1. हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो तुम जो आत्मिक जो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो।
1. ভ্রাতৃগণ, যদি কেহ কোন অপরাধে ধরাও পড়ে, তবে আত্মিক যে তোমরা, তোমরা সেই প্রকার ব্যক্তিকে মৃদুতার আত্মায় সুস্থ কর, আপনাকে দেখ, পাছে তুমিও পরীক্ষাতে পড়।