6. और जो युगानुयुग जीवता रहेगा, और जिस ने सवर्ग को और जो कुछ उस में है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उस में है सृजा उसी की शपथ खाकर कहा, अब तो और देर न होगी।
निर्गमन 20:11, भजन संहिता 146:6
6. And swore by him that liveth for ever and ever, who created heaven, and the things that are in it, and the earth, and the things that are in it, and the sea, and the things which are in it, that there should be delay no longer: