15. और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा।
15. But, if it be, a vexation, in your eyes, to serve Yahweh, choose ye for yourselves, to-day, whom ye will serve, whether the gods which your fathers served, that were beyond the River, or the gods of the Amorites, in whose land ye are dwelling, but, I and my house, will serve Yahweh.