithra the Israelite who hath gone in unto Abigail, daughter of Nahash, sister of Zeruiah, mother of Joab;

26. और इस्राएलियों ने और अबशालोम ने गिलाद देश में छावनी डाली।

26. and Israel encampeth with Absalom [in] the land of Gilead.

27. जब दाऊद महनैम में आया, तब अम्मोनियों के रब्बा के निवासी नाहाश का पुत्रा शोबी, और लोदबरवासी अम्मीएल का पुत्रा माकीर, और रोगलीमवासी गिलादी बर्जिल्लै,

27. And it cometh to pass at the coming in of David to Mahanaim, that Shobi, son of Nahash, from Rabbah of the Bene-Ammon, and Machir son of Ammiel, from Lo-Debar, and Barzillai the Gileadite, from Rogelim,

28. चारपाइयां, तसले मिट्टी के बर्तन, गेहूं, जव, मैदा, लोबिया, मसूर, चबेना,

28. couch, and basin, and earthen vessel, and wheat, and barley, and flour, and roasted [corn], and beans, and lentiles, and roasted [pulse],

29. मधु, मक्खन, भेड़बकरियां, और गाय के दही का पनीर, दाऊद और उसके संगियों के खाने को यह सोचकर ले आए, कि जंगल में वे लोग भूखे प्यासे और थके मांदे होंगे।

29. and honey, and butter, and sheep, and cheese of kine, have brought nigh for David, and for the people who [are] with him to eat, for they said, 'Thy people [is] hungry, and weary, and thirsty, in the wilderness.'



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