Philippians - फिलिप्पियों 3 | View All

1. निदान, हे मेरे भाइयो, प्रभु में आनन्दित रहो: वे ही बातें तुम को बार बार लिखने में मुझे तो कोई कष्ट नहीं होता, और इस में तुम्हारी कुशलता है।

1. Finally, my brothers and sisters, rejoice in the Lord. To write the same things to you is not troublesome to me, and for you it is a safeguard.

2. कुत्तों से चौकस रहो, उन बुरे काम करनेवालों से चौकस रहो, उन काट कूट करनेवालों से चौकस रहो।
भजन संहिता 22:16, भजन संहिता 22:20

2. Beware of the dogs, beware of the evil workers, beware of those who mutilate the flesh!

3. क्योंकि खतनावाले तो हम ही हैं जो परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई से उपासना करते हैं, और मसीह यीशु पर घमण्ड करते हैं और शरीर पर भरोसा नहीं रखते।

3. For it is we who are the circumcision, who worship in the Spirit of God and boast in Christ Jesus and have no confidence in the flesh--

4. पर मैं तो शरीर पर भी भरोसा रख सकता हूं यदि किसी और को शरीर पर भरोसा रखने का विचार हो, तो मैं उस से भी बढ़कर रख सकता हूं।

4. even though I, too, have reason for confidence in the flesh. If anyone else has reason to be confident in the flesh, I have more:

5. आठवें दिन मेरा खतना हुआ, इस्त्राएल के वंश, और बिन्यामीन के गोत्रा का हूं; इब्रानियों का इब्रानी हूं; व्यवस्था के विषय में यदि कहो तो फरीसी हूं।

5. circumcised on the eighth day, a member of the people of Israel, of the tribe of Benjamin, a Hebrew born of Hebrews; as to the law, a Pharisee;

6. उत्साह के विषय में यदि कहो तो कलीसिया का सतानेवाला; और व्यवस्था की धार्मिकता के विषय में यदि कहो तो निर्दोष था।

6. as to zeal, a persecutor of the church; as to righteousness under the law, blameless.

7. परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है।

7. Yet whatever gains I had, these I have come to regard as loss because of Christ.

8. बरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।

8. More than that, I regard everything as loss because of the surpassing value of knowing Christ Jesus my Lord. For his sake I have suffered the loss of all things, and I regard them as rubbish, in order that I may gain Christ

9. और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धार्मिकता के साथ, जो व्यवस्था से है, बरन उस धार्मिकता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है।

9. and be found in him, not having a righteousness of my own that comes from the law, but one that comes through faith in Christ, the righteousness from God based on faith.

10. और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानू, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।

10. I want to know Christ and the power of his resurrection and the sharing of his sufferings by becoming like him in his death,

11. ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं।

11. if somehow I may attain the resurrection from the dead.

12. यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।

12. Not that I have already obtained this or have already reached the goal; but I press on to make it my own, because Christ Jesus has made me his own.

13. हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।

13. Beloved, I do not consider that I have made it my own; but this one thing I do: forgetting what lies behind and straining forward to what lies ahead,

14. निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।

14. I press on toward the goal for the prize of the heavenly call of God in Christ Jesus.

15. सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।

15. Let those of us then who are mature be of the same mind; and if you think differently about anything, this too God will reveal to you.

16. सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।।

16. Only let us hold fast to what we have attained.

17. हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।

17. Brothers and sisters, join in imitating me, and observe those who live according to the example you have in us.

18. क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।

18. For many live as enemies of the cross of Christ; I have often told you of them, and now I tell you even with tears.

19. उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्जा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।

19. Their end is destruction; their god is the belly; and their glory is in their shame; their minds are set on earthly things.

20. पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम पर उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आन ही बाट जोह रहे हैं।

20. But our citizenship is in heaven, and it is from there that we are expecting a Savior, the Lord Jesus Christ.

21. वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन- हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।।

21. He will transform the body of our humiliation that it may be conformed to the body of his glory, by the power that also enables him to make all things subject to himself.



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