13. इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है।
13. And we also [especially] thank God continually for this, that when you received the message of God [which you heard] from us, you welcomed it not as the word of [mere] men, but as it truly is, the Word of God, which is effectually at work in you who believe [exercising its superhuman power in those who adhere to and trust in and rely on it].