Judges - न्यायियों 5 | View All

1. उसी दिन दबोरा और अबीनोअम के पुत्रा बाराक ने यह गीत गाया,

1. সেই দিন দবোরা ও অবীনোয়মের পুত্র বারক এই গান করিলেন।

2. कि इस्राएल के अगुवों ने जो अगुवाई की और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई, इसके लिये यहोवा को धन्य कहो!

2. ইস্রায়েলে নায়কগণ নেতৃত্ব করিলেন, প্রজারা স্ব-ইচ্ছায় আপনাদিগকে উৎসর্গ করিল, এজন্য তোমরা সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর।

3. हे राजाओ, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ, मैं आप यहोवा के लिये गीत गाऊंगी; इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूंगी।।

3. রাজগণ, শ্রবণ কর; নৃপগণ, কর্ণ দেও; আমি, আমিই সদাপ্রভুর উদ্দেশে গান করিব, ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশে সঙ্গীত করিব,

4. हे यहोवा, जब तू सेईर से निकल चला, जब तू ने एदोम के देश से प्रस्थान किया, तब पृथ्वी डोल उठी, और आकाश टूट पड़ा, बादल से भी जल बरसने लगा।।
इब्रानियों 12:26

4. হে সদাপ্রভু, তুমি যখন সেয়ীর হইতে নির্গমন করিলে, ইদোম-ক্ষেত্র হইতে অগ্রসর হইলে, ভূমি কাঁপিল, আকাশও বর্ষিল, মেঘমালা জল বরিষণ করিল।

5. यहोवा के प्रताप से पहाड़, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के प्रताप से वह सीनै पिघलकर बहने लगा।

5. সদাপ্রভুর সাক্ষাতে পর্ব্বতগণ কম্পমান হইল, ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সাক্ষাতে ঐ সীনয় কম্পমান হইল।

6. अनात के पुत्रा शमगर के दिनों में, और याएल के दिनों में सड़कें सूनी पड़ी थीं, और बटोही पगदंडियों से चलते थे।।

6. অনাতের পুত্র শম্‌গরের সময়ে, যায়েলের সময়ে, রাজপথ শূন্য হইল, পথিকেরা বক্র পথ দিয়া গমন করিত।

7. जब तक मैं दबोरा न उठी, जब तक मैं इस्राएल में माता होकर न उठी, तब तक गांव सूने पड़े थे।।

7. নায়কগণ ইস্রায়েলের মধ্যে ক্ষান্ত ছিলেন, তাঁহারা ক্ষান্ত ছিলেন; শেষে আমি দবোরা উঠিলাম, ইস্রায়েলের মধ্যে মাতৃস্থানীয় হইয়া উঠিলাম।

8. नये नये देवता माने गए, उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी। क्या चालीस हजार इस्राएलियों में भी ढ़ाल वा बर्छी कहीं देखने में आती थी?

8. তাহারা নূতন দেবতা মনোনীত করিয়াছিল; তৎকালে নগরদ্বারে যুদ্ধ হইল; ইস্রায়েলের চল্লিশ সহস্র লোকের মধ্যে কি একখানা ঢাল বা শল্য দৃষ্ট হইল?

9. मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है, जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए। यहोवा को धन्य कहो।।

9. আমার হৃদয় ইস্রায়েলের অধ্যক্ষগণের অভিমুখ, যাঁহারা প্রজাদের মধ্যে স্ব-ইচ্ছায় আপনাদিগকে উৎসর্গ করিলেন; তোমরা সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর।

10. हे उजली गदहियों पर चढ़नेवालो, हे फर्शों पर विराजनेवालो, ध्यान रखो।।

10. তোমরা যাহারা শুভ্র গর্দ্দভীতে চড়িয়া থাক, যাহারা দুলিচার উপরে বসিয়া থাক, যাহারা পথে ভ্রমণ কর, তোমরাই উহার সংবাদ দেও।

11. परघटों के आस पास धनुर्धारियों की बात के कारण, वहां वे यहोवा के धर्ममय कामों का, इस्राएल के लिये उसके धर्ममय कामों का बखान करेंगे। उस समय यहोवा की प्रजा के लोग फाटकों के पस गए।।

11. ধনুর্দ্ধরদের রব হইতে দূরে, জল তুলিবার স্থান সকলে, সেখানে কীর্ত্তিত হইতেছে সদাপ্রভুর ধর্ম্মক্রিয়া, ইস্রায়েলে তাঁহার শাসন সংক্রান্ত ধর্ম্মক্রিয়া সমূহ; তখন সদাপ্রভুর প্রজাগণ নগরদ্বারে নামিয়া যাইত।

12. जाग, जाग, हे दबोरा! जाग, जाग, गीत सुना! हे बाराक, उठ, हे अबीनोअम के पुत्रा, अपने बन्धुओं को बन्धुआई में ले चल।

12. দবোরে, জাগ্রত হও, জাগ্রত হও; জাগ্রত হও, জাগ্রত হও, গীত গান কর; বারক, উঠ; অবীনোয়মের পুত্র, তোমার বন্দিগণকে বন্দি কর।

13. उस समय थोड़े से रईस प्रजा समेत उतर पड़े; यहोवा शूरवीरों के विरूद्ध मेरे हित उतर आया।

13. তখন নরেন্দ্রদের অবশিষ্টেরা ও জনগণ নামিল; সদাপ্রভু আমার পক্ষে সেই বিক্রমীদের বিরুদ্ধে নামিলেন।

14. एप्रैम में से वे आए जिसकी जड़ अमालेक में है; हे बिन्यामीन, तेरे पीछे तेरे दलों में, माकीर में से हाकिम, और जबूलून में से सेनापति दण्ड लिए हुए उतरे;

14. ইফ্রয়িম হইতে অমালেক-নিবাসীরা [আসিল]; বিন্যামীন তোমার লোকদের মধ্যে তোমার পশ্চাতে [আসিল]; মাখীর হইতে অধ্যক্ষগণ নামিলেন, সবূলূন হইতে রণ-দণ্ডধারিগণ নামিলেন।

15. और इस्साकार के हाकिम दबोरा के संग हुए, जैसा इस्साकार वैसा ही बाराक भी था; उसके पीछे लगे हुए वे तराई में झपटकर गए। रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम मन में ठाने गए।।

15. ইষাখরের অধ্যক্ষগণ দবোরার সঙ্গী ছিলেন, ইষাখর যেমন বারকও তেমনি, তাঁহার পশ্চাতে তাঁহারা বেগে তলভূমিতে গেলেন। রূবেণের স্রোতঃসমূহের নিকটে গুরুতর চিত্তসংঙ্কল্প হইল।

16. तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा? रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम सोचे गए।।

16. তুমি কেন মেষবাথানের মধ্যে বসিলে? কি মেষপালকগণের বংশীবাদ্য শুনিবার জন্য? রূবেণের স্রোতঃসমূহের নিকটে গুরুতর চিত্তপরীক্ষা হইল।

17. गिलाद यरदन पार रह गया; और दान क्यों जहाजों में रह गया? आशेर समुद्र के तीर पर बैठा रहा, और उसकी खाड़ियों के पास रह गया।।

17. গিলিয়দ যর্দ্দনের ওপারে বাস করিল, আর দান কেন জাহাজে রহিল? আশের সমুদ্রের পোতাশ্রয়ে বসিয়া থাকিল, নিজ খালের ধারে বাস করিল।

18. जबलून अपने प्राण पर खेलनेवाले लोग ठहरे; नप्ताली भी देश के ऊंचे ऊंचे स्थानों पर वैसा ही ठहरा।

18. সবূলূন-প্রজাগণ প্রাণ তুচ্ছ করিল মৃত্যু পর্য্যন্ত, নপ্তালিও করিল ক্ষেত্রের উচ্চ উচ্চ স্থানে।

19. राजा आकर लड़े, उस समय कनान के राजा मगिद्दॊ के सोतों के पास तानाक में लड़े; पर रूपयों का कुछ लाभ न पाया।।
प्रकाशितवाक्य 16:16

19. রাজগণ আসিয়া যুদ্ধ করিলেন, তখন কনানের রাজগণ যুদ্ধ করিলেন, মগিদ্দোর জলতীরস্থ তানকে যুদ্ধ করিলেন; তাঁহারা একখণ্ড রৌপ্যও লইলেন না।

20. आकाश की ओर से भी लड़ाई हुई; वरन ताराओं ने अपने अपने मण्डल से सीसरा से लड़ाई की।।

20. আকাশমণ্ডল হইতে যুদ্ধ হইল, স্ব স্ব অয়নে তারাগণ সীষরার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিল।

21. कीशोन नदी ने उनको बहा दिया, अर्थात् वही प्राचीन नदी जो कीशोन नदी है। हे मन, हियाव बान्धे आगे बढ़।।

21. কীশোন নদী তাহাদিগকে ভাসাইয়া লইয়া গেল; সেই প্রাচীন নদী, কীশোন নদী। হে আমার প্রাণ, সবলে অগ্রসর হও।

22. उस समय घोड़े के खुरों से टाप का शब्द होने लगा, उनके बलिष्ट घोड़ों के कूदने से यह हूआ।।

22. তখন অশ্বদের খুর ভূমি পেষণ করিল ধাবন হেতু, তাহাদের পরাক্রমীদের ধাবন হেতু।

23. यहोवा का दूत कहता है, कि मेरोज को शाप दो, उसके निवासियों को भारी शाप दो, क्योंकि वे यहोवा की सहायता करने को, शूरवीरों के विरूद्ध यहोवा की सहायता करने को न आए।।

23. সদাপ্রভুর দূত বলেন, মেরোসকে শাপ দেও, তথাকার নিবাসীদিগকে দারুণ শাপ দেও; কেননা তাহারা আসিল না সদাপ্রভুর সাহায্যের জন্য, সদাপ্রভুর সাহায্যের জন্য, বিক্রমীদের বিরুদ্ধে।

24. सब स्त्रियों में से केनी हेबेर की स्त्री याएल धन्य ठहरेगी; डेरों में से रहनेवाली सब स्त्रियों में वह धन्य ठहरेगी।।
लूका 1:42

24. মহিলাদের মধ্যে যায়েল ধন্যা, কেনীয় হেবরের পত্নী ধন্যা, তাম্বুবাসিনী স্ত্রীলোকদের মধ্যে তিনি ধন্যা।

25. सीसरा ने पानी मांगा, उस ने दूध दिया, रईसों के योग्य बर्तन में वह मक्खन ले आई।।

25. সে জল চাহিল, তিনি তাহাকে দুগ্ধ দিলেন। রাজোপযোগী পাত্রে ক্ষীর আনিয়া দিলেন।

26. उस ने अपना हाथ खूंटी की ओर अपना दहिना हाथ बढ़ई के हथौड़े की ओर बढ़ाया; और हथौड़े से सीसरा को मारा, उसके सिर को फोड़ डाला, और उसकी कनपटी को आरपार छेद दिया।।

26. তিনি গোঁজে হস্ত দিলেন। কর্ম্মকারের মুদগরে দক্ষিণ হস্ত দিলেন; তিনি সীষরাকে মুদগর মারিলেন, তাহার মস্তক বিদ্ধ করিলেন, তাহার কাণপাটি ভাঙ্গিলেন, বিদ্ধ করিলেন।

27. उस स्त्री के पांवो पर वह झुका, वह गिरा, वह पड़ा रहा; उस स्त्री के पांवो पर वह झुका, वह गिरा; जहां झुका, वहीं मरा पड़ा रहा।।

27. সে তাঁহার চরণে হেঁট হইয়া পড়িল, লম্বমান হইল; তাঁহার চরণে হেঁট হইয়া পড়িল; যেখানে হেঁট হইল, তথায় মরিয়া পড়িল।

28. खिड़की में से एक स्त्री झांककर चिल्लाई, सीसरा की माता ने झिलमिली की ओट से पुकारा, कि उसके रथ के आने में इतनी देर क्यों लगी? उसके रथों के पहियों को अबेर क्यों हुई है?

28. সীষরার মাতা গবাক্ষ দিয়া চাহিল, সে বাতায়ন হইতে ডাকিয়া কহিল, তাহার রথ আসিতে কেন বিলম্ব করে? তাহার রথচক্র কেন মন্দ মন্দ চলে?

29. उसी बुद्धिमान प्रतिष्ठित स्त्रियों ने उसे उत्तर दिया, वरन उस ने अपने आप को इस प्रकार उत्तर दिया,

29. তাহার জ্ঞানবতী সহচরীগণ উত্তর করিল, সে আপনিও আপনার কথার উত্তর দিল,

30. कि क्या उन्हों ने लूट पाकर बांट नहीं ली? क्या एक एक पुरूष को एक एक वरन दो दो कुंवारियां; और सीसरा को रंगे हुए वस्त्रा की लूट, वरन बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्रा की लूट, और लूटे हुओं के गले में दोनों ओर बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्रा नहीं मिले?

30. তাহারা কি পায় নাই? লুট অংশ করিয়া লয় নাই? প্রত্যেক পুরুষ একটী কামিনী, দুইটী কামিনী, আর সীষরা চিত্রিত বস্ত্র পাইয়াছে, চিত্রিত সূচিকার্য্যের বস্ত্র পাইয়াছে, চিত্রিত দুই ধারি বাঁধা বস্ত্র লুটকারীর কণ্ঠে।

31. हे यहोवा, तेरे सब शत्रु ऐसे ही नाश हो जाएं! परन्तु उसके प्रेमी लोग प्रताप के साथ उदय होते हुए सूर्य के समान तेजोमय हों।। फिर देश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही।।
प्रकाशितवाक्य 1:16

31. হে সদাপ্রভু, তোমার সর্ব্ব শত্রু এইরূপে বিনষ্ট হউক, কিন্তু তোমার প্রেমকারিগণ সপ্রতাপে গমনকারী সূর্য্যের সদৃশ হউক। পরে চল্লিশ বৎসর দেশ নিষ্কন্টকে থাকিল।



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