2 Corinthians - 2 कुरिन्थियों 4 | View All

1. इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।

1. Therefore seeing we have this ministry, as we have received mercy, we faint not;

2. परन्तु हम ने लज्जा के गुप्त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट करके, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।

2. But have renounced the hidden things of dishonesty, not walking in craftiness, nor handling the word of God deceitfully; but by manifestation of the truth commending ourselves to every man's conscience in the sight of God.

3. परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होनेवालों ही के लिये पड़ा है।

3. But if our gospel be hid, it is hid to them that are lost:

4. और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।

4. In whom the god of this world hath blinded the minds of them which believe not, lest the light of the glorious gospel of Christ, who is the image of God, should shine unto them.

5. क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और उसके विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।

5. For we preach not ourselves, but Christ Jesus the Lord; and ourselves your servants for Jesus' sake.

6. इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिस ने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।।
यशायाह 9:2

6. For God, who commanded the light to shine out of darkness, hath shined in our hearts, to give the light of the knowledge of the glory of God in the face of Jesus Christ.

7. परन्तु महारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, बरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।

7. But we have this treasure in earthen vessels, that the excellency of the power may be of God, and not of us.

8. हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।

8. We are troubled on every side, yet not distressed; we are perplexed, but not in despair;

9. सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
उत्पत्ति 1:3

9. Persecuted, but not forsaken; cast down, but not destroyed;

10. हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।

10. Always bearing about in the body the dying of the Lord Jesus, that the life also of Jesus might be made manifest in our body.

11. क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।

11. For we which live are alway delivered unto death for Jesus' sake, that the life also of Jesus might be made manifest in our mortal flesh.

12. सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर।

12. So then death worketh in us, but life in you.

13. और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।
भजन संहिता 116:10

13. We having the same spirit of faith, according as it is written, I believed, and therefore have I spoken; we also believe, and therefore speak;

14. क्योंकि हम जातने हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।

14. Knowing that he which raised up the Lord Jesus shall raise up us also by Jesus, and shall present us with you.

15. क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।।

15. For all things are for your sakes, that the abundant grace might through the thanksgiving of many redound to the glory of God.

16. इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।

16. For which cause we faint not; but though our outward man perish, yet the inward man is renewed day by day.

17. क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त जीवन महिमा उत्पन्न करता जाता है।

17. For our light affliction, which is but for a moment, worketh for us a far more exceeding and eternal weight of glory;

18. और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।

18. While we look not at the things which are seen, but at the things which are not seen: for the things which are seen are temporal; but the things which are not seen are eternal.



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