6. क्योंकि इस्राएली तो चालीस वर्ष तक जंगल में फिरते रहे, जब तक उस सारी जाति के लोग, अर्थात् जितने युद्ध के योग्य लोग मि से निकले थे वे नाश न हो गए, क्योंकि उन्हों ने यहोवा की न मानी थी; सो यहोवा ने शपथ खाकर उन से कहा था, कि जो देश मैं ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाकर तुम्हें देने को कहा था, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, वह देश मैं तुम को नहीं दिखाने का।
6. ফলতঃ যে সমস্ত লোক, যে যোদ্ধারা মিসর হইতে বাহির হইয়া আসিয়াছিল, তাহারা সদাপ্রভুর রবে কর্ণপাত করিত না, তজ্জন্য তাহাদের সংহার না হওয়া পর্য্যন্ত ইস্রায়েল-সন্তানগণ চল্লিশ বৎসর প্রান্তরে ভ্রমণ করিয়াছিল; কেননা আমাদিগকে দুগ্ধমধুপ্রবাহী যে দেশ দিবার বিষয়ে সদাপ্রভু উহাদের পিতৃপুরুষদের কাছে দিব্য করিয়াছিলেন, সদাপ্রভু উহাদিগকে সেই দেশ দেখিতে দিবেন না, এমন দিব্য উহাদের কাছে করিয়াছিলেন।