11. फिर, हे मेरे पिता, देख, अपने बागे की छोर मेरे हाथ में देख; मैं ने तेरे बागे की छोर तो काट ली, परन्तु तुझे घात न किया; इस से निश्चय करके जान ले, कि मेरे मन में कोई बुराई वा अपराध का सोच नहीं है। और मैं ने तेरा कुछ अपराध नहीं किया, परन्तु तू मेरे प्राण लेने को मानो उसका अहेर करता रहता है।
11. And, my father, behold! Yes, see the skirt of your robe in my hand. For in that I cut off the skirt of your robe and did not kill you, know and see that there is neither evil nor transgression in my hand, and I have not sinned against you. Yet you hunt my soul to take it.