22. तो पहिचान यह है कि जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने वह बात अभियान करके कही है, तू उस से भय न खाना।।
22. When the prophet shall speak in the name of Yahweh and the word shall not come to pass, neither shall come in, that, is the word which Yahweh, hath not spoken, presumptuously, hath the prophet spoken it, thou shall not be in dread of him.