6. जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है।
6. Ech man encrees in his wit. He that vnderstondith the dai, vnderstondith to the Lord. And he that etith, etith to the Lord, for he doith thankyngis to God. And he that etith not, etith not to the Lord, and doith thankyngis to God.