Joshua - यहोशू 9 | View All

1. यह सुनकर हित्ती, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी, जितने राजा यरदन के इस पार पहाड़ी देश में और नीचे के देश में, और लबानोन के साम्हने के महानगर के तट पर रहते थे,

1. আর যর্দ্দনের পারস্থ সমুদয় রাজা, পর্ব্বতময় প্রদেশ ও নিম্নভূমিনিবাসী এবং লিবানোনের সম্মুখস্থ মহাসমুদ্রের সমস্ত তীরনিবাসী হিত্তীয়, ইমোরীয়, কনানীয়, পরিষীয়, হিব্বীয় ও যিবূষীয় রাজগণ এই কথা শুনিতে পাইয়া,

2. वे एक मन होकर यहोशू और इस्राएलियों से लड़ने को इकट्ठे हुए।।

2. একযোগে যিহোশূয়ের ও ইস্রায়েলের সহিত যুদ্ধ করণার্থে একত্র হইলেন।

3. जब गिबोन के निवासियों ने सुना कि यहोशू ने यरीहो और ऐ से क्या क्या किया है,

3. কিন্তু যিরীহোর প্রতি ও অয়ের প্রতি যিহোশূয় যাহা করিয়াছিলেন, তাহা যখন গিবিয়োন-নিবাসীরা শুনিল,

4. तब उन्हों ने छल किया, और राजदूतों का भेष बनाकर अपने गदहों पर पुराने बोरे, और पुराने फटे, और जोड़े हुए मदिरा के कुप्पे लादकर

4. তখন তাহারাও চতুরতার সহিত কার্য্য করিল; ফলতঃ তাহারা গিয়া রাজদূতের বেশ ধারণ করিয়া আপন আপন গর্দ্দভের উপরে পুরাতন ছালা এবং দ্রাক্ষারসের পুরাতন, জীর্ণ ও তালীযুক্ত কুপা চাপাইল।

5. अपने पांवों में पुरानी गांठी हुई जूतियां, और तन पर पुराने वस्त्रा पहिने, और अपने भोजन के लिये सूखी और फफूंदी लगी हुई रोटी ले ली।

5. আর পায়ে পুরাতন ও তালীযুক্ত পাদুকা ও গাত্রে পুরাতন বস্ত্র দিল, এবং সমস্ত শুষ্ক ও ছাতাপড়া রুটী পাথেয় লইল।

6. तब वे गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास जाकर उस से और इस्राएली पुरूषों से कहने लगे, हम दूर देश सें आए हैं; इसलिये अब तुम हम से वाचा बान्धो।

6. পরে তাহারা গিল্‌গলস্থিত শিবিরে যিহোশূয়ের নিকটে গিয়া তাঁহাকে ও ইস্রায়েল লোকদিগকে কহিল, আমরা দূরদেশ হইতে আসিলাম; অতএব এখন আপনারা আমাদের সহিত নিয়ম স্থির করুন।

7. इस्राएली पुरूषों ने उन हिव्वियों से कहा, क्या जाने तुम हमारे मध्य में ही रहते हो; फिर हम तुम से वाचा कैसे बान्धे?

7. তখন ইস্রায়েল লোকেরা সেই হিব্বীয়দিগকে কহিল, কি জানি, তোমরা আমাদেরই মধ্যে বাস করিতেছ, তাহা হইলে আমরা তোমাদের সহিত কি প্রকারে নিয়ম স্থিত করিতে পারি?

8. उन्हों ने यहोशू से कहा, हम तेरे दास हैं। तब यहोशू ने उन से कहा, तुम कौन हो? और कहां से आए हो?

8. তাহারা যিহোশূয়কে কহিল, আমরা আপনার দাস। তখন যিহোশূয় জিজ্ঞাসা করিলেন, তোমরা কাহারা? কোথা হইতে আসিলে? তাহারা কহিল,

9. उन्हों ने उस से कहा, तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्वर यहोवा का नाम सुनकर आए हैं; क्योंकि हम ने यह सब सुना है, अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उस ने मि में किया,

9. আপনার দাস আমরা আপনার ঈশ্বর সদাপ্রভুর নাম শুনিয়া অতি দূরদেশ হইতে আসিলাম, কেননা তাঁহার কীর্ত্তি, এবং তিনি মিসর দেশে যে কার্য্য করিয়াছেন,

10. और जो कुछ उस ने एमोरियों के दोनों राजाओं से किया जो यरदन के उस पार रहते थे, अर्थात् हेश्बोन के राजा सीहोन से, और बाशान के राजा ओग से जो अश्तारोत में था।

10. আর যর্দ্দনের ওপারস্থ দুই ইমোরীয় রাজার প্রতি, হিষ্‌বোনের রাজা সীহোনের ও বাশনের রাজা অষ্টারোৎ-নিবাসী ওগের প্রতি যে কার্য্য করিয়াছেন, সমস্তই আমরা শুনিয়াছি।

11. इसलिये हमारे यहां के वृद्धलोगों ने और हमारे देश के सब निवासियों ने हम से कहा, कि मार्ग के लिये अपने साथ भोजनवस्तु लेकर उन से मिलने को जाओ, और उन से कहना, कि हम तुम्हारे दास हैं; इसलिये अब तुम हम से वाचा बान्धो।

11. আর আমাদের প্রাচীনবর্গ ও দেশনিবাসী লোক সকল আমাদিগকে কহিল, তোমরা যাত্রার জন্য হস্তে পাথেয় দ্রব্য লইয়া তাহাদের সহিত সাক্ষাৎ করিতে যাও, এবং তাহাদিগকে বল, আমরা আপনাদের দাস; অতএব এখন আপনারা আমাদের সহিত নিয়ম স্থির করুন।

12. जिस दिन हम तुम्हारे पास चलने को निकले उस दिन तो हम ने अपने अपने घर से यह रोटी गरम और ताजी ली थी; परन्तु अब देखो, यह सूख गई है और इस में फफूंदी लग गई है।

12. আপনাদের নিকটে আসিবার নিমিত্ত যে দিন যাত্রা করি, সেই দিন আমরা গৃহ হইতে যে তপ্ত রুটী পাথেয় আনিয়াছিলাম, এই দেখুন, আমাদের সেই রুটী এখন শুষ্ক ও ছাতাপড়া।

13. फिर ये जो मदिरा के कुप्पे हम ने भर लिये थे, तब तो नये थे, परन्तु देखो अब ये फट गए हैं; और हमारे ये वस्त्रा और जूतियां बड़ी लम्बी यात्रा के कारण पुरानी हो गई हैं।

13. আর যে সকল কুপা দ্রাক্ষারসে পূর্ণ করিয়াছিলাম, সেগুলি নূতন ছিল, এই দেখুন, সে সকল ছিঁড়িয়া গিয়াছে। আর আমাদের এই সকল বস্ত্র ও পাদুকা পুরাতন হইয়াছে, কেননা পথ অতি দূর।

14. तब उन पुरूषों ने यहोवा से बिना सलाह लिये उनके भोजन में से कुछ ग्रहण किया।

14. তাহাতে লোকেরা তাহাদের খাদ্য দ্রব্য গ্রহণ করিল, কিন্তু সদাপ্রভুর অভিমত জিজ্ঞাসা করিল না,

15. तब यहोशू ने उन से मेल करके उन से यह वाचा बान्धी, कि तुम को जीवित छोड़ेंगे; और मण्डली के प्रधानों ने उन से शपथ खाई।

15. আর যিহোশূয় তাহাদের সহিত সন্ধি করিয়া যাহাতে তাহারা বাঁচে, এমন নিয়ম করিলেন, এবং মণ্ডলীর অধ্যক্ষগণ তাহাদের কাছে শপথ করিলেন।

16. और उनके साथ वाचा बान्धने के तीन दिन के बाद उनको यह समाचार मिला; कि वे हमारे पड़ोस के रहनेवाले लोग हैं, और हमारे ही मध्य में बसे हैं।

16. এইরূপে তাহাদের সহিত নিয়ম স্থির করিবার পরে তিন দিন গত হইলে উহারা শুনিতে পাইল, তাহারা আমাদের নিকটস্থ এবং আমাদের মধ্যে বাস করিতেছে।

17. तब इस्राएली कूच करके तीसरे दिन उनके नगरों को जिनके नाम गिबोन, कपीरा, बेरोत, और किर्यत्यारीम है पहुंच गए,

17. পরে ইস্রায়েল-সন্তানগণ যাত্রা করিয়া তৃতীয় দিবসে তাহাদের নগর সকলের কাছে উপস্থিত হইল। সেই সকল নগরের নাম গিবিয়োন, কফীরা, বেরোৎ ও কিরিয়ৎ-যিয়ারীম।

18. और इस्राएलियों ने उनको न मारा, क्योंकि मण्डली के प्रधानों ने उनके संग इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाई थी। तब सारी मण्डली के लोग प्रधानों के विरूद्ध कुड़कुड़ाने लगे।

18. মণ্ডলীর অধ্যক্ষগণ ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে তাহাদের কাছে দিব্য করিয়াছিলেন বলিয়া ইস্রায়েল-সন্তানগণ তাহাদিগকে আঘাত করিল না, কিন্তু সমস্ত মণ্ডলী অধ্যক্ষগণের বিরুদ্ধে বচসা করিতে লাগিল।

19. तब सब प्रधानों ने सारी मण्डली से कहा, हम ने उन से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाई है, इसलिये अब उनको छू नहीं सकते।

19. তাহাতে অধ্যক্ষেরা সকলে সমস্ত মণ্ডলীকে কহিলেন, আমরা উহাদের কাছে ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে দিব্য করিয়াছি, অতএব এখন উহাদিগকে স্পর্শ করিতে পারি না।

20. हम उन से यही करेंगे, कि उस शपथ के अनुसार हम उनको जीवित छोड़ देंगे, नहीं तो हमारी खाई हुई शपथ के कारण हम पर क्रोध पड़ेगां

20. আমরা উহাদের প্রতি ইহাই করিব, উহাদিগকে জীবিত রাখিব, নতুবা উহাদের কাছে যে দিব্য করিয়াছি, তৎপ্রযুক্ত আমাদের প্রতি ক্রোধ উপস্থিত হইবে।

21. फिर प्रधानों ने उन से कहा, वे जीवित छोड़े जाएं। सो प्रधानों के इस वचन के अनुसार वे सारी मण्डली के लिये लकड़हारे और पानी भरनेवाले बने।

21. অতএব অধ্যক্ষগণ তাহাদিগকে কহিলেন, উহারা জীবিত থাকুক; কিন্তু অধ্যক্ষগণের কথানুসারে তাহারা সমস্ত মণ্ডলীর নিমিত্ত কাষ্ঠছেদক ও জলবাহক হইল।

22. फिर यहोशू ने उनको बुलवाकर कहा, तुम तो हमारे ही बीच में रहते हो, फिर तुम ने हम से यह कहकर क्यों छल किया है, कि हम तुम से बहुत दूर रहते हैं?

22. আর যিহোশূয় তাহাদিগকে ডাকাইয়া কহিলেন, তোমরা ত আমাদেরই মধ্যে বাস করিতেছ; তবে আমরা তোমাদের হইতে অতি দূরে থাকি, এই কথা বলিয়া কেন আমাদিগকে প্রবঞ্চনা করিলে?

23. इसलिये अब तुम शापित हो, और तुम में से ऐसा कोई न रहेगा जो दास, अर्थात् मेरे परमेश्वर के भवन के लिये लकड़हारा और पानी भरनेवाला न हो।

23. এই নিমিত্ত তোমরা শাপগ্রস্ত হইলে; আমার ঈশ্বরের গৃহের নিমিত্তে কাষ্ঠছেদন ও জলবহন, এই দাস্যকর্ম্ম হইতে তোমরা কখনও মুক্তি পাইবে না।

24. उन्हों ने यहोशू को उत्तर दिया, तेरे दासों को यह निश्चय बतलाया गया था, कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने अपने दास मूसा को आज्ञा दी थी कि तुम को वह सारा देश दे, और उसके सारे निवासियों को तुम्हारे साम्हने से सर्वनाश करे; इसलिये हम लोगों को तुम्हारे कारण से अपने प्राणों के लाले पड़ गए, इसलिये हम ने ऐसा काम किया ।

24. তাহারা যিহোশূয়কে উত্তর করিয়া বলিল, আপনাদিগকে এই সমস্ত দেশ দিবার জন্য ও আপনাদের সম্মুখ হইতে এই দেশনিবাসী সমস্ত লোককে বিনাশ করিবার জন্য আপনার ঈশ্বর সদাপ্রভু যে আপন দাস মোশিকে আজ্ঞা করিয়াছিলেন, তাহার নিশ্চিত সংবাদ আপনার দাস আমরা পাইয়াছিলাম, তজ্জন্য আমরা আপনাদের হইতে প্রাণভয়ে অতিশয় ভীত হইয়া এই কার্য্য করিয়াছি।

25. और अब हम तेरे वश में हैं, जैसा बर्ताव तुझे भला लगे और ठीक जान पड़े, वैसा ही व्यवहार हमारे साथ कर।

25. এখন দেখুন, আমরা আপনারই হস্তগত, আমাদের প্রতি যাহা করা আপনার ভাল ও ন্যায্য বোধ হয়, তাহাই করুন।

26. तब उस ने उन से वैसा ही किया, और उन्हें इस्राएलियों के हाथ से ऐसा बचाया, कि वे उन्हें घात करने न पाए।

26. পরে তিনি তাহাদের প্রতি তাহাই করিলেন, ও ইস্রায়েল-সন্তানগণের হস্ত হইতে তাহাদিগকে রক্ষা করিলেন, তাহাতে তাহারা তাহাদিগকে বধ করিল না।

27. परन्तु यहोशू ने उसी दिन उनको मण्डली के लिये, और जो स्थान यहोवा चुन ले उसमें उसकी वेदी के लिये, लकड़हारे और पानी भरनेवाले नियुक्त कर दिया, जैसा आज तक है।।

27. আর সদাপ্রভুর মনোনীত স্থানে মণ্ডলীর ও সদাপ্রভুর যজ্ঞবেদির নিমিত্ত কাষ্ঠছেদন ও জলবহন কর্ম্মে যিহোশূয় সেই দিবসে তাহাদিগকে নিযুক্ত করিলেন; তাহারা অদ্য পর্য্যন্ত তাহা করিতেছে।



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