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1. सांझ को वे दो दूत सदोम के पास आए : और लूत सदोम के फाटक के पास बैठा था : सो उनको देखकर वह उन से भेंट करने के लिये उठा; और मुंह के बल झुककर दण्डवत् कर कहा;इब्रानियों 13:2, लूका 17:28, 2 पतरस 2:7
1. The two angels came to Sodom in the evening while Lot was sitting in the city's gateway. When Lot saw them, he got up to meet them and bowed down with his face toward the ground.
2. हे मेरे प्रभुओं, अपने दास के घर में पधारिए, और रात भर विश्राम कीजिए, और अपने पांव धोइये, फिर भोर को उठकर अपने मार्ग पर जाइए। उन्हों ने कहा, नहीं; हम चौक ही में रात बिताएंगे।
2. He said, 'Here, my lords, please turn aside to your servant's house. Stay the night and wash your feet. Then you can be on your way early in the morning.' 'No,' they replied, 'we'll spend the night in the town square.'
3. और उस ने उन से बहुत बिनती करके उन्हें मनाया; सो वे उसके साथ चलकर उसके घर में आए; और उस ने उनके लिये जेवनार तैयार की, और बिना खमीर की रोटियां बनाकर उनको खिलाई।
3. But he urged them persistently, so they turned aside with him and entered his house. He prepared a feast for them, including bread baked without yeast, and they ate.
4. उनके सो जाने के पहिले, उस सदोम नगर के पुरूषों ने, जवानों से लेकर बूढ़ों तक, वरन चारों ओर के सब लोगों ने आकर उस घर को घेर लिया;यहूदा 1:7
4. Before they could lie down to sleep, all the men both young and old, from every part of the city of Sodom surrounded the house.
5. और लूत को पुकारकर कहने लगे, कि जो पुरूष आज रात को तेरे पास आए हैं वे कहां हैं? उनको हमारे पास बाहर ले आ, कि हम उन से भोग करें।
5. They shouted to Lot, 'Where are the men who came to you tonight? Bring them out to us so we can have sex with them!'
6. तब लूत उनके पास द्वार बाहर गया, और किवाड़ को अपने पीछे बन्द करके कहा,
6. Lot went outside to them, shutting the door behind him.
7. हे मेरे भाइयों, ऐसी बुराई न करो।
7. He said, 'No, my brothers! Don't act so wickedly!
8. सुनो, मेरी दो बेटियां हैं जिन्हों ने अब तक पुरूष का मुंह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर ले आऊं, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उन से करो : पर इन पुरूषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।
8. Look, I have two daughters who have never had sexual relations with a man. Let me bring them out to you, and you can do to them whatever you please. Only don't do anything to these men, for they have come under the protection of my roof.'
9. उनहों ने कहा, हट जा। फिर वे कहने लगे, तू एक परदेशी होकर यहां रहने के लिये आया पर अब न्यायी भी बन बैठा है : सो अब हम उन से भी अधिक तेरे साथ बुराई करेंगे। और वे पुरूष लूत को बहुत दबाने लगे, और किवाड़ तोड़ने के लिये निकट आए।
9. 'Out of our way!' they cried, and 'This man came to live here as a foreigner, and now he dares to judge us! We'll do more harm to you than to them!' They kept pressing in on Lot until they were close enough to break down the door.
10. तब उन पाहुनों ने हाथ बढ़ाकर, लूत को अपने पास घर में खींच लिया, और किवाड़ को बन्द कर दिया।
10. So the men inside reached out and pulled Lot back into the house as they shut the door.
11. और उन्हों ने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरूषों को जो घर के द्वार पर थे अन्धा कर दिया, सो वे द्वार को टटोलते टटोलते थक गए।
11. Then they struck the men who were at the door of the house, from the youngest to the oldest, with blindness. The men outside wore themselves out trying to find the door.
12. फिर उन पाहुनों ने लूत से पूछा, यहां तेरे और कौन कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियां, वा नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभों को लेकर इस स्थान से निकल जा।
12. Then the two visitors said to Lot, 'Who else do you have here? Do you have any sons-in-law, sons, daughters, or other relatives in the city? Get them out of this place
13. क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिये कि उसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यनाश करने के लिये भेज दिया है।
13. because we are about to destroy it. The outcry against this place is so great before the LORD that he has sent us to destroy it.'
14. तब लूत ने निकलकर अपने दामादों को, जिनके साथ उसकी बेटियों की सगाई हो गई थी, समझा के कहा, उठो, इस स्थान से निकल चलो : क्योंकि यहोवा इस नगर को नाश किया चाहता है। पर वह अपने दामादों की दृष्टि में ठट्ठा करनेहारा सा जान पड़ा।
14. Then Lot went out and spoke to his sons-in-law who were going to marry his daughters. He said, 'Quick, get out of this place because the LORD is about to destroy the city!' But his sons-in-law thought he was ridiculing them.
15. जब पह फटने लगी, तब दूतों ने लूत से फुर्ती कराई और कहा, कि उठ, अपनी पत्नी और दोनो बेटियों को जो यहां हैं ले जा : नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा।
15. At dawn the angels hurried Lot along, saying, 'Get going! Take your wife and your two daughters who are here, or else you will be destroyed when the city is judged!'
16. पर वह विलम्ब करता रहा, इस से उन पुरूषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों को हाथ पकड़ लिया; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी : और उसको निकालकर नगर के बाहर कर दिया।
16. When Lot hesitated, the men grabbed his hand and the hands of his wife and two daughters because the LORD had compassion on them. They led them away and placed them outside the city.
17. और ऐसा हुआ कि जब उन्हों ने उनको बाहर निकाला, तब उस ने कहा अपना प्राण लेकर भाग जा; पीछे की और न ताकना, और तराई भर में न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा।लूका 17:31-32
17. When they had brought them outside, they said, 'Run for your lives! Don't look behind you or stop anywhere in the valley! Escape to the mountains or you will be destroyed!'
18. लूत ने उन से कहा, हे प्रभु, ऐसा न कर :
18. But Lot said to them, 'No, please, Lord!
19. देख, तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है, और तू ने इस में बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है; पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊं :
19. Your servant has found favor with you, and you have shown me great kindness by sparing my life. But I am not able to escape to the mountains because this disaster will overtake me and I'll die.
20. देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहां भाग सकता हूं, और वह छोटा भी है : मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह छोटा नहीं हैं? और मेरा प्राण बच जाएगा।
20. Look, this town over here is close enough to escape to, and it's just a little one. Let me go there. It's just a little place, isn't it? Then I'll survive.'
21. उस ने उस से कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा।
21. 'Very well,' he replied, 'I will grant this request too and will not overthrow the town you mentioned.
22. फुर्ती से वहां भाग जा; क्योंकि जब तक तू वहां न पहुचे तब तक मैं कुछ न कर सकूंगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा।
22. Run there quickly, for I cannot do anything until you arrive there.' (This incident explains why the town was called Zoar.)
23. लूत के सोअर के निकट पहुचते ही सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ।
23. The sun had just risen over the land as Lot reached Zoar.
24. तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई;लूका 17:29, 2 पतरस 2:6, प्रकाशितवाक्य 14:10, प्रकाशितवाक्य 19:20, प्रकाशितवाक्य 20:10, प्रकाशितवाक्य 21:8, लूका 10:12, मत्ती 11:23
24. Then the LORD rained down sulfur and fire on Sodom and Gomorrah. It was sent down from the sky by the LORD.
25. और उन नगरों को और सम्पूर्ण तराई को, और नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों को, भूमि की सारी उपज समेत नाश कर दिया।
25. So he overthrew those cities and all that region, including all the inhabitants of the cities and the vegetation that grew from the ground.
26. लूत की पत्नी ने जो उसके पीछे थी दृष्टि फेर के पीछे की ओर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई।लूका 17:31
26. But Lot's wife looked back longingly and was turned into a pillar of salt.
27. भोर को इब्राहीम उठकर उस स्थान को गया, जहां वह यहोवा के सम्मुख खड़ा था;
27. Abraham got up early in the morning and went to the place where he had stood before the LORD.
28. और सदोम, और अमोरा, और उस तराई के सारे देश की ओर आंख उठाकर क्या देखा, कि उस देश में से धधकती हुई भट्टी का सा धुआं उठ रहा है।प्रकाशितवाक्य 9:2
28. He looked out toward Sodom and Gomorrah and all the land of that region. As he did so, he saw the smoke rising up from the land like smoke from a furnace.
29. और ऐसा हुआ, कि जब परमेश्वर ने उस तराई के नगरों को, जिन में लूत रहता था, उलट पुलट कर नाश किया, तब उस ने इब्राहीम को याद करके लूत को उस घटना से बचा लिया।
29. So when God destroyed the cities of the region, God honored Abraham's request. He removed Lot from the midst of the destruction when he destroyed the cities Lot had lived in.
30. और लूत ने सोअर को छोड़ दिया, और पहाड़ पर अपनी दोनों बेटियों समेत रहने लगा; क्योंकि वह सोअर में रहने से डरता था : इसलिये वह और उसकी दोनों बेटियां वहां एक गुफा में रहने लगे।
30. Lot went up from Zoar with his two daughters and settled in the mountains because he was afraid to live in Zoar. So he lived in a cave with his two daughters.
31. तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, हमारा पिता बूढ़ा है, और पृथ्वी भर में कोई ऐसा पुरूष नहीं जो संसार की रीति के अनुसार हमारे पास आए :
31. Later the older daughter said to the younger, 'Our father is old, and there is no man anywhere nearby to have sexual relations with us, according to the way of all the world.
32. सो आ, हम अपने पिता को दाखमधु पिलाकर, उसके साथ सोएं, जिस से कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें।
32. Come, let's make our father drunk with wine so we can have sexual relations with him and preserve our family line through our father.'
33. सो उन्हों ने उसी दिन रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जाकर अपने पिता के पास लेट गई; पर उस ने न जाना, कि वह कब लेटी, और कब उठ गई।
33. So that night they made their father drunk with wine, and the older daughter came and had sexual relations with her father. But he was not aware that she had sexual relations with him and then got up.
34. और ऐसा हुआ कि दूसरे दिन बड़ी ने छोटी से कहा, देख, कल रात को मैं अपने पिता के साथ सोई : सो आज भी रात को हम उसको दाखमधु पिलाएं; तब तू जाकर उसके साथ सोना कि हम अपने पिता के द्वारा वंश उत्पन्न करें।
34. So in the morning the older daughter said to the younger, 'Since I had sexual relations with my father last night, let's make him drunk again tonight. Then you go and have sexual relations with him so we can preserve our family line through our father.'
35. सो उन्हों ने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया : और छोटी बेटी जाकर उसके पास लौट गई : पर उसको उसके भी सोने और उठने के समय का ज्ञान न था।
35. So they made their father drunk that night as well, and the younger one came and had sexual relations with him. But he was not aware that she had sexual relations with him and then got up.
36. इस प्रकार से लूत की दोनो बेटियां अपने पिता से गर्भवती हुई।
36. In this way both of Lot's daughters became pregnant by their father.
37. और बड़ी एक पुत्रा जनी, और उसका नाम मोआब रखा : वह मोआब नाम जाति का जो आज तक है मूलपिता हुआ।
37. The older daughter gave birth to a son and named him Moab. He is the ancestor of the Moabites of today.
38. और छोटी भी एक पुत्रा जनी, और उसका नाम बेनम्मी रखा; वह अम्मोन् वंशियों का जो आज तक हैं मूलपिता हुआ।।
38. The younger daughter also gave birth to a son and named him Ben-Ammi. He is the ancestor of the Ammonites of today.