Joshua - यहोशू 10 | View All

1. जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने सुना कि यहोशू ने ऐ को ले लिया, और उसको सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उस ने यरीहो और उसके राजा से किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं,

1. যিরূশালেমের রাজা অদোনী-ষেদক যখন শুনিলেন, যিহোশূয় অয় হস্তগত করিয়া নিঃশেষে বিনষ্ট করিয়াছেন, যিরীহো ও তথাকার রাজার প্রতি যেমন করিয়াছিলেন, অয়ের ও তথাকার রাজার প্রতিও তদ্রূপ করিয়াছেন, এবং গিবিয়োন-নিবাসীরা ইস্রায়েলের সহিত সন্ধি করিয়া তাহাদের মধ্যবর্ত্তী হইয়াছে;

2. तब वे निपट डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन राजनगर के तुल्य और ऐ से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे।

2. তখন লোকেরা অতিশয় ভীত হইল, কেননা গিবিয়োন নগর রাজধানীর ন্যায় বৃহৎ এবং অয় অপেক্ষাও বড়, আর তথাকার সমস্ত লোক বলবান ছিল।

3. इसलिये यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा,

3. আর যিরূশালেমের রাজা অদোনী-ষেদক হিব্রোণের রাজা হোহমের, যর্মুতের রাজা পিরামের, লাখীশের রাজা যাফিয়ের ও ইগ্লোনের রাজা দবীরের নিকটে দূত পাঠাইয়া এই কথা কহিলেন;

4. कि मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उस ने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है।

4. আমার কাছে উঠিয়া আইসুন, আমার সাহায্য করুন, চলুন আমরা গিবিয়োনীয়দিগকে আঘাত করি; কেননা তাহারা যিহোশূয়ের ও ইস্রায়েল-সন্তানগণের সহিত সন্ধি করিয়াছে।

5. इसलिये यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पांचों एमोरी राजाओं ने अपनी अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के साम्हने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया।

5. অতএব ইমোরীয়দের ঐ পাঁচ রাজা, অর্থাৎ যিরূশালেমের রাজা, হিব্রোণের রাজা, যর্মূতের রাজা, লাখীশের রাজা ও ইগ্লোনের রাজা আপন আপন সমস্ত সৈন্যের সহিত একত্র হইলেন, এবং উঠিয়া গিয়া গিবিয়োনের সম্মুখে শিবির স্থাপন করিয়া তাহার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিলেন।

6. तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यों कहला भेजा, कि अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरूद्ध इकट्ठे हए हैं।

6. তাহাতে গিবিয়োনীয়েরা গিল্‌গলস্থিত শিবিরে যিহোশূয়ের নিকটে লোক পাঠাইয়া কহিল, আপনার এই দাসদের প্রতি হস্ত শিথিল করিবেন না, ত্বরায় আসিয়া আমাদের নিস্তার ও সাহায্য করুন, কেননা পর্ব্বতময় প্রদেশনিবাসী ইমোরীয়দের সমস্ত রাজা আমাদের বিরুদ্ধে একত্র হইয়াছেন।

7. तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग लेकर गिलगाल से चल पड़ा।

7. তখন যিহোশূয় সমস্ত যোদ্ধা ও সমস্ত বলবান বীর সঙ্গে লইয়া গিল্‌গল হইতে যাত্রা করিলেন।

8. और यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि मैं ने उनको तेरे हाथ में कर दिया है; उन में से एक पुरूष भी तेरे साम्हने टिक न सकेगा।

8. তখন সদাপ্রভু যিহোশূয়কে কহিলেন, তুমি তাহাদিগকে ভয় করিও না; কেননা আমি তোমার হস্তে তাহাদিগকে সমর্পণ করিয়াছি, তাহাদের কেহ তোমার সম্মুখে দাঁড়াইতে পারিবে না।

9. तब यहोशू रातोरात गिलगाल से जाकर एकाएक उन पर टूट पड़ा।

9. পরে যিহোশূয় হঠাৎ তাহাদের নিকটে উপস্থিত হইলেন; তিনি সমস্ত রাত্রি গিল্‌গল হইতে উপরের দিকে উঠিতেছিলেন।

10. तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरान के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उनको मारते गए।

10. তখন সদাপ্রভু ইস্রায়েলের সাক্ষাতে তাহাদিগকে ক্ষুব্ধ করিলেন, তাহাতে তিনি গিবিয়োনে মহাসংহারে তাহাদিগকে সংহার করিয়া বৈৎহোরোণের আরোহণ-পথ দিয়া তাহাদিগকে তাড়না করিলেন, এবং অসেকা ও মক্কেদা পর্য্যন্ত তাহাদিগকে আঘাত করিলেন।

11. फिर जब वे इस्राएलियों के साम्हने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुंचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े बड़े पत्थर उन पर बरसाए, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।।

11. আর ইস্রায়েলের সম্মুখ হইতে পলায়নকালে যখন তাহারা বৈৎহোরোণের অবরোহণ পথে ছিল, তখন সদাপ্রভু অসেকা পর্য্যন্ত আকাশ হইতে তাহাদের উপরে মহাশিলা বর্ষাইলেন, তাহাতে তাহারা মারা পড়িল; ইস্রায়েল-সন্তানগণ যাহাদিগকে খড়গ দ্বারা বধ করিল, তদপেক্ষা অধিক লোক শিলাপাতে মরিল।

12. और उस समय, अर्थात् जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अरयालोन की तराई के ऊपर थमा रह।।

12. তৎকালে যে দিন সদাপ্রভু ইস্রায়েল-সন্তানগণের সম্মুখে ইমোরীয়দিগকে সমর্পণ করেন, সেই দিন যিহোশূয় সদাপ্রভুর কাছে নিবেদন করিলেন; আর তিনি ইস্রায়েলের সাক্ষাতে কহিলেন, সূর্য্য, তুমি স্থগিত হও গিবিয়োনে, আর চন্দ্র, তুমি অয়ালোন তলভূমিতে।

13. और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया।। क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा?

13. তখন সূর্য্য স্থগিত হইল, ও চন্দ্র স্থির থাকিল, যাবৎ সেই জাতি শত্রুদিগের প্রতিশোধ না লইল। এই কথা কি যাশের গ্রন্থে লিখিত নাই? আর আকাশের মধ্যস্থানে সূর্য্য স্থির থাকিল, অস্তগমন করিতে প্রায় সম্পূর্ণ এক দিবস ত্বরা করিল না।

14. न तो उस से पहिले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद, जिस में यहोवा ने किसी पुरूष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था।।

14. তাহার পূর্ব্বে কি পরে সদাপ্রভু যে মনুষ্যের রবে এইরূপ কর্ণপাত করিলেন, এমন আর কোন দিন হয় নাই; কেননা সদাপ্রভু ইস্রায়েলের পক্ষে যুদ্ধ করিতেছিলেন।

15. तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया।।

15. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া গিল্‌গলস্থ শিবিরে ফিরিয়া আসিলেন।

16. और वे पांचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे।

16. আর ঐ পাঁচ রাজা পলায়ন করিয়া মক্কেদার গুহাতে লুকাইয়াছিলেন।

17. तब यहोशू को यह समाचार मिला, कि पांचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं।

17. পরে সেই পাঁচ রাজাকে মক্কেদার গুহাতে লুক্কায়িত পাওয়া গিয়াছে, এই সংবাদ যিহোশূয়কে দেওয়া হইল।

18. यहोशू ने कहा, गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो;

18. যিহোশূয় কহিলেন, তোমরা সেই গুহার মুখে কয়েকখানা বড় বড় পাথর গড়াইয়া দিয়া সেগুলি রক্ষা করিবার জন্য তথায় লোক নিযুক্ত কর,

19. परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उन में से जो जो पिछड़ गए हैं उनको मार डालो, उन्हें अपने अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योकि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने उनको तुम्हारे हाथ में कर दिया है।

19. কিন্তু আপনারা বিলম্ব করিও না, শত্রগণের পশ্চাতে ধাবমান হও, ও তাহাদের সৈন্যের পশ্চাদ্ভাগে আঘাত কর, তাহাদিগকে আপন আপন নগরে প্রবেশ করিতে দিও না; কেননা তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তাহাদিগকে তোমাদের হস্তে সমর্পণ করিয়াছেন।

20. जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके नाश कर चुके, और उन में से जो बच गए वे अपने अपने गढ़वाले नगर में घुस गए,

20. পরে যিহোশূয় ও ইস্রায়েল-সন্তানগণ তাহাদের সর্ব্বনাশ পর্য্যন্ত মহাসংহারে তাহাদিগকে সংহার করিলেন, উহাদের কতিপয় মাত্র অবশিষ্ট লোক পলাইয়া প্রাচীর-বেষ্টিত কোন কোন নগরে প্রবেশ করিল।

21. तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल- क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरूद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई।

21. পরে সমস্ত লোক মক্কেদায় যিহোশূয়ের নিকটে শিবিরে কুশলে ফিরিয়া আসিল; ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে কাহারো বিরুদ্ধে কেহ জিহ্বা দোলাইল না।

22. तब यहोशू ने आज्ञा दी, कि गुफा का मुंह खोलकर उन पांचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ।

22. পরে যিহোশূয় বলিলেন, তোমরা ঐ গুহার মুখ খুল, এবং তথা হইতে সেই পাঁচ জন রাজাকে বাহির করিয়া আমার নিকটে আন।

23. उन्हों ने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पांचों राजओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए।

23. তাহারা সেইরূপ করিল, ফলতঃ যিরূশালেমের রাজা, হিব্রোণের রাজা, যর্মূতের রাজা, লাখীশের রাজা ও ইগ্লোনের রাজা, এই পাঁচ জন রাজাকে সেই গুহা হইতে বাহির করিয়া তাঁহার নিকটে আনিল।

24. जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरूषों को बुलाकर अपने साथ चलनेवाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, निकट आकर अपने अपने पांव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो। और उन्हों ने निकट जाकर अपने अपने पांव उनकी गर्दनों पर रखे।

24. এইরূপে তাহারা ঐ রাজগণকে যিহোশূয়ের নিকটে আনিলে পর যিহোশূয় ইস্রায়েলের সমস্ত পুরুষকে ডাকিলেন, এবং যাহারা তাঁহার সঙ্গে যুদ্ধে গিয়াছিল, তাহাদের অধ্যক্ষদিগকে বলিলেন, তোমরা কাছে আইস, এই রাজগণের ঘাড়ে পা দেও; তাহাতে তাহারা নিকটে আসিয়া তাহাদের ঘাড়ে পা দিল।

25. तब यहोशू ने उन से कहा, डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बान्धकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिन से तुम लड़नेवाले हो ऐसा ही करेगा।

25. আর যিহোশূয় তাহাদিগকে কহিলেন, ভীত ও নিরাশ হইও না, বলবান হও, ও সাহস কর; কেননা তোমরা যে শত্রুগণের সহিত যুদ্ধ করিবে, তাহাদের সকলের প্রতি সদাপ্রভু এইরূপ করিবেন।

26. इस के बाद यहोशू ने उनको मरवा डाला, और पांच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे।

26. তৎপরে যিহোশূয় আঘাত করিয়া সেই পাঁচ জন রাজাকে বধ করিলেন, ও পাঁচটা গাছে টাঙ্গাইয়া দিলেন; তাহাতে তাঁহারা সন্ধ্যাকাল পর্য্যন্ত গাছে টাঙ্গান রহিলেন।

27. सूर्य डूबते डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतारके उसी गुफा में जहां वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर धर दिए, वे आज तक वहीं धरे हुए हैं।।

27. পরে সূর্য্যাস্ত সময়ে লোকেরা যিহোশূয়ের আজ্ঞাতে তাঁহাদিগকে গাছ হইতে নামাইয়া, যে গুহাতে তাঁহারা লুকাইয়াছিলেন, সেই গুহায় নিক্ষেপ করিল, ও গুহার মুখে কয়েকখানা বড় বড় পাথর দিয়া রাখিল; তাহা অদ্যাপি রহিয়াছে।

28. उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा को सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उस में थे उन सभों में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उस ने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया।।

28. আর সেই দিবসে যিহোশূয় মক্কেদা হস্তগত করিলেন, এবং মক্কেদা ও তথাকার রাজাকে খড়গধারে আঘাত করিলেন; তথাকার সমস্ত প্রাণীকে নিঃশেষে বিনষ্ট করিলেন, কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না; যেমন যিরীহোর রাজার প্রতি করিয়াছিলেন, মক্কেদার রাজার প্রতিও তদ্রূপ করিলেন।

29. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा।

29. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে করিয়া মক্কেদা হইতে লিব্‌নাতে গিয়া লিব্‌নার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিলেন।

30. और यहोवा ने उस को भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ मे कर दिया; और यहोशू ने उसको और उस में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उस में से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उस ने यरीहो के राजा के साथ किया था।।

30. তাহাতে সদাপ্রভু লিব্‌না ও তথাকার রাজাকে ইস্রায়েলের হস্তে সমর্পণ করিলেন; তাহারা লিব্‌না ও তথাকার সমস্ত প্রাণীকে খড়গধারে আঘাত করিল, তাহার মধ্যে কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিল না; যেমন যিরীহোর রাজার প্রতি করিয়াছিল, তথাকার রাজার প্রতিও তদ্রূপ করিল।

31. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरूद्ध छावनी डालकर लड़ा;

31. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া লিব্‌না হইতে লাখীশে গিয়া তাহার বিরুদ্ধে শিবির স্থাপন করিয়া যুদ্ধ করিলেন।

32. और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उस ने उसको जीत लिया; और जैसा उस ने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उस ने लाकीश से भी किया।

32. আর সদাপ্রভু লাখীশকে ইস্রায়েলের হস্তে সমর্পণ করিলেন, ও তাহারা দ্বিতীয় দিবসে তাহা হস্তগত করিয়া যেমন লিব্‌নার প্রতি করিয়াছিল, তদ্রূপ লাখীশ ও তথাকার সমস্ত প্রাণীকে খড়গধারে আঘাত করিল।

33. तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा।।

33. তৎকালে গেষরের রাজা হোরম লাখীশের সহায়তা করিতে আসিয়াছিলেন; আর যিহোশূয় তাঁহাকে ও তাঁহার লোকদিগকে আঘাত করিলেন; তাঁহার কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না।

34. फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरूद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा;

34. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া লাখীশ হইতে ইগ্লোনে যাত্রা করিলেন, আর তাহারা সেই স্থানের সম্মুখে শিবির স্থাপন করিয়া তাহার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিল।

35. और उसी दिन उन्हों ने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उस ने लाकीश के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उस ने एग्लोन से भी किया।।

35. আর সেই দিন তাহা হস্তগত করিয়া, যেমন লাখীশের প্রতি করিয়াছিল, তদ্রূপ খড়গধারে তাহা আঘাত করিয়া সেই দিন তথাকার সমস্ত প্রাণীকে নিঃশেষে বিনষ্ট করিল।

36. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उस से लड़ने लगा;

36. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া ইগ্লোন হইতে হিব্রোণে যাত্রা করিলেন, আর তাহারা তাহার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিল।

37. और उन्हों ने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गावों को और उन में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उस ने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उस ने उसको और उस में के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला।।

37. আর তাহা হস্তগত করিয়া সেই নগর ও তথাকার রাজাকে ও অধীন নগর সকলকে ও সমস্ত প্রাণীকে খড়গধারে আঘাত করিল; যেমন তিনি ইগ্লোনের প্রতি করিয়াছিলেন, সেইরূপ কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না; হিব্রোণ ও তথাকার সমস্ত প্রাণীকে নিঃশেষে বিনষ্ট করিলেন।

38. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उस से लड़ने लगा;

38. পরে যিহোশূয় ফিরিয়া সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া দবীরে আসিয়া তাহার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিলেন।

39. और राजा समेत उसे और उसके सब गांवों को ले लिया; और उन्हों ने उनको तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उन में थे सब को सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उस ने दबीर और उसके राजा से भी किया।।

39. আর সেই নগর ও তথাকার রাজাকে ও অধীন নগর সকল হস্তগত করিলেন; এবং তাহারা খড়গধারে আঘাত করিয়া তথাকার সমস্ত প্রাণীকে নিঃশেষে বিনষ্ট করিল; তিনি কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না; যেমন তিনি হিব্রোণের প্রতি এবং লিব্‌নার ও তথাকার রাজার প্রতি করিয়াছিলেন, দবীরের ও তথাকার রাজার প্রতিও তদ্রূপ করিলেন।

40. इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात्पहाड़ी देश, दक्खिन देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, वरन जितने प्राणी थे सभों को सत्यानाश कर डाला।

40. এইরূপে যিহোশূয় সমস্ত দেশ, পর্ব্বতময় প্রদেশ, দক্ষিণ অঞ্চল, নিম্নভূমি ও পর্ব্বত-পার্শ্ব, এবং সেই সকল অঞ্চলের সমস্ত রাজাকে আঘাত করিলেন, কাহাকেও অবশিষ্ট রাখিলেন না; তিনি ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর আজ্ঞানুসারে শ্বাসবিশিষ্ট সকলকেই নিঃশেষে বিনষ্ট করিলেন।

41. और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले अज्जा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा।

41. এইরূপে যিহোশূয় কাদেশবর্ণেয় হইতে ঘসা পর্য্যন্ত তাহাদিগকে এবং গিবিয়োন পর্য্যন্ত গোশনের সমস্ত দেশকে আঘাত করিলেন।

42. इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था।

42. যিহোশূয় এই সমস্ত দেশ ও রাজগণকে এক কালেই হস্তগত করিলেন, কারণ ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভু ইস্রায়েলের পক্ষে যুদ্ধ করিতেছিলেন।

43. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया।।

43. পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে লইয়া গিল্‌গলস্থিত শিবিরে ফিরিয়া আসিলেন।



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