Joshua - यहोशू 5 | View All

1. जब यरदन के पच्छिम की ओर रहनेवाले एमोरियों के सब राजाओं ने, और समुद्र के पास रहनेवाले कनानियों के सब राजाओं ने यह सुना, कि यहोवा ने इस्राएलियों के पार होने तक उनके साम्हने से यरदन का जल हटाकर सुखा रखा है, तब इस्राएलियों के डर के मारे उनका मन घबरा गया, और उनके जी में जी न रहा।।

1. আর যখন যর্দ্দনের পশ্চিম পারস্থ ইমোরীয়দের সকল রাজা ও সমুদ্রের নিকটস্থ কনানীয়দের সকল রাজা শুনিতে পাইলেন যে, আমরা যাবৎ পার না হইলাম, তাবৎ সদাপ্রভু ইস্রায়েল-সন্তানগণের সম্মুখে যর্দ্দনের জল শুষ্ক করিলেন তখন তাঁহাদের হৃদয় গলিয়া গেল, ও ইস্রায়েল-সন্তানগণের হেতু তাঁহাদের আর সাহস রহিল না।

2. उस समय यहोवा ने यहोशू से कहा, चकमक की छुरियां बनवाकर दूसरी बार इस्राएलियों का खतना करा दें।

2. সেই সময়ে সদাপ্রভু যিহোশূয়কে কহিলেন, তুমি চকমকি পাথরের কতকগুলি ছুরী প্রস্তুত করিয়া দ্বিতীয় বার ইস্রায়েল-সন্তানগণের ত্বক্‌ছেদ করাও।

3. तब यहोशू ने चकमक की छुरियां बनवाकर खलड़ियां नाम टीले पर इस्राएलियों का खतना कराया।

3. তাহাতে যিহোশূয় চকমকি পাথরের ছুরী প্রস্তুত করিয়া ত্বক্‌-পর্ব্বতের সমীপে ইস্রায়েল-সন্তানগণের ত্বক্‌ছেদ করাইলেন।

4. और यहोशू ने जो खतना कराया, इसका कारण यह है, कि जितने युद्ध के योग्य पुरूष मि से निकले थे वे सब मि से निकलने पर जंगल के मार्ग में मर गए थे।

4. যিহোশূয় যে ত্বক্‌ছেদ করাইলেন, তাহার কারণ এই; মিসর হইতে যে সমস্ত পুরুষ লোক, যত যোদ্ধা বাহির হইয়া আসিয়াছিল, তাহারা মিসর হইতে বাহির হইবার পর পথের মধ্যে প্রান্তরে মরিয়াছিল।

5. जो पुरूष मि से निकले थे उन सब का तो खतना हो चुका था, परन्तु जितने उनके मि से निकलने पर जंगल के मार्ग में उत्पन्न हुए उन में से किसी का खतना न हुआ था।

5. যাহারা বাহির হইয়া আসিয়াছিল, তাহারা সকলে ছিন্নত্বক্‌ ছিল বটে, কিন্তু মিসর হইতে বাহির হইবার পর যে সকল লোক পথের মধ্যে প্রান্তরে জন্মিয়াছিল, তাহাদের ত্বক্‌ছেদ হয় নাই।

6. क्योंकि इस्राएली तो चालीस वर्ष तक जंगल में फिरते रहे, जब तक उस सारी जाति के लोग, अर्थात् जितने युद्ध के योग्य लोग मि से निकले थे वे नाश न हो गए, क्योंकि उन्हों ने यहोवा की न मानी थी; सो यहोवा ने शपथ खाकर उन से कहा था, कि जो देश मैं ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाकर तुम्हें देने को कहा था, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, वह देश मैं तुम को नहीं दिखाने का।

6. ফলতঃ যে সমস্ত লোক, যে যোদ্ধারা মিসর হইতে বাহির হইয়া আসিয়াছিল, তাহারা সদাপ্রভুর রবে কর্ণপাত করিত না, তজ্জন্য তাহাদের সংহার না হওয়া পর্য্যন্ত ইস্রায়েল-সন্তানগণ চল্লিশ বৎসর প্রান্তরে ভ্রমণ করিয়াছিল; কেননা আমাদিগকে দুগ্ধমধুপ্রবাহী যে দেশ দিবার বিষয়ে সদাপ্রভু উহাদের পিতৃপুরুষদের কাছে দিব্য করিয়াছিলেন, সদাপ্রভু উহাদিগকে সেই দেশ দেখিতে দিবেন না, এমন দিব্য উহাদের কাছে করিয়াছিলেন।

7. तो उन लोगों के पुत्रा जिन को यहोवा ने उनके स्थान पर उत्पन्न किया था, उनका खतना यहोशू से कराया, क्योंकि मार्ग में उनके खतना न होने के कारण वे खतनारहित थे।

7. উহাদের স্থানে উহাদের যে সন্তানদিগকে তিনি উৎপন্ন করিলেন, যিহোশূয় তাহাদেরই ত্বক্‌ছেদ করাইলেন; কেননা আহারা অচ্ছিন্নত্বক্‌ ছিল; কারণ পথের মধ্যে তাহাদের ত্বক্‌ছেদ করা যায় নাই।

8. और जब उस सारी जाति के लोगों का खतना हो चुका, तब वे चंगे हो जाने तक अपने अपने स्थान पर छावनी में रहे।

8. সেই সমস্ত লোকের ত্বক্‌ছেদ সমাপ্ত হইলে পর যাবৎ তাহারা সুস্থ না হইল, তাবৎ শিবিরের মধ্যে স্ব স্ব স্থানে থাকিল।

9. तब यहोवा ने यहोशू से कहा, तुम्हारी नामधराई जो मिस्त्रियों में हुई है उसे मैं ने आज दूर की है। इस कारण उस स्थान का नाम आज के दिन तक गिलगाल पड़ा है।।

9. পরে সদাপ্রভু যিহোশূয়কে কহিলেন, অদ্য আমি তোমাদের হইতে মিসরের দুর্নাম গড়াইয়া দিলাম। আর অদ্য পর্য্যন্ত সেই স্থানের নাম গিল্‌গল [গড়ান] আখ্যাত হইয়াছে।

10. सो इस्राएली गिलगाल में डेरे डाले हुए रहे, और उन्हों ने यरीहो के पास के अराबा में पूर्णमासी की सन्ध्या के समय फसह माना।

10. ইস্রায়েল-সন্তানগণ গিল্‌গলে শিবির স্থাপন করিল; আর সেই মাসের চতুর্দ্দশ দিনের সায়ংকালে যিরীহোর তলভূমিতে নিস্তারপর্ব্ব পালন করিল।

11. और फसह के दूसरे दिन वे उस देश की उपज में से अखमीरी रोटी और उसी दिन से भुना हुआ दाना भी खाने लगे।

11. সেই নিস্তারপর্ব্বের পরদিবসে তাহারা দেশোৎপন্ন শস্য ভোজন করিতে লাগিল, সেই দিনে তাড়ীশূন্য রুটী ও ভাজা শস্য ভোজন করিল।

12. और जिस दिन वे उस देश की उपज में से खाने लगे, उसी दिन बिहान को मन्ना बन्द हो गया; और इस्राएलियों को आगे फिर कभी मन्ना न मिला, परन्तु उस वर्ष उन्हों ने कनान देश की उपज में से खाई।।

12. আর সেই পরদিবসে তাহাদের দেশোৎপন্ন শস্য ভোজনের পরে মান্না নিবৃত্ত হইল; সেই অবধি ইস্রায়েল-সন্তানগণ আর মান্না পাইল না, কিন্তু সেই বৎসরে তাহারা কনান দেশের ফল ভোজন করিল।

13. जब यहोशू यरीहो के पास था तब उस ने अपनी आंखें उठाई, और क्या देखा, कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरूष साम्हने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जाकर पूछा, क्या तू हमारी ओर का है, वा हमारे बैरियों की ओर का?

13. যিরীহোর নিকটে অবস্থিতি-কালে যিহোশূয় চক্ষু তুলিয়া চাহিলেন, আর দেখ, এক পুরুষ তাঁহার সম্মুখে দণ্ডায়মান, তাঁহার হস্তে একখানা নিষ্কোষ খড়গ; যিহোশূয় তাঁহার কাছে গিয়া জিজ্ঞাসা করিলেন, আপনি আমাদের পক্ষ, কি আমাদের শত্রুদের পক্ষ?

14. उस ने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान होकर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत् किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है?
मत्ती 14:33, मत्ती 15:25

14. তিনি কহিলেন, না; কিন্তু আমি সদাপ্রভুর সৈন্যের অধ্যক্ষ, এখনই আসিলাম। তখন যিহোশূয় ভূমিতে উবুড় হইয়া পড়িয়া প্রণিপাত করিলেন, ও তাঁহাকে কহিলেন, হে আমার প্রভু, আপনার এ দাসকে কি আজ্ঞা করেন?

15. यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्रा है। तब यहोशू ने वैसा ही किया।।

15. সদাপ্রভুর সৈন্যের অধ্যক্ষ যিহোশূয়কে কহিলেন, তোমার পদ হইতে পাদুকা খুলিয়া ফেল, কেননা যে স্থানে তুমি দাঁড়াইয়া আছ, ঐ স্থান পবিত্র।



Shortcut Links
यहोशू - Joshua : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |