13. और जब मैं ने फिर देखा, तो आकाश के बीच में एक उकाब को उड़ते और ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही के शब्दों के कारण जिन का फूंकना अभी बाकी है, पृथ्वी के रहनेवालों पर हाय! हाय! हाय!
13. And I saw, and I heard an eagle, flying in mid heaven, saying with a great voice, Woe, woe, woe, for them that dwell on the earth, by reason of the other voices of the trumpet of the three angels, who are yet to sound.