20. क्योंकि मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो, कि मैं आकर जैसे चाहता हूं, वैसे तुम्हें न पाऊं; और मुझे भी जैसा तुम नहीं चाहते वैसा ही पाओ, कि तुम में झगड़ा, डाह, क्रोध, विराध, ईर्ष्या, चुगली, अभिमान और बखेड़े हों।
20. For I fear lest it come to pass, that when I come, I shall not find you such as I would: and I shall be found unto you such as ye(I) would not: I fear lest there be found among you lawing,(debate) envying, wrath, strife, backbitings, whisperings, swellings, and debate.(discord.)(uproars)