12. पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उन के विषय में औरों को बुरा भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएंगे।
12. But these [people]! Like unreasoning beasts, mere creatures of instinct, born [only] to be captured and destroyed, railing at things of which they are ignorant, they shall utterly perish in their [own] corruption [in their destroying they shall surely be destroyed],