16. तब शिमशोन की पत्नी यह कहकर उसके साम्हने रोने लगी, कि तू तो मुझ से प्रेम नहीं, बैर ही रखता है; कि तू ने एक पहेली मेरी जाति के लोगों से तो कही है, परन्तु मुझ को उसका अर्थ भी नहीं बताया। उस ने कहा, मैं ने उसे अपनी माता वा पिता को भी नहीं बताया, फिर क्या मैं तुझ को बता दूं?
16. And Samson's wife wept before him and said, Thou dost only hate me and dost not love me, for thou hast not declared unto me the enigma that thou hast put forth unto the sons of my people. And he said unto her, Behold, I have not told [it] to my father nor my mother, and must I tell [it to] thee?