Genesis - उत्पत्ति 19 | View All

1. सांझ को वे दो दूत सदोम के पास आए : और लूत सदोम के फाटक के पास बैठा था : सो उनको देखकर वह उन से भेंट करने के लिये उठा; और मुंह के बल झुककर दण्डवत् कर कहा;
इब्रानियों 13:2, लूका 17:28, 2 पतरस 2:7

1. পরে সন্ধ্যাকালে ঐ দুই দূত সদোমে আসিলেন। তখন লোট সদোমের দ্বারে বসিয়া ছিলেন, আর তাঁহাদিগকে দেখিয়া তাঁহাদের নিকট যাইবার জন্য উঠিলেন, এবং ভূমিতে মুখ দিয়া প্রণিপাত করিয়া কহিলেন,

2. हे मेरे प्रभुओं, अपने दास के घर में पधारिए, और रात भर विश्राम कीजिए, और अपने पांव धोइये, फिर भोर को उठकर अपने मार्ग पर जाइए। उन्हों ने कहा, नहीं; हम चौक ही में रात बिताएंगे।

2. হে আমার প্রভুরা, দেখুন, বিনয় করি, আপনাদের এই দাসের গৃহে পদার্পণ করিয়া রাত্রি বাস করুন ও পা ধুউন; পরে প্রত্যূষে উঠিয়া স্বযাত্রায় অগ্রসর হইবেন। তাঁহারা কহিলেন, না, আমরা চকেই রাত্রি যাপন করিব।

3. और उस ने उन से बहुत बिनती करके उन्हें मनाया; सो वे उसके साथ चलकर उसके घर में आए; और उस ने उनके लिये जेवनार तैयार की, और बिना खमीर की रोटियां बनाकर उनको खिलाई।

3. কিন্তু লোট অতিশয় আগ্রহ দেখাইলে তাঁহারা তাঁহার সঙ্গে গেলেন, ও তাঁহার বাটীতে প্রবেশ করিলেন; তাহাতে তিনি তাঁহাদের জন্য ভোজ প্রস্তুত করিলেন, ও তাড়ীশূন্য রুটী পাক করিলেন, আর তাঁহারা ভোজন করিলেন।

4. उनके सो जाने के पहिले, उस सदोम नगर के पुरूषों ने, जवानों से लेकर बूढ़ों तक, वरन चारों ओर के सब लोगों ने आकर उस घर को घेर लिया;
यहूदा 1:7

4. পরে তাঁহাদের শয়নের পূর্ব্বে ঐ নগরের পুরুষেরা, সদোমের আবাল বৃদ্ধ সমস্ত লোক চতুর্দ্দিক্‌ হইতে আসিয়া তাঁহার বাটী ঘেরিল, এবং লোটকে ডাকিয়া কহিল,

5. और लूत को पुकारकर कहने लगे, कि जो पुरूष आज रात को तेरे पास आए हैं वे कहां हैं? उनको हमारे पास बाहर ले आ, कि हम उन से भोग करें।

5. অদ্য রাত্রিতে যে দুই ব্যক্তি তোমার বাটীতে আসিল, তাহারা কোথায়? তাহাদিগকে বাহির করিয়া আমাদের নিকটে আন, আমরা তাহাদের পরিচয় লইব।

6. तब लूत उनके पास द्वार बाहर गया, और किवाड़ को अपने पीछे बन्द करके कहा,

6. তখন লোট গৃহদ্বারের বাহিরে তাহাদের নিকটে আসিয়া আপনার পশ্চাৎ কবাট বন্ধ করিয়া কহিলেন,

7. हे मेरे भाइयों, ऐसी बुराई न करो।

7. ভাই সকল, বিনয় করি, এমন কুব্যবহার করিও না।

8. सुनो, मेरी दो बेटियां हैं जिन्हों ने अब तक पुरूष का मुंह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर ले आऊं, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उन से करो : पर इन पुरूषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।

8. দেখ, পুরুষের পরিচয় অপ্রাপ্তা আমার দুইটি কন্যা আছে, তাহাদিগকে তোমাদের নিকটে আনি, তোমাদের দৃষ্টিতে যাহা ভাল, তাহা কর, কিন্তু সেই ব্যক্তিদের প্রতি কিছুই করিও না, কেননা এই নিমিত্তে তাঁহারা আমার গৃহের ছায়া আশ্রয় করিলেন।

9. उनहों ने कहा, हट जा। फिर वे कहने लगे, तू एक परदेशी होकर यहां रहने के लिये आया पर अब न्यायी भी बन बैठा है : सो अब हम उन से भी अधिक तेरे साथ बुराई करेंगे। और वे पुरूष लूत को बहुत दबाने लगे, और किवाड़ तोड़ने के लिये निकट आए।

9. তখন তাহারা কহিল, সরিয়া যা। আরও কহিল, এ একাকী প্রবাস করিতে আসিয়া আমাদের বিচারকর্ত্তা হইল; এখন তাহাদের অপেক্ষা তোর প্রতি আরও কুব্যবহার করিব। ইহা বলিয়া তাহারা লোটের উপরে ভারী চড়াউ হইয়া কবাট ভাঙ্গিতে গেল।

10. तब उन पाहुनों ने हाथ बढ़ाकर, लूत को अपने पास घर में खींच लिया, और किवाड़ को बन्द कर दिया।

10. তখন সেই দুই ব্যক্তি হস্ত বাড়াইয়া লোটকে গৃহের মধ্যে আপনাদের নিকটে টানিয়া লইয়া কবাট বন্ধ করিলেন;

11. और उन्हों ने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरूषों को जो घर के द्वार पर थे अन्धा कर दिया, सो वे द्वार को टटोलते टटोलते थक गए।

11. এবং গৃহদ্বারের নিকটবর্ত্তী ক্ষুদ্র ও মহান্ সকল লোককে অন্ধতায় আহত করিলেন; তাহাতে তাহারা দ্বার খুঁজিতে খুঁজিতে পরিশ্রান্ত হইল।

12. फिर उन पाहुनों ने लूत से पूछा, यहां तेरे और कौन कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियां, वा नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभों को लेकर इस स्थान से निकल जा।

12. পরে সেই ব্যক্তিরা লোটকে কহিলেন, এই স্থানে তোমার আর কে কে আছে? তোমার জামাতা ও পুত্র কন্যা যত জন এই নগরে আছে, সে সকলকে এই স্থান হইতে লইয়া যাও।

13. क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिये कि उसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यनाश करने के लिये भेज दिया है।

13. কেননা আমরা এই স্থান উচ্ছিন্ন করিব; কারণ সদাপ্রভুর সাক্ষাতে এই লোকদের বিপরীতে মহাক্রন্দন উঠিয়াছে, তাই সদাপ্রভু ইহা উচ্ছিন্ন করিতে আমাদিগকে পাঠাইয়াছেন।

14. तब लूत ने निकलकर अपने दामादों को, जिनके साथ उसकी बेटियों की सगाई हो गई थी, समझा के कहा, उठो, इस स्थान से निकल चलो : क्योंकि यहोवा इस नगर को नाश किया चाहता है। पर वह अपने दामादों की दृष्टि में ठट्ठा करनेहारा सा जान पड़ा।

14. তখন লোট বাহিরে গিয়া, যাহারা তাঁহার কন্যাদিগকে বিবাহ করিয়াছিল, আপনার সেই জামাতাদিগকে কহিলেন, উঠ, এ স্থান হইতে বাহির হও, কেননা সদাপ্রভু এই নগর উচ্ছিন্ন করিবেন। কিন্তু তাঁহার জামাতারা তাঁহাকে উপহাসকারী বলিয়া জ্ঞান করিল।

15. जब पह फटने लगी, तब दूतों ने लूत से फुर्ती कराई और कहा, कि उठ, अपनी पत्नी और दोनो बेटियों को जो यहां हैं ले जा : नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा।

15. পরে প্রভাত হইলে সেই দূতেরা লোটকে সত্বর করিলেন, কহিলেন, উঠ, তোমার স্ত্রীকে ও এই যে কন্যা দুইটী এখানে আছে, ইহাদিগকে লইয়া যাও, পাছে তোমরা নগরের অপরাধে বিনষ্ট হও।

16. पर वह विलम्ब करता रहा, इस से उन पुरूषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों को हाथ पकड़ लिया; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी : और उसको निकालकर नगर के बाहर कर दिया।

16. কিন্তু তিনি ইতস্ততঃ করিতে লাগিলেন; তাহাতে তাঁহার প্রতি সদাপ্রভুর স্নেহ প্রযুক্ত সেই ব্যক্তিরা তাঁহার ও তাঁহার স্ত্রীর ও কন্যা দুইটীর হস্ত ধরিয়া নগরের বাহিরে লইয়া রাখিলেন।

17. और ऐसा हुआ कि जब उन्हों ने उनको बाहर निकाला, तब उस ने कहा अपना प्राण लेकर भाग जा; पीछे की और न ताकना, और तराई भर में न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा।
लूका 17:31-32

17. এইরূপে তাঁহাদিগকে বাহির করিয়া তিনি লোটকে কহিলেন, প্রাণরক্ষার্থ পলায়ন কর, পশ্চাৎ দিকে দৃষ্টি করিও না; এই সমস্ত অঞ্চলের মধ্যেও দাঁড়াইয়া থাকিও না; পর্ব্বতে পলায়ন কর, পাছে বিনষ্ট হও।

18. लूत ने उन से कहा, हे प्रभु, ऐसा न कर :

18. তাহাতে লোট তাঁহাদিগকে কহিলেন, হে আমার প্রভো, এমন না হউক।

19. देख, तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है, और तू ने इस में बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है; पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊं :

19. দেখুন, আপনার দাস আপনার কাছে অনুগ্রহ প্রাপ্ত হইয়াছে; আমার প্রাণরক্ষা করাতে আপনি আমার প্রতি আপনার মহাদয়া প্রকাশ করিয়াছেন; কিন্তু আমি পর্ব্বতে পলায়ন করিতে পারি না; কি জানি, সেই বিপদ আসিয়া পড়িলে আমিও মরিব।

20. देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहां भाग सकता हूं, और वह छोटा भी है : मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह छोटा नहीं हैं? और मेरा प्राण बच जाएगा।

20. দেখুন, পলায়ন জন্য ঐ নগর নিকটবর্ত্তী, উহা ক্ষুদ্র; ওখানে পলাইবার অনুমতি দিউন, তাহা হইলে আমার প্রাণ বাঁচিবে; উহা কি ক্ষুদ্র নয়?

21. उस ने उस से कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा।

21. তিনি কহিলেন, ভাল, আমি এ বিষয়েও তোমার প্রতি অনুগ্রহ করিয়া, ঐ যে নগরের কথা কহিলে, উহা উৎপাটন করিব না।

22. फुर्ती से वहां भाग जा; क्योंकि जब तक तू वहां न पहुचे तब तक मैं कुछ न कर सकूंगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा।

22. শীঘ্রই ঐ স্থানে পলায়ন কর, কেননা তুমি ঐ স্থানে না পঁহুছিলে আমি কিছু করিতে পারি না। এই হেতু সেই স্থানের নাম সোয়র, ক্ষুদ্র হইল।

23. लूत के सोअर के निकट पहुचते ही सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ।

23. দেশের উপরে সূর্য্য উদিত হইলে লোট সোয়রে প্রবেশ করিলেন,

24. तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई;
लूका 17:29, 2 पतरस 2:6, प्रकाशितवाक्य 14:10, प्रकाशितवाक्य 19:20, प्रकाशितवाक्य 20:10, प्रकाशितवाक्य 21:8, लूका 10:12, मत्ती 11:23

24. এমন সময়ে সদাপ্রভু আপনার নিকট হইতে, গগন হইতে, সদোমের ও ঘমোরার উপরে গন্ধক ও অগ্নি বর্ষাইয়া সেই সমুদয় নগর,

25. और उन नगरों को और सम्पूर्ण तराई को, और नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों को, भूमि की सारी उपज समेत नाश कर दिया।

25. সমস্ত অঞ্চল নগরনিবাসী সকল লোক ও সেই ভূমিতে জাত সমস্ত বস্তু উৎপাটন করিলেন।

26. लूत की पत्नी ने जो उसके पीछे थी दृष्टि फेर के पीछे की ओर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई।
लूका 17:31

26. আর লোটের স্ত্রী তাঁহার পিছন হইতে পশ্চাৎ দিকে দৃষ্টি করিল, আর লবণস্তম্ভ হইয়া গেল।

27. भोर को इब्राहीम उठकर उस स्थान को गया, जहां वह यहोवा के सम्मुख खड़ा था;

27. আর অব্রাহাম প্রত্যূষে উঠিয়া, পূর্ব্বে যে স্থানে সদাপ্রভুর সাক্ষাতে দাঁড়াইয়াছিলেন,

28. और सदोम, और अमोरा, और उस तराई के सारे देश की ओर आंख उठाकर क्या देखा, कि उस देश में से धधकती हुई भट्टी का सा धुआं उठ रहा है।
प्रकाशितवाक्य 9:2

28. তথায় গমন করিলেন; এবং সদোম ও ঘমোরার দিকে ও সেই অঞ্চলের সমস্ত ভূমির দিকে চাহিয়া দেখিলেন, আর দেখ, ভাটীর ধূমের ন্যায় সেই দেশের ধূম উঠিতেছে।

29. और ऐसा हुआ, कि जब परमेश्वर ने उस तराई के नगरों को, जिन में लूत रहता था, उलट पुलट कर नाश किया, तब उस ने इब्राहीम को याद करके लूत को उस घटना से बचा लिया।

29. এইরূপে সেই অঞ্চলে স্থিত সমস্ত নগরের বিনাশকালে ঈশ্বর অব্রাহামকে স্মরণ করিয়া, যে যে নগরে লোট বাস করিতেন, সেই সেই নগরের উৎপাটনকালে উৎপাটনের মধ্য হইতে লোটকে প্রেরণ করিলেন।

30. और लूत ने सोअर को छोड़ दिया, और पहाड़ पर अपनी दोनों बेटियों समेत रहने लगा; क्योंकि वह सोअर में रहने से डरता था : इसलिये वह और उसकी दोनों बेटियां वहां एक गुफा में रहने लगे।

30. পরে লোট ও তাঁহার দুইটী কন্যা সোয়র হইতে পর্ব্বতে উঠিয়া গিয়া তথায় থাকিলেন; কেননা তিনি সোয়রে বাস করিতে ভয় করিলেন আর তিনি ও তাঁহার সেই দুই কন্যা গুহামধ্যে বসতি করিলেন।

31. तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, हमारा पिता बूढ़ा है, और पृथ्वी भर में कोई ऐसा पुरूष नहीं जो संसार की रीति के अनुसार हमारे पास आए :

31. পরে তাঁহার জ্যেষ্ঠা কন্যা কনিষ্ঠাকে কহিল, আমাদের পিতা বৃদ্ধ, এবং জগৎসংসারের ব্যবহার অনুসারে আমাদিগকে উপগত হইতে এ দেশে কোন পুরুষ নাই;

32. सो आ, हम अपने पिता को दाखमधु पिलाकर, उसके साथ सोएं, जिस से कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें।

32. আইস, আমরা পিতাকে দ্রাক্ষারস পান করাইয়া তাঁহার সহিত শয়ন করি, এইরূপে পিতার বংশ রক্ষা করিব।

33. सो उन्हों ने उसी दिन रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जाकर अपने पिता के पास लेट गई; पर उस ने न जाना, कि वह कब लेटी, और कब उठ गई।

33. তাহাতে তাহারা সেই রাত্রিতে আপনাদের পিতাকে দ্রাক্ষারস পান করাইল, পরে তাঁহার জ্যেষ্ঠা কন্যা পিতার সহিত শয়ন করিতে গেল; কিন্তু তাহার শয়ন ও উঠিয়া যাওয়া লোট টের পাইলেন না।

34. और ऐसा हुआ कि दूसरे दिन बड़ी ने छोटी से कहा, देख, कल रात को मैं अपने पिता के साथ सोई : सो आज भी रात को हम उसको दाखमधु पिलाएं; तब तू जाकर उसके साथ सोना कि हम अपने पिता के द्वारा वंश उत्पन्न करें।

34. আর পরদিন জ্যেষ্ঠা কনিষ্ঠাকে কহিল, দেখ, গত রাত্রিতে আমি পিতার সহিত শয়ন করিয়াছিলাম; আইস, আমরা অদ্য রাত্রিতেও পিতাকে দ্রাক্ষারস পান করাই; পরে তুমি যাইয়া তাঁহার সহিত শয়ন কর, এইরূপে পিতার বংশ রক্ষা করিব।

35. सो उन्हों ने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया : और छोटी बेटी जाकर उसके पास लौट गई : पर उसको उसके भी सोने और उठने के समय का ज्ञान न था।

35. এইরূপে তাহারা সেই রাত্রিতেও পিতাকে দ্রাক্ষারস পান করাইল; পরে কনিষ্ঠা উঠিয়া তাঁহার সহিত শয়ন করিল; কিন্তু তাহার শয়ন ও উঠিয়া যাওয়া লােট টের পাইলেন না।

36. इस प्रकार से लूत की दोनो बेटियां अपने पिता से गर्भवती हुई।

36. এইরূপে লোটের দুই কন্যাই আপনাদের পিতা হইতে গর্ভবতী হইল।

37. और बड़ी एक पुत्रा जनी, और उसका नाम मोआब रखा : वह मोआब नाम जाति का जो आज तक है मूलपिता हुआ।

37. পরে জ্যেষ্ঠা কন্যা পুত্র প্রসব করিয়া তাহার নাম মোয়াব রাখিল; সে এখনকার মোয়াবীয়দের আদিপিতা।

38. और छोटी भी एक पुत्रा जनी, और उसका नाम बेनम्मी रखा; वह अम्मोन् वंशियों का जो आज तक हैं मूलपिता हुआ।।

38. আর কনিষ্ঠা কন্যাও পুত্র প্রসব করিয়া তাহার নাম বিন্-অম্মি রাখিল, সে এখনকার অম্মোন-সন্তানদের আদিপিতা।



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