Joshua - यहोशू 11 | View All

1. यह सुनकर हासोर के राजा याबीन ने मादोन के राजा योबाब, और शिम्रोन और अक्षाप के राजाओं को,

1. And when Jabin king of Hazor had heard that: he sent to Jobab king of Madon, and to the king of Someron, and to the king of Acsaph.

2. और जो जो राजा उत्तर की ओर पहाड़ी देश में, और किन्नेरेत की दक्खिन के अराबा में, और नीचे के देश में, और पच्छिम की ओर दोर के ऊंचे देश में रहते थे, उनको,

2. And unto the kings that are by north in the mountains, and plains, on the south side of Ceneroth, and in the low countries, and in the regions of Dor upon the sea,

3. और पूरब पच्छिम दोनों ओर के रहनेवाले कनानियों, और एमोरियों, हित्तियों, परिज्जियों, और पहाड़ी यबूसियों, और मिस्पा देश में हेर्मोन पहाड़ के नीचे रहनेवाले हिव्वियों को बुलवा भेजा।

3. and unto the Cananites both by East and west: and unto the Amorites, Hethites, Pheresites, and Jebusites in the mountains: and unto the Hevites under Hermon in the land of Mazphah:

4. और वे अपनी अपनी सेना समेत, जो समुद्र के किनारे बालू के किनकों के समान बहुत थीं, मिलकर निकल आए, और उनके साथ बहुत ही घोड़े और रथ भी थे।

4. which came out and all their hosts with them a multitude of folk even as the sands of the sea in number with horses and chariots exceeding many.

5. तब ये सब राजा सम्मति करके इकट्ठे हुए, और इस्राएलियों से लड़ने को मेरोम नाम ताल के पास आकर एक संग छावनी डाली।

5. And all these kings met together, and came and pitched together upon the water of Merom, for to fight with Israel.

6. तब यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि कल इसी समय मैं उन सभों केा इस्राएलियों के वश करके मरवा डालूंगा; तब तू उनके घोड़ों के सुम की नस कटवाना, और उनके रथ भस्म कर देना।

6. And the LORD said unto Josua: be not afraid of them: for tomorrow about this time I will deliver them all slain, before all Israel: and thou shalt hough their horses, and burn their chariots with fire.

7. और यहोशू सब योद्धाओं समेत मेरोम नाम ताल के पास अचानक पहुंचकर उन पर टूट पड़ा।

7. And Josua came and all the men of war with him against them, unto the water of Merom, suddenly, and fell upon them.

8. और यहोवा ने उनको इस्राएलियों के हाथ में कर दिया, इसलिये उन्हों ने उन्हें मार लिया, और बड़े नगर सीदोन और मि पोतमैत तक, और पूर्व की ओर मिस्पे के मैदान तक उनका पीछा किया; और उनको मारा, और उन में से किसी को जीवित न छोड़ा।

8. And the LORD delivered them into the hands of Israel: and they smote them and chased them, into great Sidon, and unto the hot waters, and unto the valley of Mazphah Eastward: and smote them until they had none remaining of them.

9. तब यहोशू ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार उन से किया, अर्थात् उनके घोड़ों के सुम की नस कटवाई, और उनके रथ आग में जलाकर भस्म कर दिए।।

9. And Josua served them as the LORD bade him, houghed their horses and burnt their chariots with fire.

10. उस समय यहोशू ने घूमकर हासोर को जो पहिले उन सब राज्यों में मुख्य नगर था ले लिया, और उसके राजा को तलवार से मार डाला।

10. Then Josua at that time turned back and took Hazor and smote her king with the sword. For Hazor before time was the head of all those kingdoms.

11. और जितने प्राणी उस में थे उन सभों को उन्हों ने तलवार से मारकर सत्यानाश किया; और किसी प्राणी को जीवित न छोड़ा, और हासोर को यहोशू ने आग लगाकर फुंकवा दिया।

11. And they smote all the souls that were therein with the edge of the sword, utterly destroying them, that no breath was let remain. And burnt Hazor with fire

12. और उन सब नगरों को उनके सब राजाओं समेत यहोशू ने ले लिया, और यहोवा के दास मूसा की आज्ञा के अनुसार उनको तलवार से घात करके सत्यानाश किया।

12. and all the cities of those kings, with all the kings of them, Josua took and smote them with the edge of the sword, and utterly destroyed them as Moses the servant of the LORD commanded.

13. परन्तु हासोर को छोड़कर, जिसे यहोशू ने फुंकवा दिया, इस्राएल ने और किसी नगर को जो अपने टीले पर बसा था नहीं जलायां

13. But Israel burnt none of the cities that stood upon hills, save Hazor onely, that Josua burnt:

14. और इन नगरों के पशु और इनकी सारी लूट को इस्राएलियों ने अपना कर लिया; परन्तु मनुष्यों को उन्हों ने तलवार से मार डाला, यहां तक उनको सत्यानाश कर डाला कि एक भी प्राणी को जीवित नहीं छोड़ा गया।

14. but all the spoil of the said cities and the cattle, the children of Israel caught unto themselves: But the men only they smote with the edge of the sword until they had destroyed them,

15. जो आज्ञा यहोवा ने अपने दास मूसा को दी थी उसी के अनुसार मूसा ने यहोशू को आज्ञा दी थी, और ठीक वैसा ही यहोशू ने किया भी; जो जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उन में से यहोशू ने कोई भी पूरी किए बिना न छोड़ी।।

15. and had left no breath remaining. As the LORD commanded Josua, and even so did Josua and minished no word of all that the LORD commanded Moses.

16. तब यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात् पहाड़ी देश, और सारे दक्खिनी देश, और कुल गोशेन देश, और नीचे के देश, अराबा, और इस्राएल के पहाड़ी देश, और उसके नीचे वाले देश को,

16. And so Josua took all the land, the hills and all the south country, and all the land of Gosan, and the low country, and the plains, and the mountain of Israel, with the low country of the same,

17. हालाक नाम पहाड़ से ले, जो सेईर की चढ़ाई पर है, बालगाद तक, जो लबानोन के मैदान में हेर्मोन पर्वत के नीचे है, जितने देश हैं उन सब को जीत लिया और उन देशों के सारे राजाओं को पकड़कर मार डाला।

17. even from mount Halak that goeth up to Seir, unto Baal Gad in the valley of Libanon, under mount Hermon. And all the kings of the same, he took and smote them, and slew them.

18. उन सब राजाओं से युद्ध करते करते यहोशू को बहुत दिन लग गए।

18. Josua made war long time with those kings:

19. गिबोन के निवासी हिव्वियों को छोड़ और किसी नगर के लोगों ने इस्राएलियों से मेल न किया; और सब नगरों को उन्हों ने लड़ लड़कर जीत लिया।

19. for there was no city that made peace with the children of Israel, save those Hethites that inhabited Gibeon: All other they took with battle:

20. क्योंकि यहोवा की जो मनसा थी, कि अपनी उस आज्ञा के अनुसार जो उस ने मूसा को दी थी उन पर कुछ भी दया न करे; वरन सत्यानाश कर डाले, इस कारण उस ने उनके मन ऐसे कठोर कर दिए, कि उन्हों ने इस्राएलियों का साम्हना करके उन से युद्ध किया।।

20. for it came of the LORD to harden their hearts: that they should come against Israel in battle: even to destroy them utterly, that they should have no mercy, but to bring them to naught. As the LORD commanded Moses.

21. उस समय यहोशू ने पहाड़ी देश में आकर हेब्रोन, दबीर, अनाब, वरन यहूदा और इस्राएल दोनों के सारे पहाड़ी देश में रहनेवाले अनाकियों को नाश किया; यहोशू ने नगरों समेत उन्हें सत्यानाश कर डाला।

21. And that same season, Josua went and destroyed the Enakites out of the mountains, and out of Hebron, Dabir, and Anab, and out of all the mountains of Juda, and out of all the mountains of Israel. And Josua destroyed them utterly with their cities.

22. इस्राएलियों के देश में कोई अनाकी न रह गया; केवल अज्जा, गत, और अशदोद में कोई कोई रह गए।

22. So that there was not one Enakite left in the land of the children of Israel: only in Asah, Geth, and Asdod, there remained of them.

23. जैसा यहोवा ने मूसा से कहा था, वैसा ही यहोशू ने वह सारा देश ले लिया; और उसे इस्राएल के गोत्रों और कुलों के अनुसार बांट करके उन्हें दे दिया। और देश को लड़ाई से शान्ति मिली।।

23. And Josua took the whole land according to all that the LORD said unto Moses, and gave it a possession unto Israel every man his part in their tribes: and the land rested from war.



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