1 John - 1 यूहन्ना 3 | View All

1. देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना।

1. দেখ, পিতা আমাদিগকে কেমন প্রেম প্রদান করিয়াছেন যে, আমরা ঈশ্বরের সন্তান বলিয়া আখ্যাত হই; আর আমরা তাহাই বটে। এই জন্য জগৎ আমাদিগকে জানে না, কারণ সে তাঁহাকে জানে নাই।

2. हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उस को वैसा ही देखेंगे जैसा वह है।
अय्यूब 19:25

2. প্রিয়তমেরা, এখন আমরা ঈশ্বরের সন্তান; এবং কি হইব, তাহা এ পর্য্যন্ত প্রকাশিত হয় নাই। আমরা জানি, তিনি যখন প্রকাশিত হইবেন, তখন আমরা তাঁহার সমরূপ হইব; কারণ তিনি যেমন আছেন, তাঁহাকে তেমনি দেখিতে পাইব।

3. और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्रा करता है, जैसा वह पवित्रा है।

3. আর তাঁহার উপরে এই প্রত্যাশা যে কাহারও আছে, সে আপনাকে বিশুদ্ধ করে, যেমন তিনি বিশুদ্ধ।

4. जो कोई पाप करता है, वह व्यवस्था का विरोध करता है; ओर पाप तो व्यवस्था का विरोध है।

4. যে কেহ পাপাচরণ করে, সে ব্যবস্থালঙ্ঘনও করে, আর ব্যবস্থালঙ্ঘনই পাপ।

5. और तुम जानते हो, कि वह इसलिये प्रगट हुआ, कि पापों को हर ले जाए; और उसके स्वभाव में पाप नहीं।
यशायाह 53:9

5. আর তোমরা জান, পাপভার লইয়া যাইবার নিমিত্ত তিনি প্রকাশিত হইলেন, এবং তাঁহাতে পাপ নাই।

6. जो कोई उस में बना रहता है, वह पाप नहीं करता: जो कोई पाप करता है, उस ने न तो उसे देखा है, और न उस को जाना है।

6. যে কেহ তাঁহাতে থাকে, সে পাপ করে না; যে কেহ পাপ করে, সে তাঁহাকে দেখে নাই এবং জানেও নাই।

7. हे बालको, किसी के भरमाने में न आना; जो धर्म के काम करता है, वही उस की नाईं धर्मी है।

7. বৎসেরা, কেহ যেন তোমাদিগকে ভ্রান্ত না করে; যে ধর্ম্মাচরণ করে সে ধার্ম্মিক, যেমন তিনি ধার্ম্মিক।

8. जो कोई पाप करता है, वह शैतान की ओर से है, क्योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है: परमेश्वर का पुत्रा इसलिये प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे।

8. যে পাপাচরণ করে, সে দিয়াবলের; কেননা দিয়াবল আদি হইতে পাপ করিতেছে, ঈশ্বরের পুত্র এই জন্যই প্রকাশিত হইলেন, যেন দিয়াবলের কার্য্য সকল লোপ করেন।

9. जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नहीं करता; क्योंकि उसका बीज उस में बना रहता है: और वह पाप कर ही नहीं सकता, क्योंकि परमेश्वर से जन्मा है।

9. যে কেহ ঈশ্বর হইতে জাত, সে পাপাচরণ করে না, কারণ তাঁহার বীর্য্য তাহার অন্তরে থাকে; এবং সে পাপ করিতে পারে না, কারণ সে ঈশ্বর হইতে জাত।

10. इसी से परमेश्वर की सन्तान, और शैतान की सन्तान जाने जाते हैं; जो कोई धर्म के काम नहीं करता, वह परमेश्वर से नहीं, और न वह, जो अपने भाई से प्रेम नहीं रखता।

10. ইহাতে ঈশ্বরের সন্তানগণ এবং দিয়াবলের সন্তানগণ প্রকাশ হইয়া পড়ে; যে কেহ ধর্ম্মাচরণ না করে, এবং যে ব্যক্তি আপন ভ্রাতাকে প্রেম না করে, সে ঈশ্বরের লোক নয়।

11. क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से बैर रखे।

11. কেননা তোমরা আদি হইতে যে বার্ত্তা শুনিয়াছ, তাহা এই, আমাদের পরস্পর প্রেম করা কর্ত্তব্য;

12. और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्ट से था, और जिस ने अपने भाई को घात किया: और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे।।
उत्पत्ति 4:8

12. কয়িন যেমন সেই পাপাত্মার লোক, এবং আপন ভ্রাতাকে বধ করিয়াছিল, তেমন যেন না হই। আর সে কেন তাঁহাকে বধ করিয়াছিল? কারণ এই যে, তাহার নিজের কার্য্য মন্দ, কিন্তু তাহার ভ্রাতার কার্য্য ধর্ম্মানুযায়ী ছিল।

13. हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना।

13. ভ্রাতৃগণ, জগৎ যদি তোমাদিগকে ঘৃণা করে, তবে আশ্চর্য্য জ্ঞান করিও না।

14. हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुंचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं: जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है।

14. আমরা জানি যে, মৃত্যু হইতে জীবনে উত্তীর্ণ হইয়াছি, কারণ ভ্রাতৃগণকে প্রেম করি; যে কেহ প্রেম না করে, সে মৃত্যু মধ্যে থাকে।

15. जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता।

15. যে কেহ আপন ভ্রাতাকে ঘৃণা করে, সে নরঘাতক; এবং তোমরা জান, অনন্ত জীবন কোন নরঘাতকের অন্তরে অবস্থিতি করে না।

16. हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उस ने हमारे अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।

16. তিনি আমাদের নিমিত্তে আপন প্রাণ দিলেন, ইহাতে আমরা প্রেম জ্ঞাত হইয়াছি; এবং আমরাও ভ্রাতাদের নিমিত্ত আপন আপন প্রাণ দিতে বাধ্য।

17. पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
व्यवस्थाविवरण 15:7-8

17. কিন্তু যাহার সাংসারিক জীবনোপায় আছে, সে আপন ভ্রাতাকে দীনহীন দেখিলে যদি তাহার প্রতি আপন করুণা রোধ করে, তবে ঈশ্বরের প্রেম কেমন করিয়া তাহার অন্তরে থাকে?

18. हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।

18. বৎসেরা, আইস, আমরা বাক্যে কিম্বা জিহ্বাতে নয়, কিন্তু কার্য্যে ও সত্যে প্রেম করি।

19. इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसे विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे।

19. ইহাতে জানিব যে, আমরা সত্যের, এবং তাঁহার সাক্ষাতে আপনাদের হৃদয় আশ্বাসযুক্ত করিব,

20. क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है।

20. কারণ আমাদের হৃদয় যদি আমাদিগকে দোষী করে, ঈশ্বর আমাদের হৃদয় অপেক্ষা মহান্‌, এবং সকলই জানেন।

21. हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है।

21. প্রিয়তমেরা, আমাদের হৃদয় যদি আমাদিগকে দোষী না করে, তবে ঈশ্বরের উদ্দেশে আমাদের সাহস লাভ হয়;

22. और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं।

22. এবং যে কিছু যাচ্ঞা করি, তাহা তাঁহার নিকটে পাই; কেননা আমরা তাঁহার আজ্ঞা সকল পালন করি, এবং তাঁহার দৃষ্টিতে যাহা যাহা প্রীতিজনক, তাহা করি।

23. और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्रा यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उस ने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें।

23. আর তাঁহার আজ্ঞা এই, যেন আমরা তাঁহার পুত্র যীশু খ্রীষ্টের নামে বিশ্বাস করি, এবং পরস্পর প্রেম করি, যেমন তিনি আমাদিগকে আজ্ঞা দিয়াছেন।

24. और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह इस में, और यह उस में बना रहता है: और इसी से, अर्थात् उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।।

24. আর যে ব্যক্তি তাঁহার আজ্ঞা সকল পালন করে, সে তাঁহাতে থাকে, ও তিনি তাহাতে থাকেন; আর তিনি আমাদিগকে যে আত্মা দিয়াছেন, তাঁহার দ্বারা আমরা জানি যে, তিনি আমাদিগেতে থাকেন।



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