4. जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहां तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है।
यहेजकेल 28:2, दानिय्येल 11:36-37
4. who opposes and exalts himself above all that is called God, or that is worshiped, so that he sits as God in the temple of God, setting himself forth, that he is God.