2 Corinthians - 2 कुरिन्थियों 9 | View All

1. अब उस सेवा के विषय में जो पवित्रा लोगों के लिये की जाती है, मुझे तुम को लिखना अवश्य नहीं।

1. For of the mynystrie that is maad to hooli men, it is to me of plente to write to you.

2. क्योंकि मैं तुम्हारे मन की तैयारी को जानता हूं, जिस के कारण मैं तुम्हारे विषय में मकिदुनियों के साम्हने घमण्ड दिखाता हूं, कि अखया के लोग एक वर्ष से तैयार हुए हैं, और तुमहारे उत्साह ने और बहुतों को भी उभारा है।

2. For Y knowe youre wille, for the which Y haue glorie of you anentis Macedonyes, for also Acaie is redi fro a yeer passid, and youre loue hath stirid ful manye.

3. परन्तु मैं ने भाइयों को इसलिये भेजा है, कि हम ने जो घमण्ड तुम्हारे विषय में दिखाया, वह इस बात में व्यर्थ न ठहरे; परन्तु जैसा मैं ने कहा; वैसे ही तुम तैयार हो रहो।

3. And we han sent britheren, that this thing that we glorien of you, be not auoidid in this parti, that as Y seide, ye be redi.

4. ऐसा न हो, कि यदि कोई मकिदुनी मेरे साथ आए, और तुम्हें तैयार न पाए, तो क्या जानें, इस भरोसे के कारण हम (यह नहीं कहते कि तुम) लज्जित हों।

4. Lest whanne Macedonyes comen with me, and fynden you vnredi, we be schamed, that we seien you not, in this substaunce.

5. इसलिये मैं ने भाइयों से यह बिनती करना अवश्य समझा कि वे पहिले से तुम्हारे पास जाएं, और तुम्हारी उदारता का फल जिस के विषय में पहिले से वचन दिया गया था, तैयार कर रखें, कि यह दबाव से नहीं परन्तु उदारता के फल की नाई तैयार हो।।

5. Therfor Y gesside necessarie to preie britheren, that thei come bifore to you, and make redi this bihiyt blessyng to be redi, so as blessing, and not as aueryce.

6. परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा।
नीतिवचन 11:24, नीतिवचन 22:9

6. For Y seie this thing, he that sowith scarseli, schal also repe scarseli; and he that sowith in blessyngis, schal `repe also of blessyngis.

7. हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करेद्ध न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
नीतिवचन 22:8

7. Ech man as he castide in his herte, not of heuynesse, or of nede; for God loueth a glad yyuere.

8. और परमेश्वर सच प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो।

8. And God is miyti to make al grace abounde in you, that ye in alle thingis euere more han al sufficience, and abounde in to al good werk;

9. जेसा लिखा है, उस ने बिथराया, उस ने कंगालों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा।
भजन संहिता 112:9

9. as it is writun, He delide abrood, he yaf to pore men, his riytwisnesse dwellith withouten ende.

10. सो जो बोनेवाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।
यशायाह 55:10, होशे 10:12

10. And he that mynystrith seed to the sowere, schal yyue also breed to ete, and he schal multiplie youre seed, and make myche the encreessingis of fruytis of youre riytwisnesse;

11. कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।

11. that in alle thingis ye maad riche waxen plenteuouse in to al symplenesse, which worchith bi vs doing of thankingis to God.

12. क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्रा लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है।

12. For the mynystrie of this office not oneli fillith tho thingis that failen to holi men, but also multiplieth many thankyngis to God,

13. क्योंकि इस सेवा से प्रमाण लेकर परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके आधीन रहते हो, और उन की, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो।

13. bi the preuyng of this mynystrie, which glorifien God in the obedience of youre knouleching in the gospel of Crist, and in symplenesse of comynycacioun in to hem and in to alle,

14. ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं; और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं।

14. and in the biseching of hem for you, that desiren you for the excellent grace of God in you.

15. परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो।।

15. Y do thankyngis to God of the yifte of hym, that may not be teld.



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