8. निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरनीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्रा हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगया करो।
8. For the rest, brethren, whatsoever things [are] true, whatsoever things [are] noble, whatsoever things [are] just, whatsoever things [are] pure, whatsoever things [are] amiable, whatsoever things [are] of good report; if [there be] any virtue and if any praise, think on these things.