13. पर हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्रा बनकर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ।
व्यवस्थाविवरण 33:12, गिनती 23:19
13. But we ought to giue thankes alway to God for you, brethren beloued of the Lord, because that God hath from the beginning chosen you to saluation, through sanctification of the Spirit, and the faith of trueth,