14. और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पच्छिम, पूरब, उत्तर, दक्खिन, चारों ओर फैलता जाएगा : और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएंगे।
14. And thy seed shall be as the dust of the earth: And thou shalt spread abroad: west, east, north and south. And thorow thee and thy seed shall all the kindreds of the earth be blessed.