Revelation - प्रकाशितवाक्य 11 | View All

1. और मुझे लग्गी के समान एक सरकंडा दिया गया, और किसी ने कहा; उठ, परमेश्वर के मन्दिर और वेदी, और उस में भजन करनेवालों को नाप ले।
यहेजकेल 40:3, यहेजकेल 40:47, जकर्याह 2:1-2

1. A REED [as a measuring rod] was then given to me, [shaped] like a staff, and I was told: Rise up and measure the sanctuary of God and the altar [of incense], and [number] those who worship there. [Ezek. 40:3.]

2. और मन्दिर के बारह का आंगन छोड़ दे; उस मत नाप, क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्रा नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी।
भजन संहिता 79:1, यशायाह 63:18, दानिय्येल 8:13, जकर्याह 12:3

2. But leave out of your measuring the court outside the sanctuary of God; omit that, for it is given over to the Gentiles (the nations), and they will trample the holy city underfoot for 42 months (three and one-half years). [Isa. 63:18; Zech. 12:3.]

3. और मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूंगा, कि टाट ओढे हुए एक हजार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्ववाणी करें।

3. And I will grant the power of prophecy to My two witnesses for 1,260

4. ये वे ही जैतून के दो पेड़ और दो दीवट हैं जो पृथ्वी के प्रभु के साम्हने खड़े रहते हैं।
जकर्याह 4:2-3, जकर्याह 4:11, जकर्याह 4:14

4. These [witnesses] are the two olive trees and the two lampstands which stand before the Lord of the earth. [Zech. 4:3, 11-14.]

5. और यदि कोई उन को हानि पहुंचाना चाहता है, तो उन के मुंह से आग निकलकर उन के बैरियों को भस्म करती है, और यदि कोई उन को हानि पहुंचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा।
2 शमूएल 22:9, 2 राजाओं 1:10, भजन संहिता 97:3, यिर्मयाह 5:14

5. And if anyone attempts to injure them, fire pours from their mouth and consumes their enemies; if anyone should attempt to harm them, thus he is doomed to be slain. [II Kings 1:10; Jer. 5:14.]

6. इन्हें अधिकार है, कि आकाश को बन्द करें, कि उन की भविष्यद्ववाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लोहू बनाएं, और जब जब चाहें तब तब पृथ्वी पर हर प्रकार की आपत्ति लाएं।
निर्गमन 7:17, निर्गमन 7:19, 1 शमूएल 4:8, 1 राजाओं 17:1

6. These [two witnesses] have power to shut up the sky, so that no rain may fall during the days of their prophesying (their prediction of events relating to Christ's kingdom and its speedy triumph); and they also have power to turn the waters into blood and to smite and scourge the earth with all manner of plagues as often as they choose. [Exod. 7:17, 19; I Kings 17:1.]

7. और जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उन से लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा।
दानिय्येल 7:3, दानिय्येल 7:7, दानिय्येल 7:21

7. But when they have finished their testimony and their evidence is all in, the beast (monster) that comes up out of the Abyss (bottomless pit) will wage war on them, and conquer them and kill them. [Dan. 7:3, 7, 21.]

8. और उन की लोथें उस बड़े नगर के चौक में पड़ी रहेंगी, जो आत्मिक रीति से सदोम और मिसर कहलाता है, जहां उन का प्रभु भी क्रूस पर चढ़ाया गया था।
यशायाह 1:10

8. And their dead bodies [will lie exposed] in the open street (a public square) of the great city which is in a spiritual sense called [by the mystical and allegorical names of] Sodom and Egypt, where also their Lord was crucified. [Isa. 1:9.]

9. और सब लोगों, और कुलों, और भाषाओं, और जातियों में से लोग उन की लोथें साढ़े तीन दिन तक देखते रहेंगे, और उन की लोथें कब्र में रखने ने देंगे।

9. For three and a half days men from the races and tribes and languages and nations will gaze at their dead bodies and will not allow them to be put in a tomb.

10. और पृथ्वी के रहनेवाले, उन के मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्ताओं ने पृथ्वी के रहनेवालों को सताया था
यहेजकेल 37:5-10

10. And those who dwell on the earth will gloat and exult over them and rejoice exceedingly, taking their ease and sending presents [in congratulation] to one another, because these two prophets had been such a vexation and trouble and torment to all the dwellers on the earth.

11. और साढ़े तीन दिन के बाद परमेश्वर की ओर से जीवन की आत्मा उन में पैठ गई; और वे अपने पांवों के बल खड़े हो गए, और उनके देखनेवालों पर बड़ा भय छा गया।
यहेजकेल 37:5-10

11. But after three and a half days, by God's gift the breath of life again entered into them, and they rose up on their feet, and great dread and terror fell on those who watched them. [Ezek. 37:5, 10.]

12. और उन्हें स्वर्ग से एक बड़ा शब्द सुनाई दिया, कि यहां ऊपर आओ; यह सुन वे बादल पर सवार होकर अपने बैरियों के देखते देखते स्वर्ग पर चढ़ गए।
2 राजाओं 2:11

12. Then [the two witnesses] heard a strong voice from heaven calling to them, Come up here! And before the very eyes of their enemies they ascended into heaven in a cloud. [II Kings 2:11.]

13. फिर उसी घड़ी एक बड़ा भुइंडोल हुआ, और नगर का दसवां अंश गिर पड़ा; और उस भुइंडोल से सात हजार मनुष्य मर गए और शेष डर गए, और स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की।।
यहोशू 7:19, यहेजकेल 38:19-20, दानिय्येल 2:19

13. And at that [very] hour there was a tremendous earthquake and one tenth of the city was destroyed (fell); seven thousand people perished in the earthquake, and those who remained were filled with dread and terror and were awe-struck, and they glorified the God of heaven.

14. दूसरी विपत्ति बीत चुकी, देखो, तीसरी विपत्ति शीघ्र आनेवाली है।।

14. The second woe (calamity) has passed; now the third woe is speedily to come.

15. और जब सातवें दूत ने तुरही फूंकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े बड़े शब्द होने लगे कि जगत का राज्य हमारे प्रभु का, और उसके मसीह का हो गया।
निर्गमन 15:18, भजन संहिता 10:16, भजन संहिता 22:28, दानिय्येल 2:44, दानिय्येल 7:14, ओबद्याह 1:21, जकर्याह 14:9

15. The seventh angel then blew [his] trumpet, and there were mighty voices in heaven, shouting, The dominion (kingdom, sovereignty, rule) of the world has now come into the possession and become the kingdom of our Lord and of His Christ (the Messiah), and He shall reign forever and ever (for the eternities of the eternities)! [Ps. 22:28; Dan. 7:13, 14, 27.]

16. और वह युगानुयुग राज्य करेगा, और चौबीसों प्राचीन जो परमेश्वर के साम्हने अपने अपने सिंहासन पर बैठे थे, मुंह के बल गिरकर परमेश्वर को दण्डवत करके।

16. Then the twenty-four elders [of the heavenly Sanhedrin], who sit on their thrones before God, prostrated themselves before Him and worshiped,

17. यह कहने लगे, कि हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, जो है, और जो था, हम तेरा धन्यवाद करते हैं, कि तू ने अपनी बड़ी सार्म्थ काम में लाकर राज्य किया है।
निर्गमन 3:14, यशायाह 12:4, आमोस 4:13

17. Exclaiming, To You we give thanks, Lord God Omnipotent, [the One] Who is and [ever] was, for assuming the high sovereignty and the great power that are Yours and for beginning to reign.

18. और अन्यजातियों ने क्रोध किया, और तेरा प्रकोप आ पड़ा और वह समय आ पहुंचा है, कि मरे हुओं का न्याय किया जाए, और तेरे दास भविष्यद्वक्ताओं और पवित्रा लोगों को और उन छोटे बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं, बदला दिया जाए, और पृथ्वी के बिगाड़नेवाले नाश किए जाएं।।
भजन संहिता 2:1, भजन संहिता 46:6, भजन संहिता 99:1, भजन संहिता 115:13, दानिय्येल 9:6, दानिय्येल 9:10, आमोस 3:7, जकर्याह 1:6

18. And the heathen (the nations) raged, but Your wrath (retribution, indignation) came, the time when the dead will be judged and Your servants the prophets and saints rewarded--and those who revere (fear) Your name, both low and high and small and great--and [the time] for destroying the corrupters of the earth. [Ps. 2:1.]

19. और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उस की वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, और बिजलियां और शब्द और गर्जन और भुइंडोल हुए, और बड़े बड़े ओले पड़े।।
निर्गमन 9:24, निर्गमन 19:16, 1 राजाओं 8:1, 1 राजाओं 8:6, 2 इतिहास 5:7, यहेजकेल 1:13

19. Then the sanctuary of God in heaven was thrown open, and the ark of His covenant was seen standing inside in His sanctuary; and there were flashes of lightning, loud rumblings (blasts, mutterings), peals of thunder, an earthquake, and a terrific hailstorm. [I Kings 8:1-6.]



Shortcut Links
प्रकाशितवाक्य - Revelation : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |