Romans - रोमियों 14 | View All

1. जो विश्वास के निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो; परन्तु उसी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं।

1. Him that is weake in the faith, receaue vnto you, and trouble not the consciences.

2. क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है।
उत्पत्ति 1:29, उत्पत्ति 9:3

2. One beleueth that he maye eate all thinge: but he that is weake, eateth herbes.

3. और खानेवाला न- खानेवाले को तुच्छ न जाने, और न- खानेवाला खानेवाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है।

3. Let not him that eateth, despyse him that eateth not: and let not him which eateth not, iudge him that eateth: for God hath receaued him.

4. तू कौन है जो दूसरे के सेवक पर दोष लगाता है? उसक स्थिर रहता या गिर जाना उसके स्वामी ही से सम्बन्ध रखता है, बरन वह स्थिर ही कर दिया जाएगा; क्योंकि प्रभु उसे स्थिर रख सकता है।

4. Who art thou, that iudgest another mans seruaut? He stondeth or falleth vnto his LORDE: Yee he maye well stode, for God is able to make hi stode.

5. कोई तो एक दिन को दूसरे से बढ़कर जानता है, और कोई सब दिन एक सा जानता है: हर एक अपने ही मन में निश्चय कर ले।

5. Some man putteth differece betwene daye & daye, but another man counteth all dayes alyke. Let euery man be sure of his meanynge.

6. जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है।

6. He that putteth difference in the daye, doth it vnto the LORDE: & he that putteth no differece in the daye, doth it vnto ye LORDE also. He yt eateth, eateth vnto the LORDE, for he geueth God thakes:

7. क्योंकि हम में से न तो कोई पअने लिये जीता है, और न कोई अपने लिये मरता है।

7. and he that eateth not, eateth not vnto ye LORDE, and geueth God thankes.

8. क्योंकि यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; सो हम जीएं या मरें, हम प्रभु ही के हैं।

8. For none of vs lyueth to himselfe, and none dyeth to him selfe. Yf we lyue, we lyue vnto the LORDE: Yf we dye, we dye vnto the LORDE. Therfore, whether we lyue or dye, we are the LORDES.

9. क्योंकि मसीह इसी लिये मरा और जी भी उठा कि वह मरे हुओं और जीवतों, दोनों का प्रभु हो।

9. For therto dyed Christ, and rose agayne, and reuyued, that he mighte be LORDE both of deed and quycke.

10. तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के साम्हने खड़े होंगे।
भजन संहिता 72:2-4

10. But why iudgest thou yi brother? Or thou other, why despysest thou yi brother? We shal all be broughte before ye iudgmet seate of Christ.

11. क्योंकि लिखा है, कि प्रभु कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध कि हर एक घुटना मेरे साम्हने टिकेगा, और हर एक जीभ परमेश्वर को अंगीकार करेगा।
यशायाह 45:23, यशायाह 49:18

11. For it is wrytte: As truly as I lyue, (sayeth the LORDE) all knees shal bowe vnto me, & all tuges shal knowlege vnto God.

12. सो हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना लेखा देगा।।

12. Thus shal euery one of vs geue acomptes for himselfe vnto God.

13. सो आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएं पर तुम यही ठान लो कि कोई अपने भाई के साम्हने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे।

13. Let vs not therfore iudge one another enymore. But iudge this rather, yt noma put a stomblinge blocke or an occasion to fall in his brothers waye.

14. मैं जानता हूं, और प्रभु यीशु से मुझे निश्चय हुआ है, कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उस को अशुद्ध समझता है, उसके लिये अशुद्ध है।

14. I knowe, & am full certified in ye LORDE Iesu, yt there is nothinge comen of itselfe: but vnto him yt iudgeth it to be comen, to him is it comen.

15. यदि तेरा भाई तेरे भोजन के कारण उदास होता है, तो फिर तू प्रेम की रीति से नहीं चलता: जिस के लिये मसीह मरा उस को तू अपने भोजन के द्वारा नाश न कर।

15. But yf yi brother be greued ouer yi meate, the walkest thou not now after charite. Destroye not wt thy meate, him, for whom Christ dyed,

16. अब तुम्हारी भलाई की निन्दा न होने पाए।

16. Se therfore that youre treasure be not euell spoke of.

17. क्योंकि परमशॆवर का राज्या खानापीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;

17. For the kyngdome of God is not meate and drynke, but righteousnes, & peace, and ioye in the holy goost.

18. जो पवित्राआत्मा से होता है और जो कोई इस रीति से मसीह की सेवा करता है, वह परमेश्वर को भाता है और मनुष्यों में ग्रहणयोग्य ठहरता है।

18. He that in these thinges serueth Christ, pleaseth God, & is comended of me.

19. इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो।

19. Let vs therfore folowe those thinges which make for peace, & thinges wherwith one maye edifye another.

20. भोजन के लिये परमेश्वर का काम न बिगाड़: सब कुछ शुद्ध तो है, परन्तु उस मनुष्य के लिये बुरा है, जिस को उसके भोजन करने से ठोकर लगती है।

20. Destroye not ye worke of God for eny meates sake. All thinges truly are cleane, but it is euell for yt ma, which eateth wt hurte of his coscience

21. भला तो यह है, कि तू न मांस खाए, और न दाख रस पीए, न और कुछ ऐसा करे, जिस से तेरा भाई ठोकर खाए।

21. It is moch better yt thou eate no flesh, and drynke no wyne, nor eny thinge, wherby thy brother stombleth, or falleth, or is made weake.

22. तेरा जो विश्वास हो, उसे परमेश्वर के साम्हने अपने ही मन में रख: धन्य है वह, जो उस बात में, जिस वह ठीक समझता है, अपने आप को दोषी नहीं ठहराता ।

22. Hast thou faith, haue it with yi selfe before God Happye is he, that codemneth not him selfe in yt thinge which he aloweth.

23. परन्तु जो सन्देह कर के खाता है, वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह निश्चय धारणा से नहीं खाता, और जो कुछ विश्वास से नहीं, वह पाप है।।

23. But he that maketh conscience of it and yet eateth, is dampned: because he doth it not of faith. For what so euer is not of faith, that same is synne.



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