21. यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्रा ठहरेगा; और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा।
21. Therefore, if anyone cleanses himself from what is dishonorable, he will be a vessel for honorable use, set apart as holy, useful to the master of the house, ready for every good work.