Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 5 | View All

1. मूसा ने सारे इस्राएलियों को बुलवाकर कहा, हे इस्राएलियों, जो जो विधि और नियम मैं आज तुम्हें सुनाता हूं वे सुनो, इसलिये कि उन्हें सीखकर मानने में चौकसी करो।

1. তখন মোশি সমস্ত ইস্রায়েলকে ডাকিলেন, ও তাহাদিগকে কহিলেন, হে ইস্রায়েল, আমি তোমাদের কর্ণগোচরে অদ্য যে সকল বিধি ও শাসন বলি, সে সকল শুন, তোমরা তাহা শিক্ষা কর, ও যত্নপূর্ব্বক পালন কর।

2. हमारे परमेश्वर याहोवा ने तो होरेब पर हम से वाचा बान्धी।

2. আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু হোরেবে আমাদের সহিত এক নিয়ম করিয়াছেন।

3. इस वाचा को यहोवा ने हमारे पितरों से नहीं, हम ही से बान्धा, जो यहां आज के दिन जीवित हैं।

3. সদাপ্রভু আমাদের পিতৃপুরুষদের সহিত সেই নিয়ম করেন নাই, কিন্তু অদ্য এই স্থানে সকলে জীবিত আছি যে আমরা, আমাদেরই সহিত করিয়াছেন।

4. यहोवा ने उस पर्वत पर आग के बीच में से तुम लोगों से आम्हने साम्हने बातें की;
प्रेरितों के काम 7:38

4. সদাপ্রভু পর্ব্বতে অগ্নির মধ্য হইতে তোমাদের সহিত সম্মুখাসম্মুখি হইয়া কথা বলিলেন।

5. उस आग के डर के मारे तुम पर्वत पर न चढ़े, इसलिये मैं यहोवा के और तुम्हारे बीच उसका वचन तुम्हें बताने को खड़ा रहा। तब उस ने कहा,

5. সেই সময়ে আমিই তোমাদিগকে সদাপ্রভুর বাক্য জ্ঞাত করিবার জন্য সদাপ্রভুর ও তোমাদের মধ্যে দণ্ডায়মান ছিলাম; কেননা অগ্নি হইতে ভীত হওয়াতে তোমরা পর্ব্বতে উঠ নাই। তিনি বলিলেন,

6. तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझे दासत्व के घर आर्थात् मि देश में से निकाल लाया है, वह मैं हूं।

6. আমি তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু, যিনি মিসর দেশ হইতে, দাস-গৃহ হইতে তোমাকে বাহির করিয়া আনিলেন।

7. मुझे छोड़ दूसरों को परमेश्वर करके न मानना।।

7. আমার সাক্ষাতে তোমার অন্য দেবতা না থাকুক।

8. तु अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना जो आकाश में, वा पृथ्वी के जल में है;

8. তুমি আপনার নিমিত্তে ক্ষোদিত প্রতিমা নির্ম্মাণ করিও না; উপরিস্থ স্বর্গে, নীচস্থ পৃথিবীতে ও পৃথিবীর নীচস্থ জলে, যাহা যাহা আছে, তাহাদের কোন মূর্ত্তি নির্ম্মাণ করিও না;

9. तू उनको दण्डवत् न करना और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखनेवाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते हैं उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को पितरों का दण्ड दिया करता हूं,

9. তুমি তাহাদের কাছে প্রণিপাত করিও না, এবং তাহাদের সেবা করিও না; কেননা তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু আমি স্বগৌরব রক্ষণে উদ্যোগী ঈশ্বর; আমি পিতৃগণের অপরাধের প্রতিফল সন্তানদিগের উপরে বর্ত্তাই, যাহারা আমাকে দ্বেষ করে, তাহাদের তৃতীয় চতুর্থ পুরুষ পর্য্যন্ত বর্ত্তাই;

10. और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं उन हजारों पर करूणा किया करता हूं।

10. কিন্তু যাহারা আমাকে প্রেম করে, ও আমার আজ্ঞা সকল পালন করে, আমি তাহাদের সহস্র [পুরুষ] পর্য্যন্ত দয়া করি।

11. तू अपने परमेश्वर यहोवा का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो यहोवा का नाम व्यर्थ ले वह उनको निर्दोष न ठहराएगा।।
मत्ती 5:33

11. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর নাম অনর্থক লইও না, কেননা যে কেহ তাঁহার নাম অনর্থক লয়, সদাপ্রভু তাহাকে নির্দ্দোষ করিবেন না।

12. तू विश्रामदिन को मानकर पवित्रा रखना, जैसे तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे आज्ञा दी।
मरकुस 2:27

12. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর আজ্ঞানুসারে বিশ্রামদিন পালন করিয়া পবিত্র করিও।

13. छ: दिन तो परिश्रम करके अपना सारा कामकाज करना;
लूका 13:14

13. ছয় দিন শ্রম করিও, আপনার সমস্ত কার্য্য করিও;

14. परन्तु सातवां दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है; उस में न तू किसी भांति का कामकाज करना, न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरा बैल, न तेरा गदहा, न तेरा कोई पशु, न कोई परदेशी भी जो तेरे फाटकों के भीतर हो; जिस से तेरा दास और तेरी दासी भी तेरी नाई विश्राम करे।
मत्ती 12:2, लूका 23:56

14. কিন্তু সপ্তম দিন তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশে বিশ্রামদিন; সেই দিন তুমি, কি তোমার পুত্র, কি কন্যা, কি তোমার দাস কি দাসী, কি তোমার গোরু, কি গর্দ্দভ, কি অন্য কোন পশু, কি তোমার পুরদ্বারের মধ্যবর্ত্তী বিদেশী, কেহ কোন কার্য্য করিও না; তোমার দাস ও তোমার দাসী যেন তোমার ন্যায় বিশ্রাম পায়।

15. और इस बात को स्मरण रखना कि मि देश में तू आप दास था, और वहां से तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा निकाल लाया; इस कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे विश्रामदिन मानने की आज्ञा देता है।।

15. স্মরণে রাখিও, মিসর দেশে তুমি দাস ছিলে, কিন্তু তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু বলবান্‌ হস্ত ও বিস্তারিত বাহু দ্বারা তথা হইতে তোমাকে বাহির করিয়া আনিলেন; এই জন্য তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু বিশ্রামদিন পালন করিতে তোমাকে আজ্ঞা করিয়াছেন।

16. अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जैसे कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे आज्ञा दी है; जिस से जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तू बहुत दिन तक रहते पाए, और तेरा भला हो।।
मत्ती 15:4, मत्ती 19:11, मरकुस 7:10, मरकुस 10:19, इफिसियों 6:2-3, लूका 18:20

16. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর আজ্ঞানুসারে তোমার পিতাকে ও তোমার মাতাকে সমাদর করিও; যেন তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে দেশ দেন, সেই দেশে তোমার দীর্ঘ পরমায়ু হয় ও তুমি মঙ্গল প্রাপ্ত হও।

17. নরহত্যা করিও না।

18. तू व्यभिचार न करना।।
मत्ती 5:27, याकूब 2:11, रोमियों 7:7, रोमियों 13:9

18. ব্যভিচার করিও না।

19. तू चोरी न करना।।

19. চুরি করিও না।

20. तू किसी के विरूद्ध झूठी साक्षी न देना।।

20. তুমি প্রতিবাসীর বিরুদ্ধে মিথ্যা সাক্ষ্য দিও না।

21. तू न किसी की पत्नी का लालच करना, और न किसी के घर का लालच करना, न उसके खेत का, न उसके दास का, न उसकी दासी का, न उसके बैल वा गदहे का, न उसकी किसी और वस्तु का लालच करना।।

21. তোমার প্রতিবাসীর স্ত্রীতে লোভ করিও না; প্রতিবাসীর গৃহে কি ক্ষেত্রে, কিম্বা তাহার দাসে কি দাসীতে, কিম্বা তাহার গোরুতে কি গর্দ্দভে, প্রতিবাসীর কোন বস্তুতেই লোভ করিও না।

22. यही वचन यहोवा ने उस पर्वत पर आग, और बादल, और घोर अन्धकार के बीच में से तुम्हारी सारी मण्डली से पुकारकर कहा; और इस से अधिक और कुछ न कहा। और उन्हें उस ने पत्थर की दो पटियाओं पर लिखकर मुझे दे दिया।

22. সদাপ্রভু পর্ব্বতে অগ্নির, মেঘের ও ঘোর অন্ধকারের মধ্য হইতে তোমাদের সমস্ত সমাজের নিকটে এই সমস্ত বাক্য মহারবে বলিয়াছিলেন, আর কিছুই বলেন নাই। পরে তিনি এই সমস্ত কথা দুইখান প্রস্তরফলকে লিখিয়া আমাকে দিয়াছিলেন।

23. जब पर्वत आग से दहक रहा था, और तुम ने उस शब्द को अन्धियारे के बीच में से आते सुना, तब तुम और तुम्हारे गोत्रों के सब मुख्य मुख्य पुरूष और तुम्हारे पुरनिए मेरे पास आए;
इब्रानियों 12:19

23. কিন্তু যখন তোমরা অন্ধকারের মধ্য হইতে সেই রব শুনিতে পাইলে, এবং অগ্নিতে পর্ব্বত জ্বলিতেছিল, তখন তোমরা, তোমাদের বংশাধ্যক্ষগণ ও প্রাচীনগণ সকলে আমার নিকটে আসিয়া কহিলে,

24. और तुम कहने लगे, कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम को अपना तेज और महीमा दिखाई है, और हम ने उसका शब्द आग के बीच में से आते हुए सुना; आज हम ने देख लिया कि यद्यपि परमेश्वर मनुष्य से बातें करता है तौभी मनुष्य जीवित रहता है।

24. দেখ, আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু আমাদের কাছে আপন প্রতাপ ও মহিমা প্রদর্শন করিলেন, এবং আমরা অগ্নির মধ্য হইতে তাঁহার রব শুনিতে পাইলাম; মনুষ্যের সহিত ঈশ্বর কথা কহিলেও সে বাঁচিতে পারে, ইহা আমরা অদ্য দেখিলাম।

25. अब हम क्यों मर जाएं? क्योंकि ऐसी बड़ी आग से हम भस्म हो जाएंगे; और यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनें, तब तो मर ही जाएंगे।
इब्रानियों 12:19

25. কিন্তু আমরা এখন কেন মরিব? ঐ মহা-অগ্নি ত আমাদিগকে গ্রাস করিবে; আমরা যদি আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর রব আবার শুনি, তবে মারা পড়িব।

26. क्योंकि सारे प्राणियों में से कौन ऐसा है जो हमारी नाई जीवित और अग्नि के बीच में से बोलते हुए परमेश्वर का शब्द सुनकर जीवित बचा रहे?

26. কেননা যাহারা মাংসময়, তাহাদের মধ্যে এমন কে আছে যে, আমাদের ন্যায় অগ্নির মধ্য হইতে বাক্যবাদী জীবৎ ঈশ্বরের রব শুনিয়া বাঁচিয়াছে?

27. इसलिये तू समीप जा, और जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे सुन ले; फिर जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसे हम से कहना; और हम उसे सुनेंगे और उसे मानेंगे।

27. তুমিই নিকটে গিয়া আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু যে সমস্ত কথা কহেন, তাহা শুন; আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যাহ যাহা বলিবেন, সেই সমস্ত কথা তুমি আমাদিগকে বলিও; আমরা তাহা শুনিয়া পালন করিব।

28. जब तुम मुझ से ये बातें कह रहे थे तब यहोवा ने तुम्हारी बातें सुनीं; तब उस ने मुझ से कहा, कि इन लोगों ने जो जो बातें तुझ से कही हैं मैं ने सुनी हैं; इन्हों ने जो कुछ कहा वह ठीक ही कहा।

28. তোমরা যখন আমাকে এই কথা কহিলে, তখন সদাপ্রভু তোমাদের সেই বাক্যের রব শুনিলেন; আর সদাপ্রভু আমাকে কহিলেন, এই লোকেরা তোমাকে যাহা যাহা বলিয়াছে, সেই বাক্যের রব আমি শুনিলাম; উহারা যাহা যাহা বলিয়াছে, সে সমস্ত ভালই বলিয়াছে।

29. भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे!

29. আহা, সর্ব্বদা আমাকে ভয় করিতে ও আমার আজ্ঞা সকল পালন করিতে যদি উহাদের এইরূপ মন থাকে, তবে উহাদের ও উহাদের সন্তানদের চিরস্থায়ী মঙ্গল হইবে।

30. इसलिये तू जाकर उन से कह दे, कि अपने अपने डेरों को लौट जाओ।

30. তুমি যাও, উহাদিগকে আপন আপন তাম্বুতে ফিরিয়া যাইতে বল।

31. परन्तु तू यहीं मेरे पास खड़ा रह, और मैं वे सारी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें तुझे उनको सिखाना होगा तुझ से कहूंगा, जिस से वे उन्हें उस देश में जिसका अधिकार मैं उन्हें देने पर हूं मानें।

31. কিন্তু তুমি আমার নিকটে এই স্থানে দাঁড়াও, তুমি উহাদিগকে যাহা যাহা শিক্ষা দিবে, আমি তোমাকে সেই সমস্ত আজ্ঞা, বিধি ও শাসন বলিয়া দিই; যেন আমি যে দেশ অধিকারার্থে উহাদিগকে দিতেছি, সেই দেশে উহারা তাহা পালন করে।

32. इसलिये तुम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार करने में चौकसी करना; न तो दहिने मुड़ना और न बांए।

32. অতএব তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদিগকে যেমন আজ্ঞা করিলেন, তাহা যত্নপূর্ব্বক পালন করিবে, তাহার দক্ষিণে কি বামে ফিরিবে না।

33. जिस मार्ग में चलने की आज्ञा तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को दी है उस सारे मार्ग पर चलते रहो, कि तुम जीवित रहो, और तुम्हारा भला हो, और जिस देश के तुम अधिकारी होगे उस में तुम बहुत दिनों के लिये बने रहो।।

33. তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদিগকে যে যে পথে চলিবার আজ্ঞা দিলেন, সেই সমস্ত পথে চলিবে; যেন তোমরা বাঁচিতে পার ও তোমাদের মঙ্গল হয়, এবং যে দেশ তোমরা অধিকার করিবে, তথায় তোমাদের দীর্ঘ পরমায়ু হয়।



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