4. बड़े क्लेश, और मन के कष्ट से, मैं ने बहुत से आंसु बहा बहाकर तुम्हें लिखा, इसलिये नहीं, कि तुम उदास हो, परन्तु इसलिये कि तुम उस बड़े प्रेम को जान लो, जो मुझे तुम से है।।
4. For of myche tribulacioun and angwisch of herte Y wroot to you by many teeris, not that ye be sori, but that ye wite what charite Y haue more plenteuously in you.