12. पर हे मेरे भाइयों, सब से श्रेष्ठ बात यह है, कि शपथ न खाना; न स्वर्ग की न पृथ्वी की, न किसी और वस्तु की, पर तुम्हारी बातचीत हां की हां, और नहीं की नहीं हो, कि तुम दण्ड के योग्य न ठहरो।।
12. And before all things, my brethren, do not swear, neither by the heaven, neither by the earth, neither by any other oath, and let your Yes be Yes, and the No, No; that under judgment ye may not fall.