17. पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्रा होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
17. কিন্তু যে জ্ঞান উপর হইতে আইসে, তাহা প্রথমে শুচি, পরে শান্তিপ্রিয়, ক্ষান্ত, সহজে অনুনীত, দয়া ও উত্তম উত্তম ফলে পরিপূর্ণ, ভেদাভেদবিহীন ও নিষ্কপট।