3. क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न माननेवाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
3. For we oure selues also were in tymes past, vnwyse, dishobedient, in erroure, seruynge lustes and dyuerse maners of voluptuousnes, lyuynge in maliciousnes and envye, full of hate, hatynge one another.