1 Samuel - 1 शमूएल 16 | View All

1. और यहोवा ने शमूएल से कहा, मैं ने शाऊल को इस्राएल पर राज्य करने के लिये तुच्छ जाना है, तू कब तक उसके विषय विलाप करता रहेगा? अपने सींग में तेल भर के चल; मैं तुझ को बेतलेहेमी यिशै के पास भेजता हूं, क्योंकि मैं ने उसके पुत्रों में से एक को राजा होने के लिये चुना है।
लूका 3:31-32

1. Now the LORD said to Samuel, 'You have mourned long enough for Saul. I have rejected him as king of Israel, so fill your flask with olive oil and go to Bethlehem. Find a man named Jesse who lives there, for I have selected one of his sons to be my king.'

2. शमूएल बोला, मैं क्योंकर जा सकता हूं? यदि शाऊल सुन लेगा, तो मुझे घात करेगा। यहोवा ने कहा, एक बछिया साथ ले जाकर कहना, कि मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूं।

2. But Samuel asked, 'How can I do that? If Saul hears about it, he will kill me.' 'Take a heifer with you,' the LORD replied, 'and say that you have come to make a sacrifice to the LORD.

3. और यज्ञ पर यिशै को न्योता देता, तब मैं तुझे जता दूंगा कि तुझ को क्या करना है; और जिसको मैं तुझे बताऊं उसी को मेरी ओर से अभिषेक करना।

3. Invite Jesse to the sacrifice, and I will show you which of his sons to anoint for me.'

4. तब शमूएल ने यहोवा के कहने के अनुसार किया, और बेतलहेम को गया। उस नगर के पुरनिये थरथराते हुए उस से मिलने को गए, और कहने लगे, क्या तू मित्राभाव से आया है कि नहीं?

4. So Samuel did as the LORD instructed. When he arrived at Bethlehem, the elders of the town came trembling to meet him. 'What's wrong?' they asked. 'Do you come in peace?'

5. उस ने कहा, हां, मित्राभाव से आया हूं; म्ें यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूं; तुम अपने अपने को पवित्रा करके मेरे साथ यज्ञ में आओ। तब उस ने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्रा करके यज्ञ में आने का न्योता दिया।

5. 'Yes,' Samuel replied. 'I have come to sacrifice to the LORD. Purify yourselves and come with me to the sacrifice.' Then Samuel performed the purification rite for Jesse and his sons and invited them to the sacrifice, too.

6. जब वे आए, तब उस ने एलीआब पर दृष्टि करके सोचा, कि निश्चय जो यहोवा के साम्हने है वही उसका अभिषिक्त होगा।

6. When they arrived, Samuel took one look at Eliab and thought, 'Surely this is the LORD's anointed!'

7. परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।
मत्ती 12:25, मत्ती 22:18, मरकुस 2:8, लूका 6:8, लूका 11:17, यूहन्ना 2:25

7. But the LORD said to Samuel, 'Don't judge by his appearance or height, for I have rejected him. The LORD doesn't see things the way you see them. People judge by outward appearance, but the LORD looks at the heart.'

8. तब यिशै ने अबीनादाब को बुलाकर शमूएल के साम्हने भेजा। और उस से कहा, यहोवा ने इसको भी नहीं चुना।

8. Then Jesse told his son Abinadab to step forward and walk in front of Samuel. But Samuel said, 'This is not the one the LORD has chosen.'

9. फिर यिशै ने शम्मा को साम्हने भेजा। और उस ने कहा, यहोवा ने इसको भी नहीं चुना।

9. Next Jesse summoned Shimea, but Samuel said, 'Neither is this the one the LORD has chosen.'

10. योंही यिशै ने अपने सात पुत्रों को शमूएल के साम्हने भेजा। और शमूएल यिशै से कहता गया, यहोवा ने इन्हें नहीं चुना।

10. In the same way all seven of Jesse's sons were presented to Samuel. But Samuel said to Jesse, 'The LORD has not chosen any of these.'

11. तब शमूएल ने यिशै से कहा, क्या सब लड़के आ गए? वह बोला, नहीं, लहुरा तो रह गया, और वह भेड़- बकरियों को चरा रहा है। शमूएल ने यिशै से कहा, उसे बुलवा भेज; क्योंकि जब तक वह यहां न आए तब तक हम खाने को न बैठेंगे।

11. Then Samuel asked, 'Are these all the sons you have?' 'There is still the youngest,' Jesse replied. 'But he's out in the fields watching the sheep and goats.' 'Send for him at once,' Samuel said. 'We will not sit down to eat until he arrives.'

12. तब वह उसे बुलाकर भीतर ले आया। उसके तो लाली झलकती थी, और उसकी आंखें सुन्दर, और उसका रूप सुडौल था। तब यहोवा ने कहा, उठकर इस का अभिषेक कर: यही है।
प्रेरितों के काम 13:22

12. So Jesse sent for him. He was dark and handsome, with beautiful eyes.And the LORD said, 'This is the one; anoint him.'

13. तब शमूएल ने अपना तेल का सींग लेकर उसके भाइयों के मध्य में उसका अभिषेक किया; और उस दिन से लेकर भविष्य को यहोवा का आत्मा दाऊद पर बल से उतरता रहा। तब शमूएल उठकर रामा को चला गया।।
प्रेरितों के काम 13:22

13. So as David stood there among his brothers, Samuel took the flask of olive oil he had brought and anointed David with the oil. And the Spirit of the LORD came powerfully upon David from that day on. Then Samuel returned to Ramah.

14. और यहोवा का आत्मा शाऊल पर से उठ गया, और यहोवा की ओर से एक दुष्ट आत्मा उसे घबराने लगा।

14. Now the Spirit of the LORD had left Saul, and the LORD sent a tormenting spirit that filled him with depression and fear.

15. और शाऊल के कर्मचारियों ने उस से कहा, सुन, परमेश्वर की ओर से एक दुष्ट आत्मा तुझे घबराता है।

15. Some of Saul's servants said to him, 'A tormenting spirit from God is troubling you.

16. हमारा प्रभु अपने कर्मचारियों को जो उपस्थित हैं आज्ञा दे, कि वे किसी अच्छे वीणा बजानेवाले को ढूंढ़ ले आएं; और जब जब परमेश्वर की ओर से दुष्ट आत्मा तुझ पर चढ़े, तब तब वह अपने हाथ से बजाए, और तू अच्छा हो जाए।

16. Let us find a good musician to play the harp whenever the tormenting spirit troubles you. He will play soothing music, and you will soon be well again.'

17. शाऊल ने अपने कर्मचारियों से कहा, अच्छा, एक उत्तम बजवैया देखो, और उसे मेरे पास लाओ।

17. 'All right,' Saul said. 'Find me someone who plays well, and bring him here.'

18. तब एक जवान ने उत्तर देके कहा, सुन, मैं ने बेतलहमी यिशै के एक पुत्रा को देखा जो वीणा बजाना जानता है, और वह वीर योद्धा भी है, और बात करने में बुद्धिमान और रूपवान भी है; और यहोवा उसके साथ रहता है।

18. One of the servants said to Saul, 'One of Jesse's sons from Bethlehem is a talented harp player. Not only that-- he is a brave warrior, a man of war, and has good judgment. He is also a fine-looking young man, and the LORD is with him.'

19. तब शाऊल ने दूतों के हाथ यिशै के पास कहला भेजा, कि अपने पुत्रा दाऊद को जो भेड़- बकरियों के साथ रहता है मेरे पास भेज दे।

19. So Saul sent messengers to Jesse to say, 'Send me your son David, the shepherd.'

20. तब यिशै ने रोटी से लदा हुआ एक गदहा, और कुप्पा भर दाखमधु, और बकरी का एक बच्चा लेकर अपने पुत्रा दाऊद के हाथ से शाऊल के पास भेज दिया।

20. Jesse responded by sending David to Saul, along with a young goat, a donkey loaded with bread, and a wineskin full of wine.

21. और दाऊद शाऊल के पास जाकर उसके साम्हने उपस्थित रहने लगा। और शाऊल उस से बहुत प्रीति करने लगा, और वह उसका हथियार ढोनेवाला हो गया।

21. So David went to Saul and began serving him. Saul loved David very much, and David became his armor bearer.

22. तब शाऊल ने यिशै के पास कहला भेजा, कि दाऊद को मेरे साम्हने उपस्थित रहने दे, क्योंकि मैं उस से बहुत प्रसन्न हूं।

22. Then Saul sent word to Jesse asking, 'Please let David remain in my service, for I am very pleased with him.'

23. और जब जब परमेश्वर की ओर से वह आत्मा शाऊल पर चढ़ता था, तब तब दाऊद वीणा लेकर बजाता; और शाऊल चैन पाकर अच्छा हो जाता था, और वह दुष्ट आत्मा उस में से हट जाता था।।

23. And whenever the tormenting spirit from God troubled Saul, David would play the harp. Then Saul would feel better, and the tormenting spirit would go away.



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