Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 21 | View All

1. यदि उस देश के मैदान में जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है किसी मारे हुए की लोथ पड़ी हुई मिले, और उसको किस ने मार डाला है यह जान न पड़े,

1. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে যে দেশ তোমাকে দিতেছেন, তাহার মধ্যে যদি ক্ষেত্রে পতিত কোন হত লোককে পাওয়া যায়, এবং তাহাকে কে বধ করিল, তাহা জানা না যায়;

2. तो तेरे सियाने लोग और न्यायी निकलकर उस लोथ के चारों ओर के एक एक नगर की दूरी को नापें;

2. তবে তোমার প্রাচীনবর্গ ও বিচারকর্ত্তৃগণ বাহিরে গিয়া সেই শবের চারিদিকে কোন্‌ নগর কত দূর, তাহা মাপিবে।

3. तब जो नगर उस लोथ के सब से निकट ठहरे, उसके सियाने लोग एक ऐसी कलोर ले रखें, जिस से कुछ काम न लिया गया हो, और जिस पर जूआ कभी न रखा गया हो।

3. তাহাতে যে নগর ঐ হত লোকের নিকটস্থ হইবে, তথাকার প্রাচীনবর্গ পাল হইতে এমন একটী গোবৎসা লইবে, যাহা দ্বারা কোন কার্য্য হয় নাই, যে যোঁয়ালি বহন করে নাই।

4. तब उस नगर के सियाने लोग उस कलोर को एक बारहमासी नदी की ऐसी तराई में जो न जोती और न बोई गई हो ले जाएं, और उसी तराई में उस कलोर का गला तोड़ दें।

4. পরে সেই নগরের প্রাচীনবর্গ সেই গোবৎসাকে এমন কোন একটী উপত্যকায় আনিবে, যেখানে জলস্রোত নিত্য বহে, এবং চাস বা বীজবপন হয় না, ও সেই উপত্যকায় তাহার গ্রীবা ভাঙ্গিয়া ফেলিবে।

5. और लेवीय याजक भी निकट आएं, क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उनको चुन लिया है कि उसकी सेवा टहल करें और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, और उनके कहने के अनुसार हर एक झगड़े और मारपीट के मुक मे का निर्णय हो।

5. পরে লেবির সন্তান যাজকেরা নিকটে আসিবে, কেননা তাহাদিগকেই তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু আপনার পরিচর্য্যার্থে ও সদাপ্রভুর নামে আশীর্ব্বাদ করণার্থে মনোনীত করিয়াছেন; এবং তাহাদের বাক্যানুসারে প্রত্যেক বিবাদের ও আঘাতের বিচার হইবে।

6. फिर जो नगर उस लोथ के सब से निकट ठहरे, उसके सब सियाने लोग उस कलोर के ऊपर जिसका गला तराई में तोड़ा गया हो अपने अपने हाथ धोकर कहें,
मत्ती 27:24

6. পরে শবের নিকটস্থ ঐ নগরের সমস্ত প্রাচীন উপত্যকাতে ভগ্নগ্রীবা গোবৎসার উপরে আপন আপন হস্ত ধুইয়া দিবে।

7. यह खून हम से नहीं किया गया, और न यह हमारी आंखों का देखा हुआ काम है।

7. আর তাহারা উত্তর করিয়া বলিবে, আমাদের হস্ত এই রক্তপাত করে নাই, আমাদের চক্ষু ইহা দেখে নাই;

8. इसलिये, हे यहोवा, अपनी छुड़ाई हुई इस्राएली प्रजा का पाप ढांपकर निर्दोष खून का पाप अपनी इस्राएल प्रजा के सिर पर से उतार। तब उस खून का दोष उनको क्षमा कर दिया जाएगा।

8. হে সদাপ্রভু, তুমি আপনার প্রজা যে ইস্রায়েলকে মুক্ত করিয়াছ, তাহাকে ক্ষমা কর; আপনার প্রজা ইস্রায়েলের মধ্যে নিরপরাধের রক্তপাতজন্য দোষ থাকিতে দিও না। তাহাতে তাহাদের পক্ষে সেই রক্তপাতের দোষ ক্ষমা হইবে।

9. यों वह काम करके जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है तू निर्दोष के खून का दोष अपने मध्य में से दूर करना।।

9. এইরূপে তুমি আপনার মধ্য হইতে নিরপরাধের রক্তপাতের দোষ দূর করিবে; কেননা সদাপ্রভুর সাক্ষাতে যাহা যথার্থ, তাহাই তুমি করিবে।

10. जब तू अपने शत्रुओं से युद्ध करने को जाए, और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे हाथ में कर दे, और तू उन्हें बन्धुआ कर ले,

10. তুমি আপন শত্রুগণের বিরুদ্ধে যুদ্ধযাত্রা করিলে যদি তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তাহাদিগকে তোমার হস্তে সমর্পণ করেন, ও তুমি তাহাদিগকে বন্দি করিয়া লইয়া যাও;

11. तब यदि तू बन्धुओं में किसी सुन्दर स्त्री को देखकर उस पर मोहित हो जाए, और उस से ब्याह कर लेना चाहे,

11. এবং সেই বন্দিদের মধ্যে কোন সুন্দরী স্ত্রী দেখিয়া প্রেমাসক্ত হইয়া যদি তুমি তাহাকে বিবাহ করিতে চাও;

12. तो उसे अपने घर के भीतर ले आना, और वह अपना सिर मुंड़ाए, नाखून कटाए,

12. তবে তাহাকে আপন গৃহমধ্যে আনিবে, এবং সে আপন মস্তক মুণ্ডন করিবে, ও নখ কাটিবে;

13. और अपने बन्धुआई के वस्त्रा उतारके तेरे घर में महीने भर रहकर अपने माता पिता के लिये विलाप करती रहे; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पति और वह तेरी पत्नी बने।

13. আর আপনার বন্দিত্বদশার বস্ত্র ত্যাগ করিবে; পরে তোমার গৃহে থাকিয়া আপন পিতামাতার জন্য সম্পূর্ণ এক মাস বিলাপ করিবে; তাহার পরে তুমি তাহার কাছে গমন করিতে পারিবে, তুমি তাহার স্বামী হইবে ও সে তোমার স্ত্রী হইবে।

14. फिर यदि वह तुझ को अच्छी न लगे, तो जहां वह जाना चाहे वहां उसे जाने देना; उसको रूपया लेकर कहीं न बेचना, और तू ने जो उसकी पत- पानी ली, इस कारण उस से दासी का सा ब्यवहार न करना।।

14. আর যদি তাহাতে তোমার প্রীতি না হয়, তবে যে স্থানে তাহার ইচ্ছা, সেই স্থানে তাহাকে যাইতে দিবে; কিন্তু কোন প্রকারে টাকা লইয়া তাহাকে বিক্রয় করিবে না; তাহার প্রতি দাসবৎ ব্যবহার করিবে না, কেননা তুমি তাহাকে মানভ্রষ্টা করিয়াছ।

15. यदि किसी पुरूष की दो पत्नियां हों, और उसे एक प्रिय और दूसरी अप्रिय हो, और प्रिया और अप्रिया दोनों स्त्रियां बेटे जने, परन्तु जेठा अप्रिया का हो,

15. যদি কোন পুরুষের প্রিয়া অপ্রিয়া দুই স্ত্রী থাকে, এবং প্রিয়া ও অপ্রিয়া উভয়ে তাহার জন্য পুত্র প্রসব করে, আর জ্যৈষ্ঠ পুত্র অপ্রিয়ার সন্তান হয়;

16. तो जब वह अपने पुत्रों को सम्पत्ति का बटवारा करे, तब यदि अप्रिया का बेटा जो सचमुच जेठा है यदि जीवित हो, तो वह प्रिया के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;

16. তবে আপন পুত্রদিগকে সর্ব্বস্বের অধিকার দিবার সময়ে অপ্রিয়াজাত জ্যৈষ্ঠ পুত্র থাকিতে সে প্রিয়াজাত পুত্রকে জ্যৈষ্ঠাধিকার দিতে পারিবে না।

17. वह यह जानकर कि अप्रिया का बेटा मेरे पौरूष का पहिला फल है, और जेठे का अधिकार उसी का है, उसी को अपनी सारी सम्पत्ति में से दो भाग देकर जेठांसी माने।।

17. কিন্তু সে অপ্রিয়ার পুত্রকে জ্যৈষ্ঠরূপে স্বীকার করিয়া আপন সর্ব্বস্বের দুই অংশ তাহাকে দিবে; কারণ সে তাহার শক্তির প্রথম ফল, জ্যৈষ্ঠাধিকার তাহারই।

18. यदि किसी के हठीला और दंगैत बेटा हो, जो अपने माता- पिता की बात न माने, किन्तु ताड़ना देने पर भी उनकी न सुने,

18. যদি কাহারো পুত্র অবাধ্য ও বিরোধী হয়, পিতামাতার কথা না শুনে, এবং শাসন করিলেও তাহাদিগকে অমান্য করে;

19. तो उसके माता- पिता उसे पकड़कर अपने नगर से बाहर फाटक के निकट नगर के सियानों के पास ले जाएं,

19. তবে তাহার পিতামাতা তাহাকে ধরিয়া নগরের প্রাচীনবর্গের নিকটে ও তাহার নিবাস-স্থানের নগর-দ্বারে লইয়া যাইবে;

20. और वे नगर के सियानों से कहें, कि हमारा यह बेटा हठीला और दंगैत है, यह हमारी नहीं सुनता; यह उड़ाऊ और पियक्कड़ है।

20. আর তাহারা নগরের প্রাচীনবর্গকে বলিবে, আমাদের এই পুত্র অবাধ্য ও বিরোধী, আমাদের কথা মানে না, সে অপব্যয়ী ও মদ্যপায়ী।

21. तब उस नगर के सब पुरूष उसको पत्थरवाह करके मार डाले, यों तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना, तब सारे इस्राएली सुनकर भय खाएंगे।

21. তাহাতে সেই নগরের সমস্ত পুরুষ তাহাকে প্রস্তরাঘাতে বধ করিবে; এইরূপে তুমি আপনার মধ্য হইতে দুষ্টাচার লোপ করিবে, আর সমস্ত ইস্রায়েল শুনিয়া ভয় পাইবে।

22. फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिस से वह मार डाला जाए, और तू उसकी लोथ को वृक्ष पर लटका दे,
मत्ती 27:57-58, यूहन्ना 19:31, प्रेरितों के काम 5:30, प्रेरितों के काम 10:39

22. যদি কোন মনুষ্য প্রাণদণ্ডের যোগ্য পাপ করে, আর তাহার প্রাণদণ্ড হয়, এবং তুমি তাহাকে গাছে টাঙ্গাইয়া দেও,

23. तो वह लोथ रात को वृक्ष पर टंगी न रहे, अवश्य उसी दिन उसे मिट्टी देना, क्योंकि जो लटकाया गया हो वह परमेश्वर की ओर से शापित ठहरता है; इसलिये जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके देता है उसकी भूमि को अशुद्ध न करना।।
गलातियों 3:13, मत्ती 27:57-58, यूहन्ना 19:31, प्रेरितों के काम 5:30, प्रेरितों के काम 10:39

23. তবে তাহার শব রাত্রিতে গাছের উপরে থাকিতে দিবে না, কিন্তু নিশ্চয় সেই দিনই তাহাকে কবর দিবে; কেননা যে ব্যক্তিকে টাঙ্গান যায়, সে ঈশ্বরের শাপগ্রস্ত; তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে যে ভূমি তোমাকে দিতেছেন, তুমি তোমার সেই ভূমি অশুচি করিবে না।



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